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सीसामऊ में 22 साल से भाजपा का सूखा, उपचुनाव में कमल खिलाने के लिए 70 नेताओं ने जताई दावेदारी - Sisamau Assembly by election

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 8:00 PM IST

कानपुर की सीसामऊ सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना जिले के दौरे पर आए. इस दौरान बीजेपी कार्यालय में 70 से अधिक वो पदाधिकारी चेहरा दिखाने पहुंचे जो इस सीट पर अपनी दावेदारी के लिए जोर-शोर से तैयारी में लगे हैं.

सीसामऊ उपचुनाव के लिए बीजेपी ने कसी कमर
सीसामऊ उपचुनाव के लिए बीजेपी ने कसी कमर (PHOTO credits ETV BHARAT)


कानपुर: भारतीय जनता पार्टी कानपुर की सीसामऊ सीट पर पिछले 22 साल से चल रहे जीत का सूखा खत्म करने के लिए कमर कस ली है. इस सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है. यहां से बीजेपी पिछले 22 सालों से नहीं जीती है, बावजूद इसके शहर के कई दिग्गज नेता विधायक बनने का ख्वाब संजोने लगे हैं. इनमें पूर्व जिलाध्यक्ष से लेकर भाजयुमो तक के पदाधिकारी शामिल हैं. गुरुवार को कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए संगठन की ओर से प्रभारी बनाए गए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल कानपुर पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी के नवीन मार्केट कार्यालय में क्षेत्रीय अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, एमएलसी सहित कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मंथन किया.

बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, कि इस सीट पर उपचुनाव से पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा करनी चाहिए. भाजपा के वोटों का जो अंतर कम हुआ है, उस पर चिंतन करना होगा. वित्त मंत्री और प्रभारी सुरेश खन्ना को चेहरा दिखाने के लिए गुरुवार को 70 से अधिक वैसे भाजपाई पार्टी कार्यालय पहुंच गए, जो सीसामऊ सीट पर विधानसभा का उपचुनाव लड़ना चाहते हैं.

बता दें कि, सीसामऊ विधानसभा में 1991 से लेकर 1996 तक बीजेपी ने सीट को जीता. हालांकि, उसके बाद से भाजपा की इस सीट पर हार होती रही है और सपा का कब्जा रहा. शहर की इस सीट पर इरफान सोलंकी कई बार विधायक बने. मगर, अब भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. हिंदू-मुस्लिम बाहुल्य वाली इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या लगभग तीन लाख 25 हजार है. ऐसे में पार्टी के दिग्गजों का यह भी मानना है, कि टिकट के लिए पार्टी बहुत जल्दबाजी में फैसला नहीं करेगी.

वहीं जब से कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई है, तब से शहर के अधिकतर पदाधिकारी और कार्यकर्ता जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, वह एक एमएलसी की चौखट पर डेरा जमाए हुए हैं. सुबह-शाम एमएलसी से मुलाकात करके खुद को उस सीट का सबसे मजबूत दावेदार बता रहे हैं. एक संयोग यह भी हुआ है, कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ उन एमएलसी को संगठन की ओर से प्रभारी जैसा जिम्मा भी सौंप दिया गया है.

गुरुवार को कानपुर पहुंचे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि, हाथरस हादसे को लेकर सरकार जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. जैसे ही सीएम के पास जांच रिपोर्ट पहुंचेगी, उसी रिपोर्ट के आधार पर सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा, कि सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है. खुद सीएम योगी ने हाथरस पहुंचकर हालात का जायजा लिया. सभी प्रभावितों के साथ सरकार खड़ी है, जो भी दोषी होगा उसे जेल भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें:कानपुर में विधायक के समर्थकों ने घेरा थाना ; 25 हजार के इनामी अपराधी की पैरवी में पहुंचे थे भाजपा विधायक, दरोगा से पूछा- क्यों पीटा?


कानपुर: भारतीय जनता पार्टी कानपुर की सीसामऊ सीट पर पिछले 22 साल से चल रहे जीत का सूखा खत्म करने के लिए कमर कस ली है. इस सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है. यहां से बीजेपी पिछले 22 सालों से नहीं जीती है, बावजूद इसके शहर के कई दिग्गज नेता विधायक बनने का ख्वाब संजोने लगे हैं. इनमें पूर्व जिलाध्यक्ष से लेकर भाजयुमो तक के पदाधिकारी शामिल हैं. गुरुवार को कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए संगठन की ओर से प्रभारी बनाए गए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल कानपुर पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी के नवीन मार्केट कार्यालय में क्षेत्रीय अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, एमएलसी सहित कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मंथन किया.

बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, कि इस सीट पर उपचुनाव से पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा करनी चाहिए. भाजपा के वोटों का जो अंतर कम हुआ है, उस पर चिंतन करना होगा. वित्त मंत्री और प्रभारी सुरेश खन्ना को चेहरा दिखाने के लिए गुरुवार को 70 से अधिक वैसे भाजपाई पार्टी कार्यालय पहुंच गए, जो सीसामऊ सीट पर विधानसभा का उपचुनाव लड़ना चाहते हैं.

बता दें कि, सीसामऊ विधानसभा में 1991 से लेकर 1996 तक बीजेपी ने सीट को जीता. हालांकि, उसके बाद से भाजपा की इस सीट पर हार होती रही है और सपा का कब्जा रहा. शहर की इस सीट पर इरफान सोलंकी कई बार विधायक बने. मगर, अब भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. हिंदू-मुस्लिम बाहुल्य वाली इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या लगभग तीन लाख 25 हजार है. ऐसे में पार्टी के दिग्गजों का यह भी मानना है, कि टिकट के लिए पार्टी बहुत जल्दबाजी में फैसला नहीं करेगी.

वहीं जब से कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई है, तब से शहर के अधिकतर पदाधिकारी और कार्यकर्ता जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, वह एक एमएलसी की चौखट पर डेरा जमाए हुए हैं. सुबह-शाम एमएलसी से मुलाकात करके खुद को उस सीट का सबसे मजबूत दावेदार बता रहे हैं. एक संयोग यह भी हुआ है, कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ उन एमएलसी को संगठन की ओर से प्रभारी जैसा जिम्मा भी सौंप दिया गया है.

गुरुवार को कानपुर पहुंचे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि, हाथरस हादसे को लेकर सरकार जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. जैसे ही सीएम के पास जांच रिपोर्ट पहुंचेगी, उसी रिपोर्ट के आधार पर सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा, कि सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है. खुद सीएम योगी ने हाथरस पहुंचकर हालात का जायजा लिया. सभी प्रभावितों के साथ सरकार खड़ी है, जो भी दोषी होगा उसे जेल भेजा जाएगा.

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