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समोसे के बाद जंगली मुर्गे पर घिर गए सीएम सुक्खू, बीजेपी ने सोशल मीडिया पर उठा दिया 'तूफान' - JUNGLI MURGA HIMACHAL

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिमसे सीएम सुक्खू को भोजन के दौरान जंगली मुर्गा परोसने का दावा किया जा रहा है,

जंगली मुर्गे के विवाद में घिरे सुक्खू
जंगली मुर्गे के विवाद में घिरे सुक्खू (सोशल मीडिया)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 14, 2024, 4:30 PM IST

Updated : Dec 14, 2024, 8:43 PM IST

शिमला: समोसा जांच के बाद अब सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू जंगली मुर्गे के विवाद में घिर गए हैं. जंगली मुर्गे के इस स्वाद में बीजेपी ने भी कांग्रेस पर चटखारे लेना शुरू कर दिए हैं. बड़ी मुश्किल से समोसे से अभी पीछा छूटा ही था कि अब मुर्गे को लेकर बीजेपी ने सीएम सुक्खू को घेरना शुरू कर दिया है. मुर्गा भी कोई ऐसा वैसा नहीं है. मुर्गा भी जंगली वाला है. इधर वीडियो में जंगली मुर्गे का नाम मुंह से निकला और बीजेपी ने इसका सोशल मीडिया पर पोस्टमार्टम करना शुरू कर दिया.

दरअसल हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 'सरकार जनता के द्वार' कार्यक्रम की शुरूआत की है, ताकि मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसर गांवों में पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुन सकें. हिमाचल सरकार दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों से इसकी शुरुआत कर चुकी है. इसी कार्यक्रम के तहत शुक्रवार 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला जिले के दुर्गम इलाके कुपवी में पहुंचे थे. टिकरी गांव में सीएम का रात्रि विश्राम और भोजन की व्यवस्था भी थी.

यहां पर हुए रात्रि भोजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में सीएम सुक्खू और कर्नल धनीराम शांडिल जमीन पर बैठे भोजन कर रहे हैं. इसी बीच वीडियो में जंगली मुर्गे शब्द सुनाई देता है. हालांकि वीडियो में नजर आ रहा है कि सीएम और कर्नल धनीराम शांडिल मुर्गा खाने से इन्कार कर देते हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीएम के रात्रि ठहराव के दौरान डिनर में जंगली मुर्गा परोसा गया है, जबकि जंगली मुर्गे को मारने पर प्रतिबंध हैं. अब सीएम सुक्खू एक बार फिर बीजेपी के निशाने पर हैं.

बीजेपी ने साधा निशाना

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया प्रभारी चेतन बरागटा ने कहा कि, चौपाल विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान टिक्कर गांव में उनको रात्रि भोज पर जंगली मुर्गा परोसा गया और इसे मेन्यू में भी प्राकाशित किया गया. यह साफ तौर पर गैर कानूनी है. जंगली मुर्गा एक प्रोटेक्टेड कैटेगरी यानी शेड्यूल बर्ड की श्रेणी में आता है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्री और अफसरों को जंगली मुर्गा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. ये नैतिकता का उल्लंघन है, हिमाचल देवभूमि है और यहां जंगली जानवर, पशु पक्षियों को आदर सम्मान दिया जाता है. इस प्रकरण से साफ झलकता है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार कितनी गंभीर है. हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री मीडिया के सामने आएं और देवभूमि हिमाचल की जनता से माफी मांगे. इसके साथ ही इस पूरे प्रकरण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.'

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर साधा निशाना

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना 'जनमंच' के फुलके जिन्हे खल रहे थे वो आज गांव गांव जा कर पिकनिक मना रहे हैं और क्या कर रहे हैं जनता सब देख रही है. संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है, लेकिन मुख्यमंत्री महोदय मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और फिर अपने मंत्रियों को अपने सामने चटखारे ले लेकर खिलाते हैं. क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है ?'

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सुधीर शर्मा ने ली चुटकी

धर्मशाला से बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने ये वीडियो अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा "कुक्कड़ू कूं" का व्यवस्था परिवर्तन. जंगल राज में "Wild Life Act" नहीं लगता.

हिमाचल बीजेपी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

हिमाचल बीजेपी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "कुक्कडू कूं" का व्यवस्था पतन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के रात्रिभोज में संरक्षित जंगली मुर्गे का पकवान पेश हुआ. सुक्खू जी अपने मित्रों को जंगली मुर्गा खिलाने के लिये भी काफी उत्साहित थे.

सीएम ने दी सफाई

इस पूरे विवाद पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि, 'स्वास्थ्य कारणों से मैं तेलयुक्त व्यंजन और नॉनवेज दोनों से परहेज़ करता हूं, लेकिन जयराम जी को कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने हमारे ग्रामवासियों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया. विपक्ष के नेताओं के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, बस ग्रामवासियों की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. स्वास्थ्य कारणों में ऑयली और नॉनवेज भोजन नहीं करता. ग्रामीणों ने देसी मुर्गा बनाया था. मुझे भी इसे परोस रहे थे. मैं तो ये नहीं खाता, लेकिन नॉनवेज भोजन पहाड़ के जीवन का अहम हिस्सा है और जयराम जी इस पर बयान दे रहे हैं. जो बताता है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है.'

