जयपुर. 18वीं लोकसभा अध्यक्ष के चयन को लेकर इस बार सरकार और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाई. ऐसे में अब अध्यक्ष का चयन चुनाव के जरिए होगा. अध्यक्ष पद के लिए एक तरफ राजस्थान की कोटा सीट से जीत करके आए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हैं, तो कांग्रेस की तरफ से केरल की मावेलीक्करा सीट से सांसद चुनकर के आए के. सुरेश हैं. देश के इतिहास में ऐसा दूसरी बार होने जा रहा है जब अध्यक्ष का चयन चुनाव के जरिए होगा.
इस पर प्रदेश की उपमुख्यमंत्री और पूर्व में सांसद रह चुकी दीया कुमारी ने कहा कि विपक्ष को ऐसा नहीं करना चाहिए था. विपक्ष के नेता एक तरफ संविधान की बात करते हैं और खुद ही उसका उल्लंघन करते हैं. जितनी बार उन्होंने संविधान में परिवर्तन किया है, उतना तो किसी ने भी नहीं किया. इनके बारे में टिप्पणी करने से कोई फायदा नहीं है. इन्होंने पिछली बार भी संसद को चलने नहीं दिया. वो सदन में चर्चा करने की बजाए वॉकआउट कर देते हैं. संसद में स्वस्थ लोकतंत्र के तहत जो चर्चा होनी चाहिए, उसके भी वो पक्ष में नहीं है. इसलिए उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहेंगी.
वहीं, दीया कुमारी ने कहा कि आज इमरजेंसी का वो काला दिन है जो कभी न आए. ऐसा आगे की पीढ़ी को सोचना चाहिए. उस वक्त उनकी खुद की दादी और पिताजी जेल में बंद किए गए थे. बहुत से लोग प्रभावित थे. इमरजेंसी दुख के दिन थे. इसीलिए उसे काला दिवस के रूप में मना रहे हैं. ऐसा भारत देश में नहीं होना चाहिए था. इमरजेंसी के दौरान जो देश में किया गया, वो देश कभी नहीं भूलेगा और ना माफ करेगा. उन्होंने कहा कि आज विपक्ष में बैठे लोग संविधान की बात करते हैं, लेकिन उस वक्त संविधान को भूलकर सारी एजेंसी को टेकओवर कर लिया. सब कुछ बंद कर दिया और डिक्टेटरशिप स्थापित की और आज वो संविधान की बात कर रहे हैं.