कानपुर: जिले के सीसामऊ उपचुनाव सीट हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी के बीच एक बार फिर से यह चर्चा जोरों पर थी, कहीं ना कहीं पार्टी में भितरघात होने के चलते भाजपा को सीसामऊ उपचुनाव सीट हारनी पड़ी है. इसके साथ ही संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने यह भी माना था कि चुनाव में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी का उतना साथ नहीं मिला, जितनी अपेक्षा की गई थी. हालांकि, पार्टी के अंदर किसी तरीके की फूट ना पड़े इसको लेकर मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कानपुर पहुंचे.
इस दौरान उन्होंने पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों को एकजुट रहने की सीख दी. साथ ही खुद एक अभिभावक की भूमिका में रहते हुए सभी को अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, जो हार हुई है उसे स्वीकारते हुए अब भविष्य में उस सीट को कैसे जीता जा सकता है? इसके लिए योजना बनाई जानी चाहिए. साथ ही मतदाताओं से भी सीधा संवाद करना चाहिए.
पिछले कुछ सालों से भारतीय जनता पार्टी में मंडल अध्यक्ष के स्तर पर जिन कार्यकर्ताओं को जिम्मा सौंपा गया, उनमें महिलाओं की संख्या बहुत ही कम रहती थी. हालांकि अब भाजपा की ओर से जो संगठन तैयार किया जा रहा है, उसमें जहां मंडल अध्यक्ष स्थल पर ही 10 प्रतिशत महिलाओं को जिम्मा सौंपा जाएगा. वहीं, 10 प्रतिशत अनुसूचित वर्ग के कार्यकर्ताओं को भी स्थान दिया जाएगा. भूपेंद्र चौधरी ने यह जानकारी कानपुर में 17 जिलों के जिला अध्यक्षों व अन्य जिम्मेदार पदाधिकारियों को दी.
उन्होंने बताया 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष के चुनाव शुरू करने होंगे और 12 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के नाम पर अंतिम रूप से सभी लोग विचार कर लें. आंकड़ों को लेकर उन्होंने यह भी बताया 80 प्रतिशत बूथों पर चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है, जिसमें 16887 बूथों पर अध्यक्ष पद के निर्वाचन की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया गया है. 13 से 16 दिसंबर के बीच बूथ अध्यक्षों के सत्यापन की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा.
पार्टी के नौबस्ता स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में मंगलवार को जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी आए थे, तो वहां पर उनके सामने भाजपा के पदाधिकारियों ने चेहरा दिखाने के उसमें कोई कसर नहीं छोड़ी. विधायकों से लेकर संगठन के सभी आला पदाधिकारी समय से ही संगठन की बैठक में पहुंच गए थे और पूरी बैठक के दौरान उपस्थित रहे. चर्चा इस बात की भी थी, कई पदाधिकारियों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से गोपनीय मुलाकात की और उन्होंने सीसामऊ सीट की हार के कारण बताने के साथ ही 2027 में खुद चुनावी ताल ठोंकने को लेकर अपनी मंशा भी व्यक्त की.