लखनऊ: हालिया विधानसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा. 9 सीटों में से सात सीटों पर तो बीएसपी के उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गई. दो सीटों पर जमानत तो बची, लेकिन प्रदर्शन बदतर ही रहा. यूपी में जिस पार्टी की चार बार सरकार रही हो उस पार्टी की इस हालत के लिए कहीं न कहीं नेता सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. नतीजों से बीएसपी सुप्रीमो मायावती बिल्कुल भी खुश नहीं हैं.
शनिवार को बीएसपी सुप्रीमो ने लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर बीएसपी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों सहित पार्टी के अन्य जिम्मेदारों की विशेष बैठक बुलाई है. सूत्र बताते हैं, कि जिन सीटों पर अभी चुनाव हुए हैं उनके जिम्मेदारों पर गाज भी गिर सकती है. उन्हें बसपा अध्यक्ष की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है.
बहुजन समाज पार्टी मुख्यालय पर शनिवार को उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक होगी. इस बैठक को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती संबोधित करेंगी. पिछली बैठक में पार्टी और मूवमेंट के हित में दिए गए कार्यों की गहन समीक्षा करेंगी. पार्टी के आगे के लिए भी जरूरी दिशा निर्देश दिए जाएंगे.
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बीएसपी मुख्यालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि दोनों राज्यों के सभी पदाधिकारियों को बीएसपी सुप्रीमो के निर्देश पर बुलाया गया है. उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में जहां उपचुनाव हुए और विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, वहां पर भी बीएसपी के लिए परिणाम पक्ष में नहीं आए. ऐसे में अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती फिक्रमंद है कि कैसे पार्टी को फिर से मजबूत किया जाए. सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है.
2007 में पहली बार इस प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने अकेले दम प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई थी. इसके बाद से ही बहुमत की सरकारें बनने का सिलसिला शुरू हुआ. बीएसपी के बाद समाजवादी पार्टी और फिर लगातार दो बार भाजपा ने प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई. अब उत्तर प्रदेश में चार बार सत्ता संभाल चुकी बीएसपी की हालत बिल्कुल खस्ता हो चली है. उसे दुरुस्त करने के लिए ही बीएसपी सुप्रीमो एक बार फिर पदाधिकारियों को संबोधित करेंगी. पार्टी की रणनीति साझा करेंगी.
बहुजन समाज पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं, कि यूपी की जिन नौ सीटों के लिए पदाधिकारियों को दायित्व सौंपा गया था. उस पर वह खरे नहीं उतरे हैं. ऐसे में इन सीटों के जिम्मेदारों पर बीएसपी मुखिया बड़ा एक्शन भी ले सकती हैं. कई अनुभवी नेताओं को नई जिम्मेदारी मिल सकती है.
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