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21 साल की चेष्टा बिश्नोई ने कई लोगों को दिया जीवनदान, पायलट बनने का था सपना - BRAIN DEAD

ब्रेन डेड चेष्टा बिश्नोई ने जाते-जाते कई लोगों को जीवनदान दिया.

चेष्टा बिश्नोई ने कई लोगों को दिया जीवनदान
चेष्टा बिश्नोई ने कई लोगों को दिया जीवनदान (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

जोधपुर : पुणे में सड़क दुर्घटना ने घायल हुई मारवाड़ की चेष्टा बिश्नोई ने मौत के बाद भी कई लोगों को नई जिंदगी दे दी. मूलतः पोकरण के खेतोलाई और वर्तमान में जोधपुर रहने वाली 21 वर्षीय चेष्टा बिश्नोई महाराष्ट्र में रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी में कमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग कर रही थीं, लेकिन 9 दिसंबर को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई. डॉक्टर्स ने उन्हें 17 दिसंबर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. चेष्टा के माता-पिता सहित परिवार ने बड़ा निर्णय लेते हुए कई अंग दान किए और 5 लोगों को नई जिंदगी दी. बुधवार को उनके पैतृक गांव ने अंतिम संस्कार किया गया.

हेरिटेज ओनर्स सोसायटी के अध्यक्ष अशोक संचेती ने बताया कि चेष्टा के पिता ज्योति प्रकाश किसान होने के साथ पोकरण में गैस की एजेंसी भी चलाते हैं. चेष्टा जोधपुर उम्मेद हेरिटेज रहती थी और राजमाता कृष्णा कुमारी स्कूल से उसने पढ़ाई की थी. वह पायलट बनना चाहती थी और अपने पहले स्ट्राइप्स पहनने की तैयारी में थी. चेष्टा ने उड़ान के लिए जरूरी 200 घंटों में से 55 घंटे पूरे कर लिए थे. मौत की खबर के बाद घर में शोक की लहर छा गई.

पुणे में सड़क दुर्घटना ने चेष्टा हुई ब्रेन डेड
पुणे में सड़क दुर्घटना ने चेष्टा हुई ब्रेन डेड (ETV Bharat File Photo)

पढ़ें. कई लोगों को जीवनदान दे गए 'विष्णु', ब्रेन डेड होने के बाद परिजनों ने किया ऑर्गन डोनेट

पांच अंग किए दान : चेष्टा के पिता ने उसके दिल, लिवर, दोनों किडनी और पेंक्रियाज सहित उनके अंग दान करने की सहमति दी थी. पुणे के रुबी हॉल क्लिनिक में जिन लोगों को नया जीवन मिला, उनके परिवार की ओर से चेष्टा और उनके परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया गया. चेष्टा का शव बुधवार शाम को घर पहुंचा. पार्थिव देह का पोकरण के खेतोलाई गांव में नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया.

जोधपुर : पुणे में सड़क दुर्घटना ने घायल हुई मारवाड़ की चेष्टा बिश्नोई ने मौत के बाद भी कई लोगों को नई जिंदगी दे दी. मूलतः पोकरण के खेतोलाई और वर्तमान में जोधपुर रहने वाली 21 वर्षीय चेष्टा बिश्नोई महाराष्ट्र में रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी में कमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग कर रही थीं, लेकिन 9 दिसंबर को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई. डॉक्टर्स ने उन्हें 17 दिसंबर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. चेष्टा के माता-पिता सहित परिवार ने बड़ा निर्णय लेते हुए कई अंग दान किए और 5 लोगों को नई जिंदगी दी. बुधवार को उनके पैतृक गांव ने अंतिम संस्कार किया गया.

हेरिटेज ओनर्स सोसायटी के अध्यक्ष अशोक संचेती ने बताया कि चेष्टा के पिता ज्योति प्रकाश किसान होने के साथ पोकरण में गैस की एजेंसी भी चलाते हैं. चेष्टा जोधपुर उम्मेद हेरिटेज रहती थी और राजमाता कृष्णा कुमारी स्कूल से उसने पढ़ाई की थी. वह पायलट बनना चाहती थी और अपने पहले स्ट्राइप्स पहनने की तैयारी में थी. चेष्टा ने उड़ान के लिए जरूरी 200 घंटों में से 55 घंटे पूरे कर लिए थे. मौत की खबर के बाद घर में शोक की लहर छा गई.

पुणे में सड़क दुर्घटना ने चेष्टा हुई ब्रेन डेड
पुणे में सड़क दुर्घटना ने चेष्टा हुई ब्रेन डेड (ETV Bharat File Photo)

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पांच अंग किए दान : चेष्टा के पिता ने उसके दिल, लिवर, दोनों किडनी और पेंक्रियाज सहित उनके अंग दान करने की सहमति दी थी. पुणे के रुबी हॉल क्लिनिक में जिन लोगों को नया जीवन मिला, उनके परिवार की ओर से चेष्टा और उनके परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया गया. चेष्टा का शव बुधवार शाम को घर पहुंचा. पार्थिव देह का पोकरण के खेतोलाई गांव में नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया.

Last Updated : 3 hours ago
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