रांचीः राज्य में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के दौरान पेपर लीक और कदाचार रोकने के नाम पर शनिवार और रविवार को कई घंटों तक इंटरनेट सेवा बाधित करने का मुद्दा झारखंड की राजनीति में छाया हुआ है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा शासित और हिमंता बिस्वा सरमा के शासनकाल में 2022 और 2024 में परीक्षा के दौरान छह छह घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बाधित करने का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा के लोग झारखंड के युवाओं को बोका बनाना छोड़ दें.
इंटरनेट सेवा बंद करना जनता का मुद्दाः बीजेपी
वहीं भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि इंटरनेट सेवा बंद करने का मुद्दा जनता का मुद्दा है और असम का उदाहरण देकर सरकार बच नहीं सकते. शिवपूजन पाठक ने कहा कि अगर असम से ही झारखंड सरकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा को तुलना करना है तो बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर जो कदम वहां के मुख्यमंत्री ने उठाए हैं, वही एक्शन यहां भी लें.
कदाचार की रची गयी थी साजिशः झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को संभवतः जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में साजिश रचने की इनपुट मिली थी. इसलिए उस साजिश को नाकाम करने और राज्य के मेधावी बच्चों के भविष्य संवारने के लिए सरकार ने दो दिन कुछ-कुछ घंटे इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया.
असम में क्यों बंद की गई थी इंटरनेट सेवा?
उनका सवाल उन भाजपा नेताओं से है जो आज राज्य के युवाओं के हित में उठाये गए कदम पर राजनीति कर रहे हैं, वह बताएं कि असम में तृतीय श्रेणी की नियुक्ति परीक्षा के दौरान छह घंटे के लिए इंटरनेट सेवा क्यों बाधित कर दी गयी थी. क्या उस समय असम की जनता को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा था. असम के मुख्यमंत्री जो वर्तमान में झारखंड विधानसभा चुनाव भाजपा सह प्रभारी हैं और उनके राज में ही क्यों इंटरनेट सेवा को परीक्षा के मद्देनजर क्यों बंद किया गया था.
युवाओं को बोका बनाना बंद करे भाजपा
परीक्षा के दौरान असम में इंटरनेट सेवा बंद रखना जायज तो फिर झारखंड में यह गलत कैसे ? इसका जवाब भाजपा नेताओं से मांगते हुए झामुमो नेता ने कहा कि राज्य की जनता भाजपा की दोगली नीति को समझ चुकी है और आनेवाले चुनाव में इनको जवाब देगी.
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