रुद्रप्रयाग: बदरी-केदार मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) विजय प्रसाद थपलियाल विगत एक सप्ताह से केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं. इसी क्रम में वो वेशभूषा बदलकर तीर्थयात्रियों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं. इससे पूर्व वो वेशभूषा बदलकर बदरीनाथ यात्रा का भी निरीक्षण कर चुके हैं. वहीं, आज वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों का एक प्रतिनिधि मंडल बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल से मिला और मंदिर समिति द्वारा केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं की सराहना की.
बदरी-केदार मंदिर समिति सीईओ ने बदला भेष: केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे रहे हैं. इसी बीच मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल तीर्थयात्रियों के बीच में रहकर यात्रियों के सुझावों और क्रिया-प्रतिक्रियाओं को जान रहे हैं. साथ ही यात्रा के दौरान हुई दिक्कतों और मंदिर समिति-प्रशासन के प्रति तीर्थयात्रियों के विचार जान रहे हैं. उन्होंने बिना पहचान बताए दर्शन पंक्ति से बाबा केदार के दर्शन भी किए.
तीर्थ यात्राओं की हर संभव मदद: बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्राओं की हर संभव मदद की जा रही है. यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए बीकेटीसी के सीईओ विजय थपलियाल वेशभूषा बदलकर यात्रियों के बीच पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल ने मंदिर समिति अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक ली. पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाये जा रहे मंदिर समिति के डीएसडी भवन का निरीक्षण किया. इस भवन को मंदिर समिति को हस्तांतरित किया जाना है. रावल निवास, भोग मंडी, भंडार कक्ष को मंदिर समिति विशेष पूजा काउंटर के निकट अस्थायी तौर पर शिफ्ट किया जा रहा है.
केदारनाथ की यात्रा व्यवस्थाएं चाक चौबंद: बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ की यात्रा व्यवस्थाएं चाक चौबंद हैं. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी), जिला प्रशासन और केदार सभा के संयुक्त प्रयासों से तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. अभी तक 12 लाख 75 हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि भगवान केदारनाथ के दर्शनों को लेकर आने-वाले तीर्थयात्री सुरक्षित यात्रा का संदेश लेकर जा रहे हैं.
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