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सफेद हाथी साबित हो रहा करोड़ों का बीड हार्वेस्टर मशीन! हाथ से ही सफाई में लगे मजदूर

हजारीबाग की झीलों की सफाई के लिए मशीन खरीदी गयी. लेकिन यहां मशीन रस्सी से बंधी है और मजदूर हाथ से सफाई कर रहे.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 9 hours ago

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खराब बीड हार्वेस्टर मशीन और जलकुंभी साफ करता मजदूर (ईटीवी भारत)

हजारीबाग: जिला में झील समेत बड़े तालाब की साफ सफाई के लिए नगर निगम ने लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत से बीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी 2022 में की थी. अब यह मशीन सफेद हाथी का दांत साबित हो रहा है. ये मशीन तालाब में ही शोभा की वस्तु बन गयी है. आलम यह है कि उसे रस्सी से बांधकर उसे रखा गया है और साफ-सफाई में नगर निगम के कर्मियों को लगाया गया है.

हजारीबाग नगर निगम हमेशा चर्चा में रहता है. करोड़ों रुपया के सामान की खरीदारी होती है लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां 2022 में बीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी लगभग दो करोड़ रुपए से की गई थी. इस मशीन की खरीदारी झील समेत वैसे तालाब जहां जलकुंभी उग आते हैं, उसकी साफ-सफाई के लिए तत्कालीन उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित के कार्यकाल में खरीदी गयी थी.

जानकारी देते हुए संवादाता गौरव प्रकाश (ईटीवी भारत)

इसका उपयोग पिछले 4 महीने से नहीं हो रहा है. जिस कारण इलाके के झील जलकुंभी से भर गये हैं. इसे देखने वाला भी कोई नहीं है. अब यह मशीन शोभा का वस्तु बन गया है. इसे तालाब के बीच में ही रस्सी से बांधकर रखा गया है. अगर यह मशीन काम करती तो झील समेत गई जल स्रोत साफ रहते.

हजारीबाग के लगभग सभी जल स्रोत जिसमें झील, मीठा तालाब, हुरहुरु तालाब सभी जगह जलकुंभी भरे हुए हैं. अब कुछ दिनों छठ की तैयारी शुरू हो जाएगी. ऐसे में प्रशासन और नगर निगम ने सफाई कर्मियों को जलकुंभी हटाने में लगा दिया है. हजारीबाग का झील सबसे बड़ा जल स्रोत है. जहां हजारों हजार की संख्या में छठ व्रती और उनके परिवार वाले अर्घ्य देने के लिए पहुंचते हैं. साफ-सफाई के अभाव में लोग अब झील आना भी पसंद नहीं कर रहे हैं. हजारीबाग आने वाले एक बार जरूर झील परिसर आता है. अब झील की सुंदरता भी धूमिल हो रही है.

जब इस बाबत नगर निगम के नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मशीन का कुछ सामान खराब है. मुंबई से उसे मंगाया जा रहा है, जैसे ही सामान उपलब्ध हो जाएगा बीड हार्वेस्टर मशीन काम करना शुरू कर देगा. उन्होंने यह भी कहा कि छठ पर्व को देखते हुए सफाईकर्मियों को झील साफ करने के लिए लगाया गया है. यही नहीं हजारीबाग में कई ऐसे तालाब हैं जो जलकुंभी से भर गए है उसे भी साफ कराया जा रहा है. यह उम्मीद लगाई जा रही है कि छठ के पहले झील और तालाबों को साफ करा लिया जाएगा.

झील सफाई में लगे निगम के कर्मी का कहना है कि 15 मजदूर साफ-सफाई के लिए लगाए गए हैं. 15 दिनों के अंदर झील साफ हो जाएगी. झील के बीच का हिस्सा साफ नहीं हो पाएगा. उनका यह भी कहना है कि अगर बीड हारवेस्टर मशीन ठीक रहता तो एक सप्ताह के अंदर पूरा झील साफ हो जाता. बता दें कि 15वें वित्त आयोग अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से क्लिंटेक कंपनी की यह मशीन खरीदी गई थी. फ्लोटिंग बीड हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग जम्मू कश्मीर के सुप्रसिद्ध डल झील, हैदराबाद के हुसैना बांध, गोरखपुर के रामगढ़ झील की सफाई के लिए होता रही है.

