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बीजेपी सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को 12 साल पुराने केस में सजा, अदालत चलने तक पुलिस कस्टडी में बिठाया

बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल को 12 साल पहले ट्रेन रोकने के मामले में मेरठ की अदालत ने सजा सुनायी. अदालत ने उन पर 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने उनको अदालत के दौरान कोर्ट में पुलिस कस्टडी में बैठने की सजा सुनाई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 3:16 PM IST

मेरठ: हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को मेरठ की अदालत ने 12 साल पुराने एक मामले में शाम तक पुलिस कस्‍टडी में रहने की सजा सुनाई. इसके अलावा अदालत ने 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. मेरठ की एमपी-एमएलए अदालत के न्यायाधीश नदीम अनवर ने 12 साल पुराने ट्रेन रोकने के मामले में ये सजा सुनाई. सांसद न्यायाधीश के वकील ने कहा कि वो अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपर कोर्ट में जाएंगे.

भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वह केवल जनप्रतिनिधि के तौर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों से मिलने के लिए गये थे. उनका प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं था. अधिवक्ता मनमोहन सिंह ने कहा कि हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल के खिलाफ वर्ष 2012 में सिटी स्टेशन पर रेल रोकने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गयी थी. न्यायालय में उनके अधिवक्ता मनमोहन सिंह ने कहा कि सांसद राजेंद्र अग्रवाल को मुकदमे में राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार देखकर संसद को सजा सुनाई. अधिवक्ता ने कहा कि संसद इस सजा से संतुष्ट नहीं है और वह इसके खिलाफ अपील करेंगे.

इस मामले में सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वो जनप्रतिनिधि हैं. उनका कर्तव्य लोगों की बात सुनना और उसे सरकार तक पहुंचाना हैं. वह जनप्रतिनिधि होने के नाते वहां गये थे, ताकि लोगों को समझाया जा सके. वह लोगों से शांति की अपील करने के लिये मौके पर गये थे. वह किसी प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने कहा कि न्यायधीश के इस फैसले से सहमत नहीं हूं. इसके लिये में उच्च न्यायालय में अपील करूंगा. सजा के तौर पर भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को न्यायालय चलने तक पुलिस कस्टडी में कोर्ट में बिठाया गया.

ये भी पढ़ें- यूपी में सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय! 74 पर खुद लड़ेगी BJP; अपना दल-RLD और दूसरे सहयोगी दलों को 6 सीटें

मेरठ: हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को मेरठ की अदालत ने 12 साल पुराने एक मामले में शाम तक पुलिस कस्‍टडी में रहने की सजा सुनाई. इसके अलावा अदालत ने 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. मेरठ की एमपी-एमएलए अदालत के न्यायाधीश नदीम अनवर ने 12 साल पुराने ट्रेन रोकने के मामले में ये सजा सुनाई. सांसद न्यायाधीश के वकील ने कहा कि वो अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपर कोर्ट में जाएंगे.

भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वह केवल जनप्रतिनिधि के तौर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों से मिलने के लिए गये थे. उनका प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं था. अधिवक्ता मनमोहन सिंह ने कहा कि हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल के खिलाफ वर्ष 2012 में सिटी स्टेशन पर रेल रोकने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गयी थी. न्यायालय में उनके अधिवक्ता मनमोहन सिंह ने कहा कि सांसद राजेंद्र अग्रवाल को मुकदमे में राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार देखकर संसद को सजा सुनाई. अधिवक्ता ने कहा कि संसद इस सजा से संतुष्ट नहीं है और वह इसके खिलाफ अपील करेंगे.

इस मामले में सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वो जनप्रतिनिधि हैं. उनका कर्तव्य लोगों की बात सुनना और उसे सरकार तक पहुंचाना हैं. वह जनप्रतिनिधि होने के नाते वहां गये थे, ताकि लोगों को समझाया जा सके. वह लोगों से शांति की अपील करने के लिये मौके पर गये थे. वह किसी प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने कहा कि न्यायधीश के इस फैसले से सहमत नहीं हूं. इसके लिये में उच्च न्यायालय में अपील करूंगा. सजा के तौर पर भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को न्यायालय चलने तक पुलिस कस्टडी में कोर्ट में बिठाया गया.

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