पटना: आज मंगलवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के मौके पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मेधा दिवस समारोह का आयोजन किया. कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, शिक्षा विभाग के अपन मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम केंद्र के सीईओ सृजनपाल सिंह मौजूद रहे. वहीं इस मौके पर कुल 51 छात्र-छात्राओं को नगद रुपये, मेडल और लैपटॉप से सम्मानित किया गया. इनमें कई छात्र-छात्राएं ऐसे रहे जिन्होंने पहली बार लैपटॉप हाथों में लिया.
किसे कितना मिला पुरस्कार: मैट्रिक और इंटरमीडिएट 2024 में बेहतर करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. मैट्रिक के टॉप 10 में रहने वाले 51 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया है. जिसमें पहले स्थान प्राप्त करने वाले को ₹100000, दूसरे स्थान पर रहने वाले को ₹75000, तीसरे स्थान पर रहने वाले को ₹50000 और चौथे स्थान से दसवें स्थान पर जगह बनाने वाले छात्र-छात्राओं को ₹10000 दिया गया. साथ ही साथ सभी को प्रशस्ति पत्र, मेडल और लैपटॉप से सम्मानित किया गया.
लैपटॉप, मेडल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित: वहीं इंटरमीडिएट के तीनों संकाय के टॉप फाइव छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. जिसमें कुल 24 छात्राएं शामिल रहीं. इसमें टॉप 3 को ₹100000, ₹75000 और ₹50000 क्रमश दिए गए इसके अलावा चौथे और पांचवें स्थान पर जगह बनाने वाले छात्र-छात्राओं को ₹15000 नगद के साथ-साथ सभी को लैपटॉप, मेडल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया.
अब चलाएंगे अपना लैपटॉप: मैट्रिक में प्रथम स्थान हासिल करने वाले शिवांकर कुमार ने बताया कि उन्होंने पूर्णिया जिला स्कूल से रहकर पढ़ाई की थी और अब वह इंजीनियरिंग के साथ-साथ एनडीए की तैयारी कर रहे हैं. वर्तमान समय में वह एक रेजिडेंशियल स्कूल में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें पहले पता नहीं था कि बिहार बोर्ड भी इंजीनियरिंग की तैयारी करता है और जगह पता चला तो उसे समय वह कहीं और एडमिशन ले चुके थे.
"लैपटॉप मिला है तो अब आगे तैयारी करने में आसानी होगी क्योंकि इससे पहले वह दूसरे के लैपटॉप को ही चलाएं हैं और अब इससे पढ़ाई में आसानी होगी. उनके पिताजी एलआईसी एजेंट है और प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं."-शिवांकर कुमार, छात्र
लैपटॉप से पढ़ाई में होगी सहूलियत: मैट्रिक में छठा स्थान प्राप्त करने वाले विक्की कुमार ने बताया कि जमुई सिमुलतला आवासीय विद्यालय से उन्होंने पढ़ाई की थी. वर्तमान समय में वह कोटा में रहकर आईआईटी की तैयारी कर रहे हैं. इससे पहले अब तक वह लैपटॉप का इस्तेमाल नहीं किए हैं क्योंकि स्कूल में कंप्यूटर लैब था वहीं पर काम चल जाता था.
"मैंने मैट्रिक में छठा स्थान प्राप्त किया है. अब उनके पास लैपटॉप हो गया है तो आगे पढ़ाई करने में सहूलियत होगी. इससे पहले अब तक वह लैपटॉप का इस्तेमाल नहीं किया था. मेरे पिता किसान है."-विक्की कुमार, छात्र
सिविल सर्विसेज की तैयारी में मिलेगी मदद: इंटरमीडिएट आर्ट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले तुषार कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में वह कॉलेज आफ कमर्स आर्ट्स एंड साइंसेज से ज्योग्राफी में ऑनर्स कर रहे हैं. यहीं से उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी. अब तक घर में एक लैपटॉप था और दो भाइयों को पढ़ाई करने में दिक्कत होती थी लेकिन अब उनके पास दो लैपटॉप हो गया है तो पढ़ाई करने में आसानी होगी.
"सिविल सर्विसेज की तैयारी करना अभी शुरू कर दिया हैं, ऐसे में काफी सारे ऑनलाइन क्लासेस होते हैं. अपना लैपटॉप होने से तैयारी में मदद मिलेगी."-तुषार कुमार, छात्र
टॉपर्स को सिविल सर्विसेज क्रैक करने की ललक: इंटरमीडिएट आर्ट्स की सेकंड टॉपर निशी सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में वह पटना वूमेंस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ऑनर्स कर रही हैं और साथ-साथ सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर रही हैं.
