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भावना पांडे के बसपा छोड़ने से प्रदेश प्रभारी पर गिरी गाज! यूपी के पूर्व विधायक हरिद्वार से लड़ेंगे चुनाव - Bhawna Pandey Leaves BSP - BHAWNA PANDEY LEAVES BSP

BSP Removed State in Charge Naresh Gautam, Bhawna Pandey लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रदेश की राजनीति में उठापठक देखने को मिल रहा है. यूं तो उत्तराखंड में दो मुख्य पार्टी है. जिनका एक बड़ा जनाधार है और यही दोनों पार्टियां सत्ता पर काबिज रही है, लेकिन अन्य पार्टियां सपा, बसपा, आप और यूकेडी भी हर चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है. अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाली भावना पांडे ने पिछले हफ्ते बसपा का दामन थामा था, फिर बसपा ने हरिद्वार लोकसभा सीट से भावना पांडे को प्रत्याशी भी घोषित कर दिया, लेकिन अचानक भावना पांडे ने बसपा का दामन छोड़ दिया. जिसके चलते बसपा सुप्रीमो ने प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम को हटा दिया है.

BHAWNA PANDEY LEAVES BSP
भावना पांडे
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 26, 2024, 9:31 PM IST

Updated : Mar 26, 2024, 10:06 PM IST

देहरादून: पिछले विधानसभा चुनाव से भावना पांडे विधायकी लड़ने के लिए ताल ठोकती दिखाई दे रही थी, लेकिन ऐन मौके पर चुनाव से अपने हाथ पीछे खींच लेती हैं. ऐसा ही कुछ लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है. इस बार भी भावना पांडे हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी. इसी बीच बसपा से टिकट मिलने की संभावना को देखते हुए भावना पांडे प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम की मौजूदगी में बसपा में शामिल हो गई. इसके बाद बसपा ने हरिद्वार लोकसभा सीट से भावना को टिकट भी दे दिया. टिकट मिलने के बाद भावना जीत का दम भरने लगी, लेकिन अचानक होली के दिन हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के बाद भावना ने बसपा से इस्तीफा दे दिया.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम को हटाया: भावना पांडे के इस पॉलिटिकल ड्रामे से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम को हटा दिया है. जिसकी मुख्य वजह यही बताई जा रही है कि नरेश गौतम को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी कि भावना पार्टी छोड़ रही है. हालांकि, बसपा के दो प्रभारी शम्सुद्दीन राईन और सुरेश आर्य ही लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे.

यूपी के पुर्व विधायक जमील अहमद कासमी को बनाना पड़ा प्रत्याशी: भावना पांडे के पार्टी छोड़ने के बाद बसपा ने उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा से पूर्व बसपा विधायक जमील अहमद कासमी को हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है. संभावना जताई जा रही है कि होली के दिन त्रिवेंद्र सिंह रावत से हुई मुलाकात के बाद भावना ने बसपा का दामन छोड़ दिया है. जल्द ही भावना पांडे बीजेपी का दामन थाम सकती है.

BHAWNA PANDEY
भावना पांडे

27 मार्च को जमील अहमद करेंगे नामांकन: हरिद्वार लोकसभा सीट से बसपा ने यूपी के मीरापुर विधानसभा से पूर्व विधायक रहे जमील अहमद कासमी को प्रत्याशी नामित किया है. पूर्व विधायक जमील अहमद साल 2012 से 2017 तक मीरापुर विधानसभा से बसपा विधायक रहे हैं. हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जमील अहमद नामांकन के अंतिम दिन यानी 27 मार्च की अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. साथ ही नैनीताल में अख्तर माहिगिरी और अल्मोड़ा में नारायण राम भी 27 मार्च को नामांकन दाखिल करेंगे. इसके अलावा बसपा के टिहरी और गढ़वाल से घोषित प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.

कांग्रेस की बढ़ सकती है मुश्किलें: बसपा की ओर से हरिद्वार लोकसभा सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी उतरने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जिसका फायदा बीजेपी को मिलेगा. क्योंकि, वर्तमान समय में बड़े शहरों की बात करें तो हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तो कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया है. इसके साथ ही निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी हरिद्वार लोकसभा सीट पर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है.

हरिद्वार लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 4 लाख के आसपास है. ऐसे में बसपा की ओर से मुस्लिम कैंडिडेट उतारने पर कांग्रेस प्रत्याशी के वोट पर बड़ा असर पड़ेगा. जबकि, निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार पहले से ही कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा रहे हैं. लिहाजा, बसपा के इस कैंडिडेट से बीजेपी को काफी फायदा मिल सकता है.

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम को हटाया: भावना पांडे के इस पॉलिटिकल ड्रामे से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम को हटा दिया है. जिसकी मुख्य वजह यही बताई जा रही है कि नरेश गौतम को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी कि भावना पार्टी छोड़ रही है. हालांकि, बसपा के दो प्रभारी शम्सुद्दीन राईन और सुरेश आर्य ही लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे.

यूपी के पुर्व विधायक जमील अहमद कासमी को बनाना पड़ा प्रत्याशी: भावना पांडे के पार्टी छोड़ने के बाद बसपा ने उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा से पूर्व बसपा विधायक जमील अहमद कासमी को हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है. संभावना जताई जा रही है कि होली के दिन त्रिवेंद्र सिंह रावत से हुई मुलाकात के बाद भावना ने बसपा का दामन छोड़ दिया है. जल्द ही भावना पांडे बीजेपी का दामन थाम सकती है.

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भावना पांडे

27 मार्च को जमील अहमद करेंगे नामांकन: हरिद्वार लोकसभा सीट से बसपा ने यूपी के मीरापुर विधानसभा से पूर्व विधायक रहे जमील अहमद कासमी को प्रत्याशी नामित किया है. पूर्व विधायक जमील अहमद साल 2012 से 2017 तक मीरापुर विधानसभा से बसपा विधायक रहे हैं. हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जमील अहमद नामांकन के अंतिम दिन यानी 27 मार्च की अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. साथ ही नैनीताल में अख्तर माहिगिरी और अल्मोड़ा में नारायण राम भी 27 मार्च को नामांकन दाखिल करेंगे. इसके अलावा बसपा के टिहरी और गढ़वाल से घोषित प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.

कांग्रेस की बढ़ सकती है मुश्किलें: बसपा की ओर से हरिद्वार लोकसभा सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी उतरने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जिसका फायदा बीजेपी को मिलेगा. क्योंकि, वर्तमान समय में बड़े शहरों की बात करें तो हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तो कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाया है. इसके साथ ही निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी हरिद्वार लोकसभा सीट पर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है.

हरिद्वार लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 4 लाख के आसपास है. ऐसे में बसपा की ओर से मुस्लिम कैंडिडेट उतारने पर कांग्रेस प्रत्याशी के वोट पर बड़ा असर पड़ेगा. जबकि, निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार पहले से ही कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा रहे हैं. लिहाजा, बसपा के इस कैंडिडेट से बीजेपी को काफी फायदा मिल सकता है.

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Last Updated : Mar 26, 2024, 10:06 PM IST
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