फिरोजाबाद: Firozabad Lok Sabha Seat Result Date: फिरोजाबाद लोकसभा सीट के मौजूदा स्वरूप की बात करें तो यह सीट जनपद की पांच विधानसभा सीट टूंडला, फिरोजाबाद सदर, शिकोहाबाद, जसराना, और सिरसागंज को मिलाकर बनी है.
इस सीट पर लगभग 18 लाख मतदाता अपना सांसद चुनते हैं, जिनमें से 9 लाख पुरुष मतदाता है और 7 लाख मतदाता महिलाएं हैं. इस बार भी यही 18 लाख मतदाता अपना सांसद चुनेंगे. इस सीट के लिए कुल 7 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से समाजवादी पार्टी ने परिवार के सूरमा प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को टिकट दिया है.
अक्षय यादव 2019 में भी चुनाव लड़े थे लेकिन चाचा-भतीजे की आपसी लड़ाई में वह हार गए थे और जीत का सेहरा बीजेपी प्रत्याशी के सिर बंधा था. इससे पहले साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में इसी सीट से अक्षय यादव चुनकर संसद पहुंचे थे.
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार मौजूदा सांसद चंद्रसेन जादौन का टिकट काटते हुए उनके स्थान पर पूर्व सांसद बृजराज सिंह के बेटे ठाकुर विश्वदीप सिंह को टिकट दिया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व मंत्री चौधरी बसीर को अपना उम्मीदवार बनाया है.
फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर साल 1957 में यहां पहली बार चुनाव हुए. पहली बार चुनाव में ठाकुर बृजराज सिंह निर्दलीय सांसद चुने गए. इसके बाद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से शिवचरण लाल 1967 में सांसद चुने गए. 1971 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से छत्रपति अंबेश को सांसद चुना गया.
1977 में जनता पार्टी से रामजीलाल सुमन सांसद चुने गए. 1980 में राजेश कुमार सिंह निर्दलीय सांसद चुने गए. 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से गंगाराम सांसद चुने गए. 1989 में जनता दल से रामजीलाल सुमन संसद चुने गए.
साल 1991, 1996 और 1998 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट से प्रभु दयाल कठेरिया सांसद चुने गए. उसके बाद 1999 और 2004 में रामजीलाल सुमन समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव जीते. नए परिसीमन के बाद मौजूदा स्वरूप में आई इस सीट पर साल 2009 में अखिलेश यादव यहां से चुनाव जीते.
हालांकि इसी साल 2009 में हुए उप चुनाव में यहां पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हार का मुंह देखना पड़ा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राज बब्बर चुनाव जीते.
साल 2014 में समाजवादी पार्टी से अक्षय यादव चुनाव जीते और साल 2019 में चंद्रसेन जादौन भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते जो मौजूदा सांसद हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो इस सीट पर आजादी से लेकर अभी तक बहुजन समाज पार्टी का खाता तक नहीं खुला है.
इस बार बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम वोट बैंक को रिझाने के लिए चौधरी बशीर को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर मुस्लिम वोट बैंक की अच्छी खासी संख्या है जो कि किसी प्रत्याशी की स्थिति मजबूत कर सकता है. लेकिन बसपा क्या इस बार अपना खाता खोल पाएगी यह 4 जून को पता चल पाएगा.
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