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जीजा- साला का ठगी का कॉल सेंटर, देशभर से की करोड़ों की उगाही, साइबर सेल ने गिरफ्तार कर भेजा जेल - Cyber ​​crime exposed

कानपुर में कॉल सेंटर चलाकर पूरे देश में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले जीजा-साले को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. डीसीपी क्राइम ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है. प्रतिबिम्ब पोर्टल की मदद से साइबर सेल टीम ने इन ठगों की तलाश की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 10:36 PM IST

साइबर सेल के हत्थे चढ़े 4 ठग
साइबर सेल के हत्थे चढ़े 4 ठग (PHOTO credits ETV BHARAT)
ठगी का कॉल सेंटर का खुलासा (video credits ETV BHARAT)


कानपुर: साइबर पुलिस की टीम लगातार पुलिसकर्मियों और अफसरों की ओर से आमजन को जागरूक किया जाता है कि वह अपने बैंक, क्रेडिट-डेबिट कार्डों की जानकारी किसी अपरिचित से साझा न करें. लेकिन, लालच में आकर लोग जानकारी साझा करते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला, कानपुर के साइबर सेल थाने में कुछ समय पहले दर्ज हुआ था. जब साइबर सेल पुलिस टीम ने उस मामले की जांच शुरू की, तो टीम के अफसर और कर्मी उस समय हैरान रह गए, जब उन्हें पता लगा कि, कानपुर के चार साइबर ठगों ने पूरे देश में करोड़ों रुपये की ठगी कर दी है. सबूतों के आधार पर साइबर टीम ने गुरुवार को चार साइबर ठगों, कल्याणपुर निवासी अरुण प्रताप सिंह, नौबस्ता निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, रावतपुर गांव निवासी विभा सिंह, और शिवांशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. चारों आरोपी कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र स्थित सर्वोदय नगर में पिछले तीन सालों से एक कॉल सेंटर चला रहे थे. साइबर सेल टीम को पूरे देश से 84 ठगी के मामलों की जानकारी मिली थी. खुलासा करने पर पुलिस को पता लगा अधिकतर मामले इसी कॉल सेंटर से जुड़े थे.

ठगी के इस पूरे मामले को लेकर डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया, कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड अरुण प्रताप सिंह है. वहीं, अभिषेक उसका सगा साला है. साल 2015 में अरुण दिल्ली में कॉल सेंटर में काम करता था. वहीं, उसने अपराध करने और लोगों से ठगी का तरीका सीखा. फिर, कानपुर आकर अपने साले और अन्य लोगों को भी अपराध की दुनिया में शामिल कर लिया. सभी आरोपी, जस्ट डायल की वेबसाइट से आमजन का नंबर निकालते थे. फिर, उन नंबरों पर लालची ऑफर देकर क्रेडिट और डेबिट कार्ड की पूरी जानकारी ले लेते थे. फिर एक थर्ड पार्टी एप विकसित कर ओटीपी हासिल करते थे और उसके बाद पीड़ित के खाते से पूरी राशि अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.

डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया, कि सरकार की ओर से साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने के लिए प्रतिबिंब पोर्टल बनाया गया है. इसी पोर्टल की मदद से कानपुर की साइबर सेल टीम ने चार साइबर ठगों को अरेस्ट किया. वहीं, सभी ठगों ने करोड़ों रुपये की राशि ओडिशा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में ट्रांसफर की. डीसीपी की ओर से खुलासा करने वाली पूरी साइबर सेल टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है.

ये भी पढ़ें:हेलो! मैं थाने से सिपाही बोल रहा हूं, पीड़िता से कहा- जेवर दिला दूंगा, क्यूआर पर भेज दो 20 हजार रुपए - Auraiya News

ठगी का कॉल सेंटर का खुलासा (video credits ETV BHARAT)


कानपुर: साइबर पुलिस की टीम लगातार पुलिसकर्मियों और अफसरों की ओर से आमजन को जागरूक किया जाता है कि वह अपने बैंक, क्रेडिट-डेबिट कार्डों की जानकारी किसी अपरिचित से साझा न करें. लेकिन, लालच में आकर लोग जानकारी साझा करते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला, कानपुर के साइबर सेल थाने में कुछ समय पहले दर्ज हुआ था. जब साइबर सेल पुलिस टीम ने उस मामले की जांच शुरू की, तो टीम के अफसर और कर्मी उस समय हैरान रह गए, जब उन्हें पता लगा कि, कानपुर के चार साइबर ठगों ने पूरे देश में करोड़ों रुपये की ठगी कर दी है. सबूतों के आधार पर साइबर टीम ने गुरुवार को चार साइबर ठगों, कल्याणपुर निवासी अरुण प्रताप सिंह, नौबस्ता निवासी अभिषेक प्रताप सिंह, रावतपुर गांव निवासी विभा सिंह, और शिवांशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. चारों आरोपी कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र स्थित सर्वोदय नगर में पिछले तीन सालों से एक कॉल सेंटर चला रहे थे. साइबर सेल टीम को पूरे देश से 84 ठगी के मामलों की जानकारी मिली थी. खुलासा करने पर पुलिस को पता लगा अधिकतर मामले इसी कॉल सेंटर से जुड़े थे.

ठगी के इस पूरे मामले को लेकर डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया, कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड अरुण प्रताप सिंह है. वहीं, अभिषेक उसका सगा साला है. साल 2015 में अरुण दिल्ली में कॉल सेंटर में काम करता था. वहीं, उसने अपराध करने और लोगों से ठगी का तरीका सीखा. फिर, कानपुर आकर अपने साले और अन्य लोगों को भी अपराध की दुनिया में शामिल कर लिया. सभी आरोपी, जस्ट डायल की वेबसाइट से आमजन का नंबर निकालते थे. फिर, उन नंबरों पर लालची ऑफर देकर क्रेडिट और डेबिट कार्ड की पूरी जानकारी ले लेते थे. फिर एक थर्ड पार्टी एप विकसित कर ओटीपी हासिल करते थे और उसके बाद पीड़ित के खाते से पूरी राशि अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.

डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया, कि सरकार की ओर से साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने के लिए प्रतिबिंब पोर्टल बनाया गया है. इसी पोर्टल की मदद से कानपुर की साइबर सेल टीम ने चार साइबर ठगों को अरेस्ट किया. वहीं, सभी ठगों ने करोड़ों रुपये की राशि ओडिशा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में ट्रांसफर की. डीसीपी की ओर से खुलासा करने वाली पूरी साइबर सेल टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है.

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