पटना: बीपीएससी 70वीं प्रीलिम्स का रिजल्ट जारी हो चुका है, लेकिन गलत आंसर को लेकर अभी भी मुद्दा गर्म है. प्रशांत शेखर और उनके साथ 29 युवाओं ने आयोग के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस मामले को पूर्व की याचिका के साथ मर्ज कर दिया गया है. अब 31 जनवरी को एक साथ सुनवाई होगी.
आयोग ने गलत उत्तर को माना सही: मंगलवार को सुनवाई के बाद शिक्षक रहमांशु सर ने बताया कि आयोग के रिजल्ट जारी करने से पूर्व अभ्यर्थी प्रशांत शेखर और उनके साथ कुल 30 अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी. आयोग के फाइनल आंसर की पर प्रश्न उठाया गया. 10 से 12 प्रश्नों के उत्तर पर आपत्ति है, लेकिन आयोग की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई है.
19.2 प्रतिशत अभ्यर्थी सफल: रहमांशु सर ने बताया कि 13 दिसंबर को जो परीक्षा आयोजित हुई उसके बाद 4 जनवरी को जो परीक्षा हुई उसमें लगभग 24 प्रश्न ऐसे थे जो डायरेक्ट इनडायरेक्ट पिछले दिन की परीक्षा से मिल रहे थे. इस परीक्षा में 6.6% अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जिसमें 6.3 प्रतिशत अभ्यर्थी 13 दिसंबर की परीक्षा के सफल हुए हैं और 19.2% अभ्यर्थी 4 जनवरी को आयोजित हुई परीक्षा से सफल हुए हैं.
"आयोग यदि आंकड़ों का खेल कर रहा है तो बीपीएससी के अभ्यर्थी और शिक्षक भी डाटा का अध्ययन करना जानते हैं. अब इस मामले की सुनवाई 31 जनवरी को होगी. पूर्व अभ्यर्थी प्रशांत शेखर और 30 अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी." -रहमांशु सर
अधिकारों का हुआ उल्लंघन: अधिवक्ता अर्पित आनंद ने बताया कि वह याचिका कर्ता की ओर से कोर्ट में पक्ष रख रहे थे. माननीय न्यायालय को बताया कि आयोग ने संविधान के किन-किन धाराओं का उल्लंघन किया है. समानता का अधिकार का इसमें उल्लंघन हुआ है. आर्टिकल 14 और 31 का उल्लंघन हुआ है.
"कई प्रश्नों के गलत उत्तर को आयोग ने सही माना है. जल्दीबाजी में आयोग ने रिजल्ट प्रकाशित किया. न्यायालय की ओर से कहा गया कि इस मामले में पप्पू कुमार याचिकाकर्ता की ओर से एक मामले में पूर्व से सुनवाई चल रही है. उसी मामले में इसे भी मर्ज कर दिया गया है." -अर्पित आनंद, अधिवक्ता
आयोग के पूर्व अध्यक्ष अतुल प्रसाद का ट्वीट: इसी बीच बीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर कहा है कि 'हाल के दिनों में हमने देश में पेपर लीक/वायरल के मामले देखे हैं. मुझे लगता है कि इनसाइडर ट्रेडिंग जैसा "सूचना लीक" संभवतः एक नया खतरा हो सकता है. जिसके बारे में हमें सचेत रहना चाहिए, खासकर इसलिए क्योंकि पारदर्शिता की कमी इसे जन्म देती है और गलत सूचना इसे कई गुना बढ़ा देती है.'
13 दिसंबर हुई थी परीक्षा: बता दें कि 13 दिसंबर को बीपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा हुई थी. इस दौरान एक केंद्र की परीक्षा को बहिष्कार किया गया जिसे 4 जनवरी को लिया गया. अनियमित्ता को लेकर प्रदर्शन भी हुए. इस बीच बीपीएससी ने 18 जनवरी को फाइनल आंसर जारी करते हुए 23 जनवरी को रिजल्ट भी जारी कर दिया और गलत प्रश्नपत्र का मामला उठाने वालों को हिदायत भी दी.
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