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J&K के बडगाम हादसे में शहीद हरियाणा के BSF हवलदार का शव पहुंचा गांव, राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार - Haryana BSF soldier martyred

20 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के बडगाम में BSF जवानों को ले जा रही बस के खाई में गिरने से जींद जिले का एक बीएसएफ के हवलदार दयानंद भी शहीद हो गया था. आज उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

HARYANA BSF SOLDIER MARTYRED
HARYANA BSF SOLDIER MARTYRED (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 22, 2024, 10:43 PM IST

जींद: जिले के ईगराह गांव निवासी 54 वर्षीय बीएसएफ के हवलदार दयानंद का उनके पैतृक गांव में रविवार को अंतिम संस्कार किया गया. 20 सितंबर को बीएसएफ की एक गाड़ी जम्मू में असंतुलित होकर घाटी में गिर गई थी. इसमें सेना के चार जवान बलिदान हो गए थे. बलिदान होने वालों में दयानंद भी शामिल थे. रविवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

अंतिम संस्कार के समय हजारों की संख्या में आसपास के गांवों के लोग मौजूद रहे. हिसार सेना मुख्यालय से आई टीम ने अंतिम सलामी दी. छह साल बाद दयानंद सेवानिवृत्त होने वाले थे.

बलिदानी दयानंद के भाई बंसी रेढू ने बताया कि दयानंद 23 अगस्त को ही छुट्टी काट कर ड्यूटी पर गए थे. उनकी ड्यूटी राजस्थान के बीकानेर में थी. वह इस समय चुनाव होने के कारण जम्मू में चुनाव ड्यूटी पर थे. गश्त के दौरान उनकी गाड़ी असंतुलित होकर गहरी खाई में गिर गई. इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. रविवार सुबह उनकाा पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा. लोगों ने भारत माता के जयकारे और दयानंद अमर रहे के नारे लगाए.

इसे भी पढ़ें : बडगाम में BSF जवानों को ले जा रही बस खाई में गिरी, 4 जवान की मौत, 36 घायल - BSF Bus Accident in Budgam

उन्होंने बताया कि हिसार से बीएसएफ के सीनियर कमांडेंट राजबीर अपनी टुकड़ी के साथ आए और अंतिम संस्कार की रस्म अदा की. सेना के जवानों ने शस्त्र झुका कर उनको अंतिम सलामी दी. इस मौके पर अनेक गणमान्य लोग, पार्टी प्रत्याशी, इंडियन वैटरर्न आर्गेनाइजेश प्रधान कैप्टन राजेंद्र रेढू, कैप्टन जोगेंद्र खटकड़, सूबेदार अमरनाथ ने शहीद को श्रद्धांजलि दी.

बेटे ने दी मुखाग्नि: दयानंद के बेटे दीपक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. दीपक गुडग़ांव में रहता है और वहीं काम करता है. दयानंद की पत्नी की काफी समय पहले मौत हो चुकी है. दीपक की भी दो बेटियां हैं. दीपक ने बताया कि उनके पिता से उनकी हर रोज बात होती थी. 2030 में वह सेवानिवृत्त होने वाले थे.

जींद: जिले के ईगराह गांव निवासी 54 वर्षीय बीएसएफ के हवलदार दयानंद का उनके पैतृक गांव में रविवार को अंतिम संस्कार किया गया. 20 सितंबर को बीएसएफ की एक गाड़ी जम्मू में असंतुलित होकर घाटी में गिर गई थी. इसमें सेना के चार जवान बलिदान हो गए थे. बलिदान होने वालों में दयानंद भी शामिल थे. रविवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

अंतिम संस्कार के समय हजारों की संख्या में आसपास के गांवों के लोग मौजूद रहे. हिसार सेना मुख्यालय से आई टीम ने अंतिम सलामी दी. छह साल बाद दयानंद सेवानिवृत्त होने वाले थे.

बलिदानी दयानंद के भाई बंसी रेढू ने बताया कि दयानंद 23 अगस्त को ही छुट्टी काट कर ड्यूटी पर गए थे. उनकी ड्यूटी राजस्थान के बीकानेर में थी. वह इस समय चुनाव होने के कारण जम्मू में चुनाव ड्यूटी पर थे. गश्त के दौरान उनकी गाड़ी असंतुलित होकर गहरी खाई में गिर गई. इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. रविवार सुबह उनकाा पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा. लोगों ने भारत माता के जयकारे और दयानंद अमर रहे के नारे लगाए.

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उन्होंने बताया कि हिसार से बीएसएफ के सीनियर कमांडेंट राजबीर अपनी टुकड़ी के साथ आए और अंतिम संस्कार की रस्म अदा की. सेना के जवानों ने शस्त्र झुका कर उनको अंतिम सलामी दी. इस मौके पर अनेक गणमान्य लोग, पार्टी प्रत्याशी, इंडियन वैटरर्न आर्गेनाइजेश प्रधान कैप्टन राजेंद्र रेढू, कैप्टन जोगेंद्र खटकड़, सूबेदार अमरनाथ ने शहीद को श्रद्धांजलि दी.

बेटे ने दी मुखाग्नि: दयानंद के बेटे दीपक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. दीपक गुडग़ांव में रहता है और वहीं काम करता है. दयानंद की पत्नी की काफी समय पहले मौत हो चुकी है. दीपक की भी दो बेटियां हैं. दीपक ने बताया कि उनके पिता से उनकी हर रोज बात होती थी. 2030 में वह सेवानिवृत्त होने वाले थे.

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