ETV Bharat / state

सपा के बाद बसपा ने भी हाथरस में उतारा पैराशूट उम्मीदवार, भाजपा ने अभी नहीं खोले पत्ते - Hathras Lok Sabha Seat

Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों सहारनपुर के जसवीर सिंह वाल्मीकि को अपना प्रत्याशी घोषित किया था और अब बसपा ने भी आगरा के हेमबाबू धनगर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 3:11 PM IST

हाथरस: लोकसभा चुनाव 2024 में हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट से सपा और बसपा ने तो अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. लेकिन, भाजपा ने अभी तक यहां अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. सपा और बसपा दोनों ने बहारी यानी पैराशूट उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में लोग टकटकी लगाए बैठे हैं कि भारतीय जनता पार्टी किसको टिकट देती है. वह भी पैराशूट उम्मीदवार लाएगी या किसी स्थानीय नेता को टिकट देगी.

समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों सहारनपुर के जसवीर सिंह वाल्मीकि को अपना प्रत्याशी घोषित किया था और अब बसपा ने भी आगरा के हेमबाबू धनगर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. हाथरस आने पर जसवीर ने कहा था कि पार्टी के निर्देश पर वह हाथरस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने आए हैं.

बाहरी उम्मीदवार होने पर उन्होंने कहा था कि जब गुजरात से आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं. राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़कर जीत सकते हैं तो फिर वह हाथरस से चुनाव क्यों नहीं जीत सकते.

वहीं बहुजन समाज पार्टी ने हाथरस लोकसभा सीट से आगरा के हेमबाबू धनगर को अपना उम्मीदवार बनाया है. हेमबाबू सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उनके पिता जेपी धनगर बसपा संस्थापक कांशीराम के समय से ही पार्टी से जुड़े हुए हैं. बाहरी होने पर उन्होंने कहा कि 20-25 साल पहले वह हाथरस के सादाबाद में रहते थे. यहां से आगरा चले गए. इसलिए उन्हें बाहरी नहीं कहा जा सकता.

यदि हाथरस लोकसभा सीट की बात करें तो यह सीट 1991 से भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में रही है. 2009 में यह सीट गठबंधन के खाते में थी तो इस पर गठबंधन की प्रत्याशी सारिका सिंह की जीत हुई थी. 1991 से लेकर अब तक इस लोकसभा सीट पर नजर डालें तो सिर्फ 2009 सारिका सिंह और 2014 में राजेश दिवाकर स्थानीय सांसद रहे हैं.

1991 में भारतीय जनता पार्टी के लालबहादुर रावल संसद रहे थे. उसके बाद 1996, 98, 99 और 2004 में हुए चुनाव में भाजपा के किशन लाल दिलेर सांसद रहे, जो अलीगढ़ जिले के रहने वाले थे. 2019 के चुनाव में किशन लाल दिलेर के बेटे राजवीर सिंह सांसद चुने गए थे. वह अलीगढ़ ही रहते हैं.

हाथरस सीट के लिए तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है. अभी तक भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. टिकट के दावेदार दिल्ली और लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं. लोगों को इंतजार है कि भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार घोषित करे ताकि वह जान पाए की उम्मीदवार स्थानीय है या बाहरी.

ये भी पढ़ेंः सपा के तीन और विधायकों को मिला बगावत का इनाम, CRPF कमांडो करेंगे अब इनकी सुरक्षा

हाथरस: लोकसभा चुनाव 2024 में हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट से सपा और बसपा ने तो अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. लेकिन, भाजपा ने अभी तक यहां अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. सपा और बसपा दोनों ने बहारी यानी पैराशूट उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में लोग टकटकी लगाए बैठे हैं कि भारतीय जनता पार्टी किसको टिकट देती है. वह भी पैराशूट उम्मीदवार लाएगी या किसी स्थानीय नेता को टिकट देगी.

समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों सहारनपुर के जसवीर सिंह वाल्मीकि को अपना प्रत्याशी घोषित किया था और अब बसपा ने भी आगरा के हेमबाबू धनगर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. हाथरस आने पर जसवीर ने कहा था कि पार्टी के निर्देश पर वह हाथरस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने आए हैं.

बाहरी उम्मीदवार होने पर उन्होंने कहा था कि जब गुजरात से आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं. राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़कर जीत सकते हैं तो फिर वह हाथरस से चुनाव क्यों नहीं जीत सकते.

वहीं बहुजन समाज पार्टी ने हाथरस लोकसभा सीट से आगरा के हेमबाबू धनगर को अपना उम्मीदवार बनाया है. हेमबाबू सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उनके पिता जेपी धनगर बसपा संस्थापक कांशीराम के समय से ही पार्टी से जुड़े हुए हैं. बाहरी होने पर उन्होंने कहा कि 20-25 साल पहले वह हाथरस के सादाबाद में रहते थे. यहां से आगरा चले गए. इसलिए उन्हें बाहरी नहीं कहा जा सकता.

यदि हाथरस लोकसभा सीट की बात करें तो यह सीट 1991 से भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में रही है. 2009 में यह सीट गठबंधन के खाते में थी तो इस पर गठबंधन की प्रत्याशी सारिका सिंह की जीत हुई थी. 1991 से लेकर अब तक इस लोकसभा सीट पर नजर डालें तो सिर्फ 2009 सारिका सिंह और 2014 में राजेश दिवाकर स्थानीय सांसद रहे हैं.

1991 में भारतीय जनता पार्टी के लालबहादुर रावल संसद रहे थे. उसके बाद 1996, 98, 99 और 2004 में हुए चुनाव में भाजपा के किशन लाल दिलेर सांसद रहे, जो अलीगढ़ जिले के रहने वाले थे. 2019 के चुनाव में किशन लाल दिलेर के बेटे राजवीर सिंह सांसद चुने गए थे. वह अलीगढ़ ही रहते हैं.

हाथरस सीट के लिए तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है. अभी तक भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. टिकट के दावेदार दिल्ली और लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं. लोगों को इंतजार है कि भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार घोषित करे ताकि वह जान पाए की उम्मीदवार स्थानीय है या बाहरी.

ये भी पढ़ेंः सपा के तीन और विधायकों को मिला बगावत का इनाम, CRPF कमांडो करेंगे अब इनकी सुरक्षा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.