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राजस्थान ओलंपिक संघ के दोनों गुटों ने बनाई कार्यकारणी, खेल और खिलाड़ियों की बढ़ी चिंता - Olympic Association Dispute

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 24, 2024, 7:08 PM IST

Olympic Association Dispute, राजस्थान में पिछले 3 साल से ओलंपिक संघ में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ओलंपिक संघ में दो अलग-अलग कार्यकारिणी के सदस्य खुद को सही और वास्तविक होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब इसको लेकर राज्य के खेल और खिलाड़ियों की चिंता एकदम से बढ़ गई है.

Olympic Association Dispute
असली-नकली के खेल में फंसे खिलाड़ी (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. फ्रांस के पेरिस में अगले महीने से ओलंपिक खेलों के आयोजन होने जा रहे हैं. देश-दुनिया के खिलाड़ी इसकी तैयारी में जुटे हैं, लेकिन राजस्थान में पिछले तीन साल से ओलंपिक संघ में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ओलंपिक संघ में दो अलग-अलग कार्यकारिणी के सदस्य खुद को सही और वास्तविक होने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर राजस्थान के खेल और खिलाड़ियों के बीच संशय खड़ा हो गया है कि राजस्थान के खेल को कौन सी कार्यकारिणी आगे लेकर जाएगी.

राजस्थान ओलंपिक संघ की दोनों ही गुटों की कार्यकारणी ने इस बार दावा किया है कि वे राजस्थान के खेलों को लेकर काम करेंगे, लेकिन इसी बीच दोनों कार्यकारणी एक-दूसरे को नकली या फिर गैरकानूनी करार दे रहे हैं. मगर इस बीच राज्य के खिलाड़ियों की चिंता एकदम से बढ़ गई है. वहीं, अब खिलाड़ी जानना चाहते हैं कि आखिर असली ओलंपिक संघ कौन सा है.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान ओलंपिक संघ के दो गुटों में विवाद, एक ने चुनाव कराकर घोषित की कार्यकारिणी, दूसरे ने किया ये दावा - Olympic Association Dispute

सिर्फ हो रही सियासत : मामले को लेकर राजस्थान सॉफ्टबॉल हॉकी एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रमेश सिंह का कहना है कि एक ओर तो विश्व में ओलंपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है तो दूसरी ओर राजस्थान में दो-दो ओलंपिक संघ बन गए हैं. रमेश सिंह का कहना है कि इन दोनों ओलंपिक संघों को सिर्फ अपनी राजनीति चमकानी है. खेलों से इनका कोई वास्ता नहीं है.

बीते कुछ वर्षों से राजस्थान में दो-दो ओलंपिक संघ काम करते आ रहे, लेकिन खेलों से जुड़ा कोई बड़ा आयोजन ये लोग नहीं करा सके हैं. इसके अलावा प्रदेश के खिलाड़ी भी असमंजस की स्थिति में हैं कि आखिर किस संघ को असली माना जाए. दरअसल, राजस्थान ओलंपिक संघ में लंबे समय तक जनार्दन सिंह गहलोत का वर्चस्व रहा है, लेकिन उनके निधन के बाद ओलंपिक संघ में दो फाड़ हो गए.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान ओलंपिक संघ विवाद : कौन असली कौन नकली? अब दोनों संघ कराने जा रहे चुनाव - Olympic Association Dispute

एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप : बीते दिनों राजस्थान ओलंपिक संघ के चुनाव संपन्न हो गए, जिसमें अनिल व्यास गुट और अरूण सारस्वत गुट ने अपनी कार्यकारणी भी बना ली. जयपुर क्लब में आयोजित चुनाव और एजीएम में अनिल व्यास को अध्यक्ष और रामावतार सिंह जाखड़ को महासचिव घोषित करते हुए पूरी कार्यकारिणी का गठन किया गया. अनिल व्यास ग्रुप ने भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन से विधिवत मान्यता होने और मान्यता प्राप्त 29 में 18 खेल संघों के समर्थन का दावा किया. व्यास ग्रुप का दावा है कि उनकी कार्यकारिणी ही असली है. बाकी राजस्थान ओलंपिक संघ का होने का दावा करने वाले लोग पूरी तरह से गैरकानूनी हैं.

