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10 महीने की बच्ची की लाश को पहले दफनाया, फिर 15 घंटे बाद जमीन से निकालकर किया झाड़-फूंक, जिंदा करने का दावा - SUPERSTITION IN BHAGALPUR

GIRL DIED IN BHAGALPUR: भागलपुर में अंधविश्वास चरम पर देखने को मिला है. जहां 10 महीने की बच्ची की मौत के 15 घंटे बाद कब्र से उसका शव निकाला गया. झांड़-फूंक करने आई महिला ने बच्ची को जिंदा करने का दावा किया. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Superstition in Bhagalpur
भागलपुर में अंधविश्वास (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 23, 2024, 9:48 AM IST

भागलपुर: बिहार में अंधविश्वास को लेकर तरह-तरह की खबरें सुनी होंगी लेकिन इस बार भागलपुर के नवगछिया में अंधविश्वास ने हद पार कर दी है. यहां 10 महीने की बच्ची की बीमारी से मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने बच्ची को जमीन में दफना दिया. इसी बीच झाड़-फूंक करने वाली महिला के झांसे में आकर परिजनों ने कब्र से निकाल कर बच्ची को जिंदा करने का दावा करने लगी. वहीं बच्ची को अस्पताल लाने के बाद हाई वोल्टेज ड्रामा सामने आया.

बच्ची को कब्र से निकाला: बता दें बीते दिन शुक्रवार को एक बच्ची की बीमारी से मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजन शव दफनाकर अपने घर चले गए. इसी बीच झाड़-फूंक करने वाली महिला के झांसे में परिजन आ गए. लोगों का कहना है कि वह मृत बच्ची की दूर की मौसी लगती है. बच्ची को कब्र से निकाल परिजन नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंचे गए, जहां उन्होंने अचानक हंगामा करना शुरू कर दिया. अफरा तफरी में अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टर ने परिजनों के उग्र होने पर ऑक्सीजन मास्क लगा दिया और इलाज करने की बात कही लेकिन बच्ची के मृत होने की बात परिजन समझने को तैयार नहीं थे.

बीमारी से हुई बच्ची की मौत: वहीं मामले की जानकारी होते ही मौके पर नौगछिया पुलिस और स्थानीय इस्माइलपुर प्रखंड के जिला परिषद विपिन मंडल भी पहुंच गए. परिजनों से हमने बात करना चाहा तो उन्होंने कहा कि उनकी 10 महीने की बच्ची हंसिका कुमारी की बीमारी से मौत हो गई थी. इसको लेकर पिता भगवान महतो ने बताया कि 2 दिन से उसका इलाज नवगछिया के निजी अस्पताल में चल रहा था. शुक्रवार को उसकी ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर परिजन दूसरे डॉक्टर के पास ले गए लेकिन वहां जांच करने बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया.

अस्पताल ले गए बच्ची का शव: बच्ची की मौत के बाद परिजन शव को घर ले गए और शाम 4:00 बजे दफना दिया. हालांकि इसकी जानकारी उनकी दूर की मौसी सोनी देवी को हुई. उसने दावा किया कि वह अभी मृत बच्ची को जिंदा कर देगी. उसने कहा बच्ची को अस्पताल ले चलो, अभी उसमें धड़कन बाकी है. परिजन उसके झांसे में आकर बच्ची का शव अनुमंडल अस्पताल नवगछिया ले आए.

बच्ची को जिंदा करने का दावा: कब्र से बच्ची को निकाल कर शव को सैकड़ों की भीड़ के साथ ग्रामीण नवगछिया अनुमंडल अस्पताल ले आए. वहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची जिंदा नहीं है लेकिन परिजनोंं ने उनकी एक भी नहीं सुनी और उन्होंने कहा कि बच्ची जिंदा है, इसे ऑक्सीजन दीजिए. वहीं सोनी देवी इमरजेंसी वार्ड में बच्ची का झांड़-फूंक करने लगी. मामला बिगड़ता देख नवगछिया अनुमंडल अस्पताल प्रबंधक रमन कुमार सिंह ने नौगछिया पुलिस को बुला लिया.

पुलिस को देख पलटी महिला तांत्रिक: वहीं सोनी देवी नवगछिया पुलिस को आते देख साफ बदल गई और बयान में कहा कि बच्ची के परिजन के कहने पर वो आई है. साथ ही बच्ची को जिंदा करने की बात उसने नहीं कही. इसके बाद नवगछिया थाना प्रभारी रविशंकर सिंह ने कथित महिला तांत्रिक से कराई से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने कुछ नहीं किया है, उसे छोड़ दिया जाए. इसको लेकर नवगछिया थानाअध्यक्ष रविशंकर सिंह ने उससे बॉन्ड भरवाकर छोड़ दिया.

