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अमेठी में पांच विधायक भी नहीं रोक पाए स्मृति ईरानी की हार, जानें शिकस्त का कारण - smriti irani defeat in Amethi

अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से बुरी तरह से हार गईं. अमेठी लोकसभा सीट पर बीजेपी विधायक और सपा बागियों ने भी बहुत कोशिश की लेकिन स्मृति ईरानी की हार कई सवाल खड़े कर गई.

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SMRITI IRANI DEFEAT IN AMETHI (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 6:11 PM IST

Updated : Jun 5, 2024, 8:24 PM IST

अमेठी: केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी की हार की चर्चा राजनीतिक गलियारे में खूब हो रही है. सपा के दो विधायकों के प्रचार करने के बाद भी स्मृति ईरानी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. जिस स्मृति ईरानी ने साल 2019 में राहुल गांधी जैसे नाम चीन नेता को अमेठी से 55 हजार मतों से हरा दिया था, वही स्मृति ईरानी पांच सालों में 1 लाख 60 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गईं. यहां तक बीजेपी के दो विधायक, राज्य मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष के इलाके में भी स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा.

पांच साल पहले राहुल गांधी को चुनाव हराने वाली भारत सरकार की मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी अपनी जीत के तीन गुना अधिक वोटों से चुनाव हार गईं. हालत यह हो गई कि पांच विधान सभा में किसी भी विधान सभा क्षेत्र में एक लाख का आंकड़ा बीजेपी नहीं छू पाई. संसदीय क्षेत्र के सलोन विधान सभा क्षेत्र में बीजेपी के विधायक रहने के बावजूद भी बीजेपी की सबसे बड़ी हार सलोन में हुई. वही, तिलोई विधान सभा क्षेत्र में यूपी सरकार के मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के क्षेत्र में बीजेपी जीत नहीं दर्ज कर पाई. जगदीशपुर विधान सभा क्षेत्र में बीजेपी के वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री सुरेश पासी के रहते हुए भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.

राकेश प्रताप भी नहीं खिला पाए कमल: इस बार चुनाव में बीजेपी ने सीट पर जीत दर्ज करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. गौरीगंज विधान सभा के सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह को भी चुनाव प्रचार में लगा दिया. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के चुनाव प्रचार में आने से गौरीगंज विधान सभा का समीकरण बिगड़ गया. सपा विधायक के आने से बीजेपी समर्थकों में नाराजगी हो गई. बीजेपी समर्थकों और सपा विधायक में सामंजस्य बिगड़ गया. इसके अलावा जो बीजेपी के विधान सभा उम्मीदवार थे, वे भी इस फैसले से नाराज हो गए. उनके समर्थक कांग्रेस के प्रचार में जुट गए. लिहाजा गौरीगंज में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ गया. आलम यह हो गया, कि स्मृति ईरानी का जिस गांव में घर बना था, वह वहां चुनाव हार गईं.

सपा विधायक के आने से बिगड़ा संतुलन: यही आलम अमेठी में भी देखने को मिला. अमेठी से सपा विधायक महराजी देवी का परिवार बीजेपी के प्रचार में जुट गया. महराजी देवी के बीजेपी में प्रचार करने से बीजेपी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया. स्मृति ईरानी का विश्वास बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच टूट गया. इस विधान सभा क्षेत्र में भी बीजेपी समर्थकों के बीच गहरी नाराजगी फैल गई. चुनाव परिणाम चौकाने वाले आए. यहां ओबीसी और दलित मतदाताओं के साथ अल्पसंख्यक मतदाताओं का गठजोड़ कांग्रेस की जीत का कारण बना.