ये भी पढ़ें- दुर्गा पूजा के दौरान अनोखा मूर्ति विसर्जन, पूजा समिति कर रही स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार

हजारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के दुधमटिया में वन महोत्सव मनाया गया, पेड़ों पर लाल धागा बांध रक्षा का लिया संकल्प

कूड़ा उठाने वाली मशीन खुद बनी कूड़ा, हजारीबाग नगर निगम की लाखों के उपकरण में उगने लगे घास - Hazaribag Municipal Corporation

हजारीबाग: जिला में झील समेत बड़े तालाब की साफ सफाई के लिए नगर निगम ने लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत से बीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी 2022 में की थी. अब यह मशीन सफेद हाथी का दांत साबित हो रहा है. ये मशीन तालाब में ही शोभा की वस्तु बन गयी है. आलम यह है कि उसे रस्सी से बांधकर उसे रखा गया है और साफ-सफाई में नगर निगम के कर्मियों को लगाया गया है.

हजारीबाग नगर निगम हमेशा चर्चा में रहता है. करोड़ों रुपया के सामान की खरीदारी होती है लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां 2022 में बीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी लगभग दो करोड़ रुपए से की गई थी. इस मशीन की खरीदारी झील समेत वैसे तालाब जहां जलकुंभी उग आते हैं, उसकी साफ-सफाई के लिए तत्कालीन उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित के कार्यकाल में खरीदी गयी थी.

जानकारी देते हुए संवादाता गौरव प्रकाश (ईटीवी भारत)

इसका उपयोग पिछले 4 महीने से नहीं हो रहा है. जिस कारण इलाके के झील जलकुंभी से भर गये हैं. इसे देखने वाला भी कोई नहीं है. अब यह मशीन शोभा का वस्तु बन गया है. इसे तालाब के बीच में ही रस्सी से बांधकर रखा गया है. अगर यह मशीन काम करती तो झील समेत गई जल स्रोत साफ रहते.

हजारीबाग के लगभग सभी जल स्रोत जिसमें झील, मीठा तालाब, हुरहुरु तालाब सभी जगह जलकुंभी भरे हुए हैं. अब कुछ दिनों छठ की तैयारी शुरू हो जाएगी. ऐसे में प्रशासन और नगर निगम ने सफाई कर्मियों को जलकुंभी हटाने में लगा दिया है. हजारीबाग का झील सबसे बड़ा जल स्रोत है. जहां हजारों हजार की संख्या में छठ व्रती और उनके परिवार वाले अर्घ्य देने के लिए पहुंचते हैं. साफ-सफाई के अभाव में लोग अब झील आना भी पसंद नहीं कर रहे हैं. हजारीबाग आने वाले एक बार जरूर झील परिसर आता है. अब झील की सुंदरता भी धूमिल हो रही है.

जब इस बाबत नगर निगम के नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मशीन का कुछ सामान खराब है. मुंबई से उसे मंगाया जा रहा है, जैसे ही सामान उपलब्ध हो जाएगा बीड हार्वेस्टर मशीन काम करना शुरू कर देगा. उन्होंने यह भी कहा कि छठ पर्व को देखते हुए सफाईकर्मियों को झील साफ करने के लिए लगाया गया है. यही नहीं हजारीबाग में कई ऐसे तालाब हैं जो जलकुंभी से भर गए है उसे भी साफ कराया जा रहा है. यह उम्मीद लगाई जा रही है कि छठ के पहले झील और तालाबों को साफ करा लिया जाएगा.

झील सफाई में लगे निगम के कर्मी का कहना है कि 15 मजदूर साफ-सफाई के लिए लगाए गए हैं. 15 दिनों के अंदर झील साफ हो जाएगी. झील के बीच का हिस्सा साफ नहीं हो पाएगा. उनका यह भी कहना है कि अगर बीड हारवेस्टर मशीन ठीक रहता तो एक सप्ताह के अंदर पूरा झील साफ हो जाता. बता दें कि 15वें वित्त आयोग अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से क्लिंटेक कंपनी की यह मशीन खरीदी गई थी. फ्लोटिंग बीड हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग जम्मू कश्मीर के सुप्रसिद्ध डल झील, हैदराबाद के हुसैना बांध, गोरखपुर के रामगढ़ झील की सफाई के लिए होता रही है.

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