दूसरी तरफ शहर के एक निजी होटल में राजस्थान ओलंपिक संघ के बैनर तले दूसरी बैठक हुई. इसमें अध्यक्ष अजीत सिंह और सचिव अरूण सारस्वत की ओर से दावा किया गया कि उनकी ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी सभी नियमों को पूरा करती है. उनके कहा कि हमें 27 खेल संघों का समर्थन है. अनिल व्यास ग्रुप के खेल संघों के पदाधिकारियों की मान्यता ही खटाई में पड़ी हुई है. वे खुद को किस आधार पर ओलंपिक संघ के पदाधिकारी बता रहे हैं.

जयपुर. फ्रांस के पेरिस में अगले महीने से ओलंपिक खेलों के आयोजन होने जा रहे हैं. देश-दुनिया के खिलाड़ी इसकी तैयारी में जुटे हैं, लेकिन राजस्थान में पिछले तीन साल से ओलंपिक संघ में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ओलंपिक संघ में दो अलग-अलग कार्यकारिणी के सदस्य खुद को सही और वास्तविक होने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर राजस्थान के खेल और खिलाड़ियों के बीच संशय खड़ा हो गया है कि राजस्थान के खेल को कौन सी कार्यकारिणी आगे लेकर जाएगी.

राजस्थान ओलंपिक संघ की दोनों ही गुटों की कार्यकारणी ने इस बार दावा किया है कि वे राजस्थान के खेलों को लेकर काम करेंगे, लेकिन इसी बीच दोनों कार्यकारणी एक-दूसरे को नकली या फिर गैरकानूनी करार दे रहे हैं. मगर इस बीच राज्य के खिलाड़ियों की चिंता एकदम से बढ़ गई है. वहीं, अब खिलाड़ी जानना चाहते हैं कि आखिर असली ओलंपिक संघ कौन सा है.

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सिर्फ हो रही सियासत : मामले को लेकर राजस्थान सॉफ्टबॉल हॉकी एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रमेश सिंह का कहना है कि एक ओर तो विश्व में ओलंपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है तो दूसरी ओर राजस्थान में दो-दो ओलंपिक संघ बन गए हैं. रमेश सिंह का कहना है कि इन दोनों ओलंपिक संघों को सिर्फ अपनी राजनीति चमकानी है. खेलों से इनका कोई वास्ता नहीं है.

बीते कुछ वर्षों से राजस्थान में दो-दो ओलंपिक संघ काम करते आ रहे, लेकिन खेलों से जुड़ा कोई बड़ा आयोजन ये लोग नहीं करा सके हैं. इसके अलावा प्रदेश के खिलाड़ी भी असमंजस की स्थिति में हैं कि आखिर किस संघ को असली माना जाए. दरअसल, राजस्थान ओलंपिक संघ में लंबे समय तक जनार्दन सिंह गहलोत का वर्चस्व रहा है, लेकिन उनके निधन के बाद ओलंपिक संघ में दो फाड़ हो गए.

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एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप : बीते दिनों राजस्थान ओलंपिक संघ के चुनाव संपन्न हो गए, जिसमें अनिल व्यास गुट और अरूण सारस्वत गुट ने अपनी कार्यकारणी भी बना ली. जयपुर क्लब में आयोजित चुनाव और एजीएम में अनिल व्यास को अध्यक्ष और रामावतार सिंह जाखड़ को महासचिव घोषित करते हुए पूरी कार्यकारिणी का गठन किया गया. अनिल व्यास ग्रुप ने भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन से विधिवत मान्यता होने और मान्यता प्राप्त 29 में 18 खेल संघों के समर्थन का दावा किया. व्यास ग्रुप का दावा है कि उनकी कार्यकारिणी ही असली है. बाकी राजस्थान ओलंपिक संघ का होने का दावा करने वाले लोग पूरी तरह से गैरकानूनी हैं.

दूसरी तरफ शहर के एक निजी होटल में राजस्थान ओलंपिक संघ के बैनर तले दूसरी बैठक हुई. इसमें अध्यक्ष अजीत सिंह और सचिव अरूण सारस्वत की ओर से दावा किया गया कि उनकी ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी सभी नियमों को पूरा करती है. उनके कहा कि हमें 27 खेल संघों का समर्थन है. अनिल व्यास ग्रुप के खेल संघों के पदाधिकारियों की मान्यता ही खटाई में पड़ी हुई है. वे खुद को किस आधार पर ओलंपिक संघ के पदाधिकारी बता रहे हैं.

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