जमशेदपुरः झारखंड प्रदेश भाजपा प्रवक्ता के पद से कुणाल षाड़ंगी ने इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने त्याग पत्र को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (ट्विटर हैंडल ) पर पोस्ट किया है. वहीं रविवार की शाम बिष्टुपुर के सेंटर प्वाइंट में कुणाल षाड़ंगी ने एक प्रेसवार्ता बुलाकर अपने इस्तीफे की जानकारी दी.
मीडिया के समक्ष कुणाल ने रखी अपनी बात
इस दौरान कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पिछले छह महीनों से उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा था, जिससे वे आहत थे. उन्होंने कहा कि पार्टी फोरम में आवाज उठाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होने पर रविवार को मजबूरन उन्हें मीडिया से रूबरू होकर अपनी बात रखनी पड़ रही है.
टिकट की महत्वाकांक्षा पालना कौन सा गलत कामः कुणाल
कुणाल से पूछा गया कि उनके इस्तीफे को टिकट न मिलने से जोड़कर देखा जा रहा है. इस सवाल पर भाजपा नेता कुणाल ने कहा कि काम करके टिकट की महत्वाकांक्षा पालना कौन सा गलत काम हो गया. यहां तो आपराधिक इतिहास वालों को टिकट दिया गया है.
कुणाल ने कहा कि आज पीएम मोदी की घाटशिला में चुनावी सभा को लेकर उन्हें न ही फोन या अन्य माध्यम से ही कोई सूचना दी गई, जिससे वे काफी आहत हैं. पीएम मोदी से प्रेरित होकर वे और उनके जैसे कई युवाओं ने भाजपा का दामन थामा था. आज आलम यह है कि जिन लोगों ने पिछले विधानसभा में पार्टी के खिलाफ काम किया उनको न सिर्फ विभिन्न पद दिए गए हैं, बल्कि वे आज सभा में मंच पर थे.
सवाल उठाने पर कार्यक्रमों से रखा जाता है दूर
कुणाल ने कहा कि जिला भाजपा के कैप्टन को बदल दिया गया, लेकिन टीम वही है. जिस टीम ने पूर्व सीएम रघुवर दास को हराने में भूमिका निभाई थी. उपरोक्त सवाल पार्टी फोरम में उठाने पर उन्हें कार्यक्रमों से दूर रखा जाने लगा.कुणाल ने आगे कहा कि जब से टिकट की घोषणा हुई तब से किसी कार्यक्रम की उन्हें सूचना नहीं दी जाती थी. इस बाबत उन्होंने प्रदेश के पदाधिकारियों को समय-समय पर सूचित भी किया था.
पीएम के कार्यक्रम की भी नहीं दी गई थी सूचना
भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि आज पीएम के कार्यक्रम की भी सूचना नहीं दी गई और न ही कॉल किया गया. यहां तक कि बहरागोड़ा में चुनावी कार्यालय खोलने के संबंध में भी कोई सूचना न देकर उनके मनोबल तोड़ने की कोशिश हुई, पर यहां कोई संज्ञान लेनेवाला नहीं है.
मेरा विरोध मोदी जी से नहीं, बल्कि पार्टी को हाइजैक करने वालों से
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बहुत दुखी होकर यह कदम उठाया है. कुणाल ने कहा कि उनका विरोध मोदी जी से नहीं है, बल्कि पार्टी को हाइजैक करनेवालों के खिलाफ वे मुखर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि आत्म सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है. उन्होंने नौकरी इसलिए नहीं छोड़ी क्योंकि फिर नौकरी करें.
कुणाल षाड़ंगी ने उठाए कई सवाल
कुणाल ने निवर्तमान सांसद सह भाजपा प्रत्याशी विद्युत बरण महतो का नाम लिए बिना कहा कि आज तक उम्मीदवार का फोन तक नहीं आया. कुणाल ने सवाल किया कि क्या टिकट की महत्वाकांक्षा गलत है? क्या इंटरनल सर्वे में नाम आना गलत है? क्या समाज सेवा का कार्य गलत है? कोविड में जब बाहर निकलने से लोग कतरा रहे थे, तब उन्होंने लोगों के बीच जाकर काम किया तो क्या यह गलत था? उन्होंने पिछले कुछ सालों में कई जरुरतमंदों के टीएमएच और अन्य अस्पतालों बिल माफ करवाए तो क्या यह गलत था? आगे के कदम की बाबत पूछने पर कुणाल ने कहा कि आगे का कदम जनता तय करेगी.
ये भी पढ़ें-