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कोऑपरेटिव बैंकों में खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की होगी 'परमानेंट छुट्टी', सचिव ने दिए निर्देश - COOPERATIVE BANKS - COOPERATIVE BANKS

उत्तराखंड के कोऑपरेटिव बैंकों में नौकरी करने वाले ब्रांच मैनेजर व कर्मचारियों को अपने काम में सुधार लाना पड़ेगा. यदि वो ऐसा नहीं करते है तो विभाग की तरफ से उन्हें परमानेंट छुट्टी यानी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी.

COMPULSORY RETIREMENT
सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने कोऑपरेटिव बैंकों की समीक्षा बैठक की. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2024, 5:34 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के कोऑपरेटिव बैंकों को प्रॉफिट में लाने के साथ ही प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें इस पर सरकार जोर दे रही है. यही वजह है कि सहकारिता मंत्री और सचिव समय-समय पर समीक्षा बैठक कर तमाम जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने कोऑपरेटिव बैंकों की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि राज्य और जिले के कोऑपरेटिव बैंकों में खराब प्रदर्शन करने वाले सभी ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

इसके साथ ही स्वास्थ्य समस्याओं के चलते बेहतर प्रदर्शन न कर पाने वाले ब्रांच मैनेजर और कर्मचारियों को ''परफॉर्मेंस फॉर अस्वस्थ कर्मचारी'' प्रोग्राम के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त दी जाएगी. समीक्षा बैठक के दौरान सचिव दिलीप जावलकर ने सभी डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंको में मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग की सुविधाओं को जल्द से जल्द शुरू करने का भी निर्देश दिए, ताकि ग्राहकों को आधुनिक सुविधा मिल सके.

इसके साथ ही निर्देश दिए कि एनपीए वसूली में कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के साथ ही एनपीए वसूली के लिए पुलिस की मदद ली जाए. बैठक के दौरान प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल ने बताया कि वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक की कुल 15 शाखाओं में से 12 शाखाएं प्रॉफिट में हैं.

इसके अलावा ग्राहकों से बकाया लोन की वसूली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. एनपीए में 4.08 फीसदी की कमी आई है. जिस पर सचिव जावलकर ने प्रबंध निदेशक को प्रधानमंत्री सहकारी आवास लोन, गृह लोन और कोऑपरेटिव हाउसिंग लोन की ठोस नीति बनाने को कहा. साथ ही सरकारी कर्मचारियों और कॉर्पोरेट ग्राहकों को बैंकों में खाते खोलने के लिए आकर्षित करने के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश दिए.

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देहरादून: उत्तराखंड के कोऑपरेटिव बैंकों को प्रॉफिट में लाने के साथ ही प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें इस पर सरकार जोर दे रही है. यही वजह है कि सहकारिता मंत्री और सचिव समय-समय पर समीक्षा बैठक कर तमाम जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने कोऑपरेटिव बैंकों की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि राज्य और जिले के कोऑपरेटिव बैंकों में खराब प्रदर्शन करने वाले सभी ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

इसके साथ ही स्वास्थ्य समस्याओं के चलते बेहतर प्रदर्शन न कर पाने वाले ब्रांच मैनेजर और कर्मचारियों को ''परफॉर्मेंस फॉर अस्वस्थ कर्मचारी'' प्रोग्राम के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त दी जाएगी. समीक्षा बैठक के दौरान सचिव दिलीप जावलकर ने सभी डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंको में मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग की सुविधाओं को जल्द से जल्द शुरू करने का भी निर्देश दिए, ताकि ग्राहकों को आधुनिक सुविधा मिल सके.

इसके साथ ही निर्देश दिए कि एनपीए वसूली में कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के साथ ही एनपीए वसूली के लिए पुलिस की मदद ली जाए. बैठक के दौरान प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल ने बताया कि वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक की कुल 15 शाखाओं में से 12 शाखाएं प्रॉफिट में हैं.

इसके अलावा ग्राहकों से बकाया लोन की वसूली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. एनपीए में 4.08 फीसदी की कमी आई है. जिस पर सचिव जावलकर ने प्रबंध निदेशक को प्रधानमंत्री सहकारी आवास लोन, गृह लोन और कोऑपरेटिव हाउसिंग लोन की ठोस नीति बनाने को कहा. साथ ही सरकारी कर्मचारियों और कॉर्पोरेट ग्राहकों को बैंकों में खाते खोलने के लिए आकर्षित करने के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश दिए.

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