शिमला: बहुजन समाज पार्टी हिमाचल प्रदेश ने आरोप लगाया है कि किसी भी विधायक या सांसद ने अनुसूचित जाति के 15 हजार करोड़ रुपये खर्च नहीं किए हैं. बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश सचिव अनिल कुमार मंगेट ने कहा कि 17 लाख की आबादी वाले अनुसूचित जाति के लिए कोई भी सरकार काम नहीं कर रही है. उनका कहना था कि आरक्षित सीट से चुने गए प्रतिनिधि ने एक भी पैसा खर्च नहीं किया. उन्होंने कहा कि 2018 में एडवोकेट की हत्या हो जाती है, उसके बाद भी कोई जनप्रतिनिधि इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता.
अनिल मंगलेट ने कहा कि बहुजन समाज पर बढ़ते अन्याय, अत्याचार एंव शोषण और गैर कानूनी भर्तियां, बैकडोर, गैर संवैधानिक तरीके से हजारों हो रही भर्तियां, जमीन का गैर कानूनी तरीके से आवंटन और बैकलॉग की 50,000 से अधिक खाली पदों की भर्ती एवं आरक्षण व्यवस्था को दरकिनार करके आउटसोर्सिंग भर्ती के लिए आरक्षित सीटों (SC) से चुने गए प्रदेश वर्तमान सांसद एव विधायकों को जिम्मेदार ठहराया. अनिल कुमार मंगेट ने कहा कि इन्हें वोट मांगने का कोई हक नहीं है. बल्कि उल्टा लोगों से माफी मांग कर अपने पदों से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
अनिल कुमार मंगेट ने कहा कि विधायकों और सांसदों ने अपने पदों की गरिमा को खो दिया है. इनकी वजह से SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक समुदाय और गरीब, आम जनमानस हाशिए पर चला गया है. जब बहुजन समाज पार्टी BSP (बसपा) की प्रदेश व देश में सरकार बनेगी तो सभी गरीबों, पीड़ितों, शोषितों, वंचितों, बेरोजगारों, मजदूरों, कमजोर के साथ न्याय करेगी उन्हें उनका हक दिया जाएगा. अपनी बात मीडिया के माध्यम से उठाएगी. जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव को भी बहुजन समाज पार्टी बसपा (BSP) पूरे दम के साथ लड़ेगी.
ये भी पढ़ें- सुधीर शर्मा को टिकट मिलने से नाराज राकेश चौधरी ने दिया सभी पदों से इस्तीफा, चुनाव लड़ने का किया ऐलान