जैसलमेर: जिले के सबसे बड़े चिकित्सालय में हालात न बिगड़े, इससे पहले ही सरहद की रखवाली करने वाले बीएसएफ के डॉक्टर ने मोर्चा संभाला है. बीएसएफ में तैनात डॉक्टर हेमन्त जीनगर इमरजेंसी सेवा दे रहे हैं. डॉ जीनगर ने बताया कि युद्ध की स्थितियों में हमारे साथियों के लिए हमें सेवाएं देनी पड़ती है. बीएसएफ की सेवा के साथ ही आमजन की सेवा करना हमारा कर्तव्य है. उसके लिए बीएसएफ सदैव तैयार है.
जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बीएसएफ सेना के चिकित्सकों को बुलाया था. शनिवार सुबह से ही बीएसएफ के चिकित्सक अस्पताल पहुंच चुके थे. यहां ओपीडी के साथ-साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अन्य मरीजों का उपचार किया. बता दें कि जब भी चिकित्सा संबंधी इमरजेंसी आती है. बीएसएफ डॉक्टर हर बार मोर्चा संभालते हैं.
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अस्पताल में बीएसएफ के डॉक्टरों के आने से मरीजों को राहत मिली. अस्पताल में हर बार की तरह ही मरीज आ रहे हैं. अस्पताल में पुलिस की भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. अस्पताल में दिनभर मरीजों की कतार लगी रही. गौरतलब है कि पूरे देश की तरह कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद जघन्य हत्या के विरोध में जैसलमेर के चिकित्सक भी हड़ताल पर रहे. इस मामले में राजस्थान के सरकारी और निजी डॉक्टर हड़ताल पर चल रहे हैं. मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर भी आंदोलन कर रहे हैं.