देहरादून: लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी दम खम से मैदान में उतर गए हैं. इस सियासी दंगल में बहुजन समाज पार्टी ने भी उत्तराखंड में अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. खास बात ये है कि बसपा ने पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारा है.
लोकसभा चुनाव में बसपा ने उतारे ये प्रत्याशी: टिहरी लोकसभा सीट से नीम चंद्र छुरियाल को टिकट दिया है. जबकि, गढ़वाल लोकसभा सीट से धीर सिंह बिष्ट को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, अल्मोड़ा पिथौरागढ़ सीट से नारायण राम को मैदान में उतारा है. इसके अलावा नैनीताल उधम सिंह नगर सीट से अख्तर अली माहीगिर प्रत्याशी होंगे. वहीं, हरिद्वार लोकसभा सीट पर जमीम अहमद को टिकट दिया गया है. ऐसे में अब बसपा भी लोकसभा चुनाव के जंग में उतर गई है.
उत्तराखंड में बहुजन समाज पार्टी ने भी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. यही वजह है कि बसपा ने उत्तराखंड की पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. अगर विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें तो उत्तराखंड में बहुजन समाज पार्टी को दो सीटें मिली थी. जिसमें मंगलौर विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी ने जीत हासिल की थी, लेकिन बीती 30 अक्टूबर 2023 को बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी का निधन हो गया था.
वहीं, लक्सर विधानसभा सीट से मोहम्मद शहजाद बसपा से विधायक हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया था, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में बसपा ने दो सीटें हासिल करने में कामयाबी हासिल की. जिसमें मंगलौर विधानसभा सीट से सरवत करीम अंसारी और लक्सर विधानसभा सीट से मोहम्मद शहजाद शामिल हैं. हालांकि, मंगलौर सीट करीम अंसारी के निधन से खाली हो गया है.
मसूरी में बसपा प्रदेश सचिव संजय खत्री का दावा, लोकसभा चुनाव में दिखेगा भारी परिवर्तन: मसूरी में टिहरी लोकसभा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नीम चंद्र और प्रदेश सचिव संजय खत्री ने बताया कि इस बार उत्तराखंड में परिवर्तन की लहर देखने को मिलेगी. प्रदेश सचिव संजय खत्री ने कहा कि टिहरी लोकसभा से नीम चंद्र ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. पांचों लोकसभा में इस बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में विकास की गति काफी धीमी है. यहां पर स्वास्थ्य, सड़क, बिजली आदि मूलभूत सुविधाएं अभी तक कई गांव क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है. लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम हैं. पहाड़ों में एक भी ब्लड बैंक या इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है, जिस वजह से लगातार पहाड़ों से पलायन हो रहा है. न तो कांग्रेस ने और ना ही बीजेपी ने इस ओर ध्यान दिया है.
प्रदेश सचिव संजय खत्री ने कहा दोनों पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. एक सांपनाथ और दूसरा नागनाथ है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जब उत्तर प्रदेश का भाग था और उस समय की मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तराखंड क्षेत्र में 4 नए जिले बनाए और 9 तहसीलों का निर्माण कराया था. वहीं, मायावती के कार्यकाल में उत्तराखंड के क्षेत्र का विकास हुआ था. एक बार फिर से लोग मायावती के विकास को देखने चाहते है. वहीं, जल्द ही मायावती उत्तराखंड में एक विशाल रैली को संबोधित करने जा रही है.
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