जामताड़ा: लोकसभा चुनाव को लेकर संथाल में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. सभी राजनीतिक दलों के नेता, प्रत्याशी और पार्टी कार्यकर्ता चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. इसी कड़ी में बीजेपी के राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा ने संथाल का दौरा किया.
जामताड़ा पहुंचने पर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता हरिमन मिश्रा के आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने इस बार संथाल परगना में बीजेपी का झंडा लहराने की बात कही और कहा कि इस बार संथाल में परिवर्तन की लहर है. परिस्थितियां बदल गई हैं.
बीजेपी सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि संथाल परगना को लंबे समय तक झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपना चारागाह माना था लेकिन अब समय बदल गया है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना की जनता लंबे समय से गुरुजी और झामुमो को अपना जन नेता मानती रही है. जनता ने उनके प्रतिनिधियों को चुनकर सदन में भेजा. लेकिन जिस वोट बैंक को झारखंड मुक्ति मोर्चा अपना मान रही थी वह वोट बैंक अब खिसक चुका है.
सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि सरकार ने संथाली समाज को निराश किया है. संथाल समाज को हेमंत सरकार से और चंपाई सरकार को झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार से जो उम्मीदें थीं, उन्हें निराशा हाथ लगी है. उन्होंने कहा कि घुसपैठ के जरिए संथाल आदिवासी समुदाय को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. आदिवासियों का शारीरिक शोषण होता रहा है. संथाल समुदाय का मुख्यमंत्री बनने के बाद भी आदिवासी संथाली समुदाय की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने झामुमो सरकार पर संथाली समुदाय की परंपरा को नष्ट करने का आरोप लगाया.
सोरेन परिवार की बहू सीता सोरेन को दुमका लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी बनाये जाने प्रदीप वर्मा ने कहा कि सीता सोरेन की आवाज को एक पहचान देने के लिए भाजपा ने एक मंच देने का काम किया और दुमका लोकसभा से उम्मीदवार बनाया. प्रदीप वर्मा ने कहा कि सोरेन परिवार की तीन बार विधायक रहने और परिवार की सबसे बड़ी बहू होने के बावजूद उनका सम्मान नहीं किया गया. बीजेपी ने उन्हें सम्मान देने का काम किया है.