लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक में लोकसभा चुनाव की हार के बाद बहुत बड़ा जमावड़ा लगेगा. आमतौर पर प्रदेश कार्य समिति की बैठक में करीब 300 नेता आते थे, लेकिन इस बार इनकी संख्या लगभग 3000 होगी. लखनऊ के सबसे बड़े सभागार राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आडिटोरियम में प्रदेश कार्य समिति की बैठक होने की संभावना है. इस बार कार्य समिति के सभी सदस्यों के अलावा सभी विधायक सभी मंत्री केंद्रीय मंत्री और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों को भी बुलाया जा रहा है.
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नगर पंचायत अध्यक्ष नगर पालिका अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्षों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का उद्घाटन सत्र में संबोधन होगा. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं के संबोधन भी होंगे. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के खराब परिणाम के बाद यह महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें भविष्य को लेकर अहम फैसला किए जा सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी के आने वाले समय में जो बदलाव होने हैं उनकी आधारशिला इसी बैठक में रखी जाएगी.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति की वार्षिक बैठक 14 जुलाई को होनी है. सामान्य तौर पर बैठक में 300 के करीब नेता आते हैं मगर इस बार पार्टी के बेहतर सामंजस्य के लिए बीजेपी अधिक नेताओं को बुलाएगी. बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि लखनऊ की सबसे बड़ी क्षमता वाले सभागार में यह आयोजन होगा. डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अम्बेडकर सभागार आयोजित किया जाएगा.
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सूत्रों ने बताया कि यहां कार्यसमिति के सभी सदस्य, सभी विधायक, एमएलसी, सभी केंद्रीय मंत्री, सभी सांसद, सभी हारे हुए लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार, सभी नगर पालिका अध्यक्ष, सभी जिला पंचायत चेयरमैन के अलावा अन्य नेताओं की संख्या मिलाकर करीब 3000 लोग शामिल होंगे. कार्यसमिति के बाद बड़े बदलाव संभव कार्यसमिति के बाद बीजेपी उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव किए जाएंगे.
इसमें अनेक पदों के अलावा, मोर्चे, विभाग, प्रकोष्ठ और जिलों व क्षेत्रों में भी बड़े परिवर्तन किए जा सकते हैं. साथ ही मंत्रिमंडल में भी बड़ा परिवर्तन किया जा सकता है, जिसमें लोकनिर्माण विभाग भी किसी बड़े नेता को दिया जा सकता है. इसके अलावा कुछ और नेताओं को भी महत्वपूर्ण समायोजन दिया जा सकता है. इसका व्यापक असर भविष्य में भाजपा पर असर दिखेगा.