गाजीपुर : सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी अपने भाई मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति में इस बार चुनाव लड़ेंगे. अपने वालिद की इस चिंता से वाकिफ और अंसारी परिवार की लाडली बेटी नुसरत अंसारी भी सियासी रण में कूद गई है. नुसरत की सक्रियता विरोधियों को हैरान कर रही है. वह मुस्लिम बस्तियों में न जाकर मंदिरों में पहुंच रही हैं. पहले भगवान भोले को खुश करने के लिए शिवचर्चा में भाग लिया. प्रसाद ग्रहण किया. महिलाओं का हाल चाल पूछा. जैसे ही यह फोटो सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर वायरल हुई, भाजपा सर्तक हो गई. कहा जा रहा है कि अंसारी परिवार ने इमोशनल कार्ड खेलकर हिंदू वोट बैंक में सेंधमारी की प्लानिंग की है. हालांकि दो मई से हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी के सजा के मामले में सुनवाई होगी. माना जा रहा है कि अगर सजा बरकरार रहती है तो नुसरत अफजाल की विरासत संभालने के लिए मोर्चा संभाल लेंगी.
DU से पढ़ीं नुसरन ने शाहीनबाग में रहीं सक्रिय
पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहे अफजाल अंसारी के कोई बेटा नहीं है. उनकी तीन बेटियां नुसरत, नूरिया और मारिया हैं. नूरिया और मारिया की शादी हो चुकी है, मगर नुसरत अविवाहित हैं. नुसरत अफजाल की सबसे बड़ी बेटी हैं. अंसारी परिवार में जब नुसरत का जन्म हुआ तो वह सबकी लाडली थीं. नुसरत को मुख्तार बहुत मानते थे. नुसरत ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. सीएए को लेकर उन्होंने शाहीनबाग में नुक्कड़ नाटक में भी भाग लिया था. पिता की सियासत को बचपन से ही समझती रहीं. पिछले वर्ष जब अफजाल अंसारी को सजा हुई तो नुसरत के मैदान में उतरने की बात कही जा रही थी, मगर बाद में कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी. फिर अफजाल को सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया.
मुख्तार की मौत के बाद अफजाल का सहारा बनीं
मुख्तार की मौत के बाद अफजाल पूरी तरह से टूट गए , मगर बेटी ने उन्हें हौसला दिया. ऐसा पहली बार हुआ है जब अंसारी परिवार की कोई महिला सार्वजनिक रूप से चुनाव प्रचार में शामिल हुई है. कभी मुख्तार की बेगम के चुनाव लड़ने की चर्चा के दौरान अफजाल ने ही ना कहा था. अब ऐसी परिस्थिति बनी कि अफजाल अंसारी की मदद के लिए बेटी नुसरत मैदान में है. बीते सोमवार को नुसरत शहर कोतवाली क्षेत्र के मंदिरों में दिखाई दीं और भगवान भोले का आर्शीवाद लेकर सोशल मीडिया पर अपनी फोटो शेयर की. वहीं वे शाम को गाजीपुर में पवहारी बाबा के आश्रम पहुंचीं, जहां स्वामी विवेकानंद ने बाबा से मुलाकात की थी. नुसरत ने सहयोगियों संग पवहारी बाबा के समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए तो सियासी जगत में भूचाल आ गया.
क्या नुसरत संभालेंगी अफजाल की विरासत
अफजाल अंसारी को सियायत का जादूगर कहा जाता है. अब नुसरत को अफजाल अंसारी के वारिस के तौर पर देखा जा रहा है. अफजाल के दोनों भाइयों के बेटे वारिस के तौर पर मौजूदा समय में विधायक हैं. अगर नुसरत को अफजाल अपनी विरासत सौंपते हैं तो यह हैरानी की बात नहीं होगी. हालांकि अभी तक किसी ने नुसरत की सियासी तकरीर नहीं सुनी है. देखना होगा कि उनका भाषण उनके वालिद को लोकसभा चुनाव में कितना फायदा पहुंचाता है.