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री के डिनर में जंगली मुर्गा, मचा सियासी बवाल, बीजेपी बोली माफी मांगों, सीएम ने कहा- बदनाम करने की साजिश

शिमला: समोसा जांच के बाद अब सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू जंगली मुर्गे के विवाद में घिर गए हैं. जंगली मुर्गे के इस स्वाद में बीजेपी ने भी कांग्रेस पर चटखारे लेना शुरू कर दिए हैं. बड़ी मुश्किल से समोसे से अभी पीछा छूटा ही था कि अब मुर्गे को लेकर बीजेपी ने सीएम सुक्खू को घेरना शुरू कर दिया है. मुर्गा भी कोई ऐसा वैसा नहीं है. मुर्गा भी जंगली वाला है. इधर वीडियो में जंगली मुर्गे का नाम मुंह से निकला और बीजेपी ने इसका सोशल मीडिया पर पोस्टमार्टम करना शुरू कर दिया.

दरअसल हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 'सरकार जनता के द्वार' कार्यक्रम की शुरूआत की है, ताकि मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसर गांवों में पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुन सकें. हिमाचल सरकार दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों से इसकी शुरुआत कर चुकी है. इसी कार्यक्रम के तहत शुक्रवार 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला जिले के दुर्गम इलाके कुपवी में पहुंचे थे. टिकरी गांव में सीएम का रात्रि विश्राम और भोजन की व्यवस्था भी थी.

यहां पर हुए रात्रि भोजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में सीएम सुक्खू और कर्नल धनीराम शांडिल जमीन पर बैठे भोजन कर रहे हैं. इसी बीच वीडियो में जंगली मुर्गे शब्द सुनाई देता है. हालांकि वीडियो में नजर आ रहा है कि सीएम और कर्नल धनीराम शांडिल मुर्गा खाने से इन्कार कर देते हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीएम के रात्रि ठहराव के दौरान डिनर में जंगली मुर्गा परोसा गया है, जबकि जंगली मुर्गे को मारने पर प्रतिबंध हैं. अब सीएम सुक्खू एक बार फिर बीजेपी के निशाने पर हैं.

बीजेपी ने साधा निशाना

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया प्रभारी चेतन बरागटा ने कहा कि, चौपाल विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान टिक्कर गांव में उनको रात्रि भोज पर जंगली मुर्गा परोसा गया और इसे मेन्यू में भी प्राकाशित किया गया. यह साफ तौर पर गैर कानूनी है. जंगली मुर्गा एक प्रोटेक्टेड कैटेगरी यानी शेड्यूल बर्ड की श्रेणी में आता है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्री और अफसरों को जंगली मुर्गा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. ये नैतिकता का उल्लंघन है, हिमाचल देवभूमि है और यहां जंगली जानवर, पशु पक्षियों को आदर सम्मान दिया जाता है. इस प्रकरण से साफ झलकता है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार कितनी गंभीर है. हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री मीडिया के सामने आएं और देवभूमि हिमाचल की जनता से माफी मांगे. इसके साथ ही इस पूरे प्रकरण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.'

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर साधा निशाना

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना 'जनमंच' के फुलके जिन्हे खल रहे थे वो आज गांव गांव जा कर पिकनिक मना रहे हैं और क्या कर रहे हैं जनता सब देख रही है. संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है, लेकिन मुख्यमंत्री महोदय मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और फिर अपने मंत्रियों को अपने सामने चटखारे ले लेकर खिलाते हैं. क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है ?'

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सुधीर शर्मा ने ली चुटकी

धर्मशाला से बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने ये वीडियो अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा "कुक्कड़ू कूं" का व्यवस्था परिवर्तन. जंगल राज में "Wild Life Act" नहीं लगता.

हिमाचल बीजेपी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

हिमाचल बीजेपी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "कुक्कडू कूं" का व्यवस्था पतन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के रात्रिभोज में संरक्षित जंगली मुर्गे का पकवान पेश हुआ. सुक्खू जी अपने मित्रों को जंगली मुर्गा खिलाने के लिये भी काफी उत्साहित थे.

सीएम ने दी सफाई

इस पूरे विवाद पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि, 'स्वास्थ्य कारणों से मैं तेलयुक्त व्यंजन और नॉनवेज दोनों से परहेज़ करता हूं, लेकिन जयराम जी को कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने हमारे ग्रामवासियों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया. विपक्ष के नेताओं के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, बस ग्रामवासियों की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. स्वास्थ्य कारणों में ऑयली और नॉनवेज भोजन नहीं करता. ग्रामीणों ने देसी मुर्गा बनाया था. मुझे भी इसे परोस रहे थे. मैं तो ये नहीं खाता, लेकिन नॉनवेज भोजन पहाड़ के जीवन का अहम हिस्सा है और जयराम जी इस पर बयान दे रहे हैं. जो बताता है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है.'

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री के डिनर में जंगली मुर्गा, मचा सियासी बवाल, बीजेपी बोली माफी मांगों, सीएम ने कहा- बदनाम करने की साजिश

Last Updated : Dec 14, 2024, 8:43 PM IST
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