"घर में एक लैपटॉप पहले से था और दो बहनों में पढ़ाई को लेकर कई बार टाइम क्लैस होते थे. अब अपना पर्सनल लैपटॉप हो गया है तो इसमें पढ़ाई करूंगी क्योंकि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कई ऑनलाइन क्लासेस हैं."-निशी सिन्हा, छात्रा
पहली बार हाथों में आया लैपटॉप: इंटरमीडिएट आर्ट्स की थर्ड टॉपर तनु कुमारी ने बताया कि उनके पिताजी सड़क किनारे ढाबा चलाते हैं. इससे पहले उन्होंने कभी लैपटॉप नहीं चलाया है और पहली बार लैपटॉप उनके हाथों में लगा है. वर्तमान समय में वह इग्नू से ग्रेजुएशन कर रही हैं और साथ-साथ सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर रही हैं.
"सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कई ऑनलाइन क्लास ज्वाइन किया है और टैब पर पढ़ाई करती थी. अब मेरे पास अपना लैपटॉप हो गया है तो बड़े स्क्रीन पर आराम से ऑनलाइन क्लास कर सकूंगी और ऑनलाइन क्लासेज के दौरान आंखों को भी थोड़ी राहत मिलेगी."-तनु कुमारी, छात्रा
प्रज्ञा मैट्रिक में भी बनी थी थर्ड टॉपर: इंटरमीडिएट साइंस की फिफ्थ टॉपर प्रज्ञा कुमारी ने बताया कि उनके पिताजी किसान हैं. औरंगाबाद के ही स्कूल से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है. मैट्रिक में वह थर्ड टॉपर बनी थी तो उन्हें लैपटॉप मिला था. इस बार भी लैपटॉप मिला है तो घर में छोटे भाई बहनों को भी पढ़ाई में मदद मिलेगी.
"मैं अभी के समय मेडिकल की तैयारी कर रही हूं और नीट परीक्षा में अच्छे अंक लाकर डॉक्टर बनने का सपना है. मेडिकल की तैयारी मैं ऑनलाइन ही कर रही हूं."- प्रज्ञा कुमारी, छात्रा
पिताजी बेचते हैं सब्जी, बेटा का सपना आईएएस बनना: इंटरमीडिएट साइंस के थर्ड टॉपर गोपालगंज के प्रिंस कुमार ने बताया कि उनके पिताजी सब्जी बेचते हैं. 11वीं कक्षा में थे तब बड़ी बहन से पढ़ाई के लिए लैपटॉप मांगा था. उसी लैपटॉप पर उन्होंने भी पढ़ाई की और उनके छोटे भाई भी पढ़ाई कर रहे हैं. अभी के समय वहां पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज से इतिहास में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं.
"मेरा लक्ष्य है सिविल सर्विसेज ज्वाइन करना. अब यह लैपटॉप मिला है तो पटना में मेरे पास अब अपना लैपटॉप हो गया. अब सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए मैं ऑनलाइन क्लासेस ज्वाइन करूंगा और अपनी तैयारी शुरू करूंगा."-प्रिंस कुमार, छात्र
लैपटॉप से होगी आसान तैयारी: इंटरमीडिएट साइंस में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली सारन जिला की सिमरन गुप्ता ने बताया कि वर्तमान समय में वह इंग्लिश ऑनर्स पटना विमेंस कॉलेज से कर रही है. उनके पिताजी अपने प्रखंड में ही छोटा सा सोनारी दुकान चलाते हैं. उनका लक्ष्य है यूपीएससी क्वालीफाई करना. अब तक उन्होंने लैपटॉप नहीं चलाया है और पहली बार उन्हें लैपटॉप मिला है. लैपटॉप मिलने से सिविल सर्विसेज की तैयारी उनकी आसान होगी.
"मोबाइल पर जो क्लासेस ऑनलाइन करने पड़ते थे वह अब लैपटॉप पर करूंगी. मोबाइल पर क्लास करने में बहुत सारे डिस्टरबेंस भी होते थे, वह लैपटॉप पर क्लास करने पर नहीं होगा."-सिमरन गुप्ता, छात्रा
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