लखनऊ: देश की राजनीति के केंद्र बिंदु में इन दिनों संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर बने हुए हैं. सभी राजनीतिक दल डॉ. आंबेडकर के बनाए गए संविधान को सबसे ऊपर मानकर उनके साथ अपने को जोड़ रहे हैं और देश की जनता को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि संविधान निर्माता के क्या मायने हैं.
दरअसल संविधान निर्माता के केंद्र बिंदु में आने के पीछे पिछले दिनों लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह का दिया हुआ भाषण है, जिसे अधिकतर राजनीतिक दल संविधान निर्माता का अपमान मानकर उनसे माफी की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी पुरजोर तरीके से इस मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक बनाने के प्रयास में जुटी है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आंबेडकर पर कांग्रेस के उतावलेपन को लेकर कहा है कि यह कांग्रेस का विशुद्ध छलावा है. आंबेडकर के नाम पर कांग्रेस पार्टी राजनीति कर रही है.
1. परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का श्री अमित शाह द्वारा संसद में किए अनादर को लेकर देश भर में लोगों में भारी आक्रोश, लेकिन उनकी उपेक्षा व देशहित में उनके संघर्ष को हमेशा आघात पहुँचाने वाली कांग्रेस पार्टी का इसको लेकर उतावलापन विशुद्ध छलावा व स्वार्थ की राजनीति। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) December 22, 2024
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने पोस्ट किया है कि डॉ भीमराव आंबेडकर का अमित शाह की तरफ से संसद में किए गए अनादर को लेकर देश भर में लोगों में भारी आक्रोश है, लेकिन उनकी उपेक्षा व देशहित में उनके संघर्ष को हमेशा आघात पहुंचाने वाली कांग्रेस पार्टी का इसको लेकर उतावलापन विशुद्ध छलावा है. यह स्वार्थ की राजनीति है. बसपा मुखिया ने कहा कि बाबा साहेब का नाम लेकर उनके अनुयायियों के वोट के स्वार्थ की राजनीति करने में कांग्रेस व भाजपा एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं.
डॉ. आंबेडकर के सम्मान के कारवां को आगे बढ़ने से रोकने के लिए सभी पार्टियां बीएसपी को आघात पहुंचाने के षड्यंत्र में लगी रहती हैं. उन्होंने कहा कि वास्तव में बाबा साहेब सहित बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों को भरपूर आदर सम्मान केवल बीएसपी की सरकार में ही मिल पाया. जो इन जातिवादी पार्टियों को हजम नहीं है. खासकर सपा ने तो द्वेष के तहत नए जिले, नई संस्थाओं व जनहित योजनाओं के नाम भी बदल डाले.
3. वास्तव में बाबा साहेब सहित बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं, महापुरुषों को भरपूर आदर-सम्मान केवल बीएसपी की सरकार में ही मिल पाया, जो इन जातिवादी पार्टियों को हज़म नहीं। ख़ासकर सपा ने तो द्वेष के तहत नए जिले, नई संस्थाओं व जनहित योजनाओं आदि के नाम भी बदल डाले। 3/3
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बता दें कि बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने भी एलान किया है कि 24 दिसंबर को सभी जिलों में पार्टी के कार्यकर्ता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग करेंगे. इसके लिए लखनऊ समेत सभी जिलों में बसपा नेता तैयारी में जुट गए हैं. कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी उत्तर प्रदेश में 24 दिसंबर को ही डॉ. भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से दिए गए बयान को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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