नई दिल्ली: नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तरफ से जारी मंगलवार को एक बयान में कहा गया कि हवाई अड्डा और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. ने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और हवाई अड्डे की एटीएफ मांग को कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए 20 फरवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि समर्पित एटीएफ पाइपलाइन 34 किमी तक फैली होगी, और हवाईअड्डा परिसर के भीतर 1.2 किमी तक विस्तारित होगी.
जानकारी के अनुसार, यह पाइपलाइन अनुबंध आधार पर संचालित होगी. इससे हवाई अड्डे तक निर्बाध ईंधन परिवहन सुनिश्चित होगा. इसमें कहा गया है कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर्यावरण प्रबंधन को लेकर प्रतिबद्ध है और यह कदम उसी का हिस्सा है. यह पाइपलाइन ईंधन प्राप्ति को आसान बनाएगी और टैंकरों की आवाजाही बंद होगी. इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी."
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बीपीसीएल के निदेशक सुखमल जैन ने कहा कि जब से देश में विमानन उद्योग शुरू हुआ है. कंपनी भारत में हवाई अड्डों और संबद्ध बुनियादी ढांचे पर एटीएफ सुविधाएं स्थापित करने में अग्रणी रही है. उन्होंने ईंधन के सड़क परिवहन को कम करके और अधिक टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देकर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए बीपीसीएल की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया.
हवाई अड्डे के मुख्य परिचालन अधिकारी किरण जैन ने कहा कि यह सहयोग लागत-कुशल और टिकाऊ समाधान पेश करने की उनकी रणनीतिक दृष्टि के अनुरूप है जो सड़क परिवहन की तुलना में तरल ईंधन के परिवहन के लिए अधिक किफायती है.
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