शिमला: भारतीय जनता पार्टी ने शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के चुनावी हलफनामे पर सवाल खड़े किए हैं. भाजपा का आरोप है कि विधायक बनने के बाद सुल्तानपुरी की आय में बेहताशा इजाफा हुआ है. सुल्तानपुरी के 2022 विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में दिए एफिडेविट में बहुत अंतर है. कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने हलफनामे में छुपाया अधिक और दिखाया कम है.
हिमाचल प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. भाजपा ने सवाल पूछा है कि विधायक बनने के बाद उनकी आय साढ़े 9 लाख से 1 करोड़ 32 कैसे हो गई? इसका साधन क्या है, इसे जनता को बताए. भाजपा प्रवक्ता विवेक शर्मा ने शिमला में एक प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के वर्तमान प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
विवेक शर्मा ने कहा सुल्तानपुरी ने अपने आय और संपत्ति की जानकारी को गलत ढंग से प्रस्तुत किया है. वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान सुल्तानपुरी ने अपने नाम पर केवल एक 1990 मॉडल की मारुति गाड़ी दिखाई थी, जिसकी अनुमानित लागत 10 हजार रुपये थी. लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल किए गए एफिडेविट में उन्होंने एक 45 लाख रुपये की गाड़ी को अपनी संपत्ति में जोड़ा है. जबकि आय का कोई साधन नहीं दिखाया गया. सुल्तानपुरी बताए कि बिना कोई साधन इतनी बड़ी आय एकत्रित करने के लिए खुल जा सिम-सिम का कौन सा पिटारा वह प्रयोग कर रहें है. विधानसभा चुनाव के दौरान दिए संपत्ति के बयौरे से लोकसभा चुनाव के आय के शपथ पत्र में इतना बड़ा आंकड़ों का मायाजाल क्यों है?.
विवेक शर्मा ने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी की कॉपी मीडिया में प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2022 में सुल्तानपुरी ने अपनी पत्नी के नाम पर केवल 5 लाख रुपये का सोना बताया था, जो अब 2024 में 17 लाख 50 हजार रुपये हो गया है. कांग्रेस सरकार बनने के बाद सुल्तानपुरी की संपत्ति में इतनी वृद्धि कैसे हुई, यह स्पष्ट नहीं है और यह मामला बेहद गंभीर है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के पास नामांकन भरते समय सुल्तानपुरी ने इन संपत्तियों और आय के स्रोतों को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया है.
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