जैसलमेर. भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर में अंतरराष्ट्रीय सरहद पर बीएसएफ के जवानों ने एक और बाज को पकड़ा है. बीएसएफ की 35वीं बटालियन के जवानों ने फॉल्कन प्रजाति के बाज को बॉर्डर से पकड़ा है. बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियां इस बाज की जांच कर रही हैं. बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि सरहद पार से आए इस बाज के पैरों में लगे टैग और एंटीना की जांच की जा रही है. पूर्व में पकड़े गए बाजों की तरह इसमें भी कोई जीपीएस लगा है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि यह ट्रेंड शिकारी बाज है जो संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया है.
बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ की 35वीं बटालियन की ओर से पकड़ा गया यह बाज पालतू शिकारी हो सकता है. साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि यह बाज अरब के राज परिवार के सदस्यों का हो सकता है, जो इन दिनों शिकार के लिए पाकिस्तान में जैसलमेर से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आए हुए हैं.
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शिकार के लिए प्रशिक्षित किया जाता है बाज को : बीएसएफ ने सूत्रों ने बताया कि इस बाज को प्रशिक्षित कर शिकार के काम में लिया जाता है और इसे पूरी तरह से प्रशिक्षित करने में करीब 15 लाख से अधिक का खर्च आता है. सूत्रों ने बताया कि फॉल्कन प्रजाति के बाज काफी शक्तिशाली और तेज गति वाले पक्षी होते हैं. ये बाज उड़ते हुए ही झपटा मारकर अन्य पक्षियों का शिकार कर लेते हैं. सूत्रों ने बताया कि इस प्रजाति के बाज कई दिनों तक भूखे प्यासे रहकर भी शिकार करने की क्षमता रखते हैं. बता दें कि इससे पूर्व भी बीएसएफ ने सरहद पार से आए कई बाजों को पकड़ा है.