हिसार: बैंगन की खेती कब और कैसे करना चाहिए? बैंगन की उन्नत फसल के लिए क्या-क्या करना चाहिए? ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के जानकारों से बातचीत की. जानकारों ने बैंगन की खेती और उन्नत फसल को लेकर कई खास टिप्स दिए.
इन किस्मों का करें प्रयोग: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्लाय के कुलपति डॉ बीआर कंबोज का कहना है, "बैंगन की रोपाई जनवरी के दूसरे पखवाड़े से शुरू होगी. जनवरी माह के दूसरे पखवाड़े में साठ सेंटीमीटर की दूरी पर बैंगन के पौधे लगाएं. एक एकड़ खेत में दौ सौ ग्राम बीज पर्याप्त है. बैंगन की रोपाई जनवरी के दूसरे पखवाड़े में होती है. बैंगन उत्तम किस्मों में बीआर-हिसार श्यामल और हिसार प्रकृति को प्रयोग करें.
ऐसे करें खेती: कुलपति डॉ बीआर कंबोज ने बताया कि, "पौधा रोपण में तीन सप्ताह पहले प्रति एकड़ खेत में दस टन गोबर की सड़ी खाद या कम्पोस्ट खाद को खेत में मिला दें. दो तीन बार जुताई कर क्यारियां बना लें. एक एकड़ के लिए रोपाई के समय कुल चालीस किलोग्राम नाइट्रोजन, तीन किलोग्राम यूरिया खाद बीज, 1 किलोग्राम फास्फोरस, 125 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और दस किलोग्राम पोटाश, सोलह किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश, अवश्य दे. बाकी बचे दो तिहाई नाइट्रोजन आधी-आधी करके फसल में दो बार पौधारोपण के तीस से साठ दिन बाद दें. रोपाई कतारों में लगभग साठ सेंटीमीटर की दूरी पर करें. पौधे से पौधे की दूरी बैगन की किस्म के आधार पर 45 से 60 सेंटीमींटर रखे. रोपाई के बाद सिंचाई करें. गर्मी की फसल के लिए माह नर्सरी तैयार कर सकते हैं."
अगर पिछली फसल मर गई हो तो: वहीं, हरियाणा कृषि विश्वविद्लाय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजीव गर्ग ने कहा कि बैंगन की पिछली फसल यदि पाले से मर गई है तो उसकी पाला प्रभावित टहनियों और पत्तों को काट कर फेंक दे. खेत में उचित खाद और पानी का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से इन टहनियों में नए कल्ले फूटने लगते हैं, जो बसंत कालीन अगेती फसल देना शुरु कर देती है."
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