पढ़ें-मुंगेर में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, अंधविश्वास में 8 साल की बच्ची की बेरहमी से की थी हत्या - punishment in munger murder case

भागलपुर: बिहार में अंधविश्वास को लेकर तरह-तरह की खबरें सुनी होंगी लेकिन इस बार भागलपुर के नवगछिया में अंधविश्वास ने हद पार कर दी है. यहां 10 महीने की बच्ची की बीमारी से मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने बच्ची को जमीन में दफना दिया. इसी बीच झाड़-फूंक करने वाली महिला के झांसे में आकर परिजनों ने कब्र से निकाल कर बच्ची को जिंदा करने का दावा करने लगी. वहीं बच्ची को अस्पताल लाने के बाद हाई वोल्टेज ड्रामा सामने आया.

बच्ची को कब्र से निकाला: बता दें बीते दिन शुक्रवार को एक बच्ची की बीमारी से मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजन शव दफनाकर अपने घर चले गए. इसी बीच झाड़-फूंक करने वाली महिला के झांसे में परिजन आ गए. लोगों का कहना है कि वह मृत बच्ची की दूर की मौसी लगती है. बच्ची को कब्र से निकाल परिजन नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंचे गए, जहां उन्होंने अचानक हंगामा करना शुरू कर दिया. अफरा तफरी में अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टर ने परिजनों के उग्र होने पर ऑक्सीजन मास्क लगा दिया और इलाज करने की बात कही लेकिन बच्ची के मृत होने की बात परिजन समझने को तैयार नहीं थे.

बीमारी से हुई बच्ची की मौत: वहीं मामले की जानकारी होते ही मौके पर नौगछिया पुलिस और स्थानीय इस्माइलपुर प्रखंड के जिला परिषद विपिन मंडल भी पहुंच गए. परिजनों से हमने बात करना चाहा तो उन्होंने कहा कि उनकी 10 महीने की बच्ची हंसिका कुमारी की बीमारी से मौत हो गई थी. इसको लेकर पिता भगवान महतो ने बताया कि 2 दिन से उसका इलाज नवगछिया के निजी अस्पताल में चल रहा था. शुक्रवार को उसकी ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर परिजन दूसरे डॉक्टर के पास ले गए लेकिन वहां जांच करने बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया.

अस्पताल ले गए बच्ची का शव: बच्ची की मौत के बाद परिजन शव को घर ले गए और शाम 4:00 बजे दफना दिया. हालांकि इसकी जानकारी उनकी दूर की मौसी सोनी देवी को हुई. उसने दावा किया कि वह अभी मृत बच्ची को जिंदा कर देगी. उसने कहा बच्ची को अस्पताल ले चलो, अभी उसमें धड़कन बाकी है. परिजन उसके झांसे में आकर बच्ची का शव अनुमंडल अस्पताल नवगछिया ले आए.

बच्ची को जिंदा करने का दावा: कब्र से बच्ची को निकाल कर शव को सैकड़ों की भीड़ के साथ ग्रामीण नवगछिया अनुमंडल अस्पताल ले आए. वहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची जिंदा नहीं है लेकिन परिजनोंं ने उनकी एक भी नहीं सुनी और उन्होंने कहा कि बच्ची जिंदा है, इसे ऑक्सीजन दीजिए. वहीं सोनी देवी इमरजेंसी वार्ड में बच्ची का झांड़-फूंक करने लगी. मामला बिगड़ता देख नवगछिया अनुमंडल अस्पताल प्रबंधक रमन कुमार सिंह ने नौगछिया पुलिस को बुला लिया.

पुलिस को देख पलटी महिला तांत्रिक: वहीं सोनी देवी नवगछिया पुलिस को आते देख साफ बदल गई और बयान में कहा कि बच्ची के परिजन के कहने पर वो आई है. साथ ही बच्ची को जिंदा करने की बात उसने नहीं कही. इसके बाद नवगछिया थाना प्रभारी रविशंकर सिंह ने कथित महिला तांत्रिक से कराई से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने कुछ नहीं किया है, उसे छोड़ दिया जाए. इसको लेकर नवगछिया थानाअध्यक्ष रविशंकर सिंह ने उससे बॉन्ड भरवाकर छोड़ दिया.

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