इसे भी पढ़े-कांग्रेस में राहुल की जीत से ज्यादा अमेठी में स्मृति की हार की खुशी, मुख्यालय में मना जश्न - Lok Sabha Election Results 2024

पुराने कार्यकर्ताओं को इग्नोर करना पड़ा भारी: वहीं बीजेपी के पुराने कार्यकताओं को इस बार बीजेपी ने तवज्जो नहीं दी. साल 2014 के चुनाव में जिन कार्यकर्ताओं के दम पर बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत के अंतर को कम किया था, उन्हीं कार्यकर्ताओं के दम पर साल 2019 में राहुल गांधी को 55000 से अधिक मतों से स्मृति ईरानी ने चुनाव हरा दिया था. इस बार चुनाव में पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गयी. बल्कि दूसरी पार्टी से आए हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर स्मृति ईरानी ने बड़ी भूल कर दी. इसकी चर्चा चुनाव के दौरान भी खूब हुई थी. चुनाव परिणाम आने पर उन बातों पर मोहर लग गई और स्मृति ईरानी चुनाव हार गई.

एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष के क्षेत्र में हुई करारी हार: अमेठी विधान सभा क्षेत्र बीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष का क्षेत्र है. बीजेपी को यहां भारी हार का सामना करना पड़ा. यहां बीजेपी कांग्रेस के सामने जरा भी नहीं टिक पाई. कांग्रेस लगभग दोगुना मत पाकर स्मृति ईरानी से 46686 मतों से लीड पा गईं. अमेठी विधान सभा बीजेपी एमएलसी गोविंद नारायण शुक्ला उर्फ राजा बाबू का गृह क्षेत्र भी है. बावजूद इसके यहां कमल पूरी तरह मुरझा गया.

स्मृति ईरानी को मिले इतने मत: स्मृति ईरानी को इस बार कुल 372032 मत प्राप्त हुए. इसमें अमेठी विधान सभा में 59294 मत, सलोन विधान सभा क्षेत्र में 67052 मत, गौरीगंज विधान सभा में 75048, तिलोई विधान सभा में 83287, जगदीशपुर विधानसभा में 86073 मत मिले.

किशोरी लाल शर्मा को मिले इतने मत: कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा को अमेठी में 105983, गौरीगंज में 108426 तिलोई में 101405, सलोन में 119370 ,जगदीशपुर में 101496 मत मिले. इस प्रकार कुल कांग्रेस प्रत्याशी को 539228 मत मिले.

बीजेपी का कांग्रेस से हार का अंतर: बीजेपी को अमेठी से 46689 मतों से हार का सामना करना पड़ा. वहीं, सलोन विधान सभा से 52318 मतों से, गौरीगंज में 33378 मतों से, तिलोई विधान सभा से 18118 मतों से ,जगदीशपुर में 15423 मतों से हार का समाना करना पड़ा.


यह भी पढ़े-राहुल गांधी ने संभाली रायबरेली की विरासत; दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी का तोड़ा रिकॉर्ड - Rahul Gandhi Won Raebareli

अमेठी: केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी की हार की चर्चा राजनीतिक गलियारे में खूब हो रही है. सपा के दो विधायकों के प्रचार करने के बाद भी स्मृति ईरानी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. जिस स्मृति ईरानी ने साल 2019 में राहुल गांधी जैसे नाम चीन नेता को अमेठी से 55 हजार मतों से हरा दिया था, वही स्मृति ईरानी पांच सालों में 1 लाख 60 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गईं. यहां तक बीजेपी के दो विधायक, राज्य मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष के इलाके में भी स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा.

पांच साल पहले राहुल गांधी को चुनाव हराने वाली भारत सरकार की मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी अपनी जीत के तीन गुना अधिक वोटों से चुनाव हार गईं. हालत यह हो गई कि पांच विधान सभा में किसी भी विधान सभा क्षेत्र में एक लाख का आंकड़ा बीजेपी नहीं छू पाई. संसदीय क्षेत्र के सलोन विधान सभा क्षेत्र में बीजेपी के विधायक रहने के बावजूद भी बीजेपी की सबसे बड़ी हार सलोन में हुई. वही, तिलोई विधान सभा क्षेत्र में यूपी सरकार के मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के क्षेत्र में बीजेपी जीत नहीं दर्ज कर पाई. जगदीशपुर विधान सभा क्षेत्र में बीजेपी के वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री सुरेश पासी के रहते हुए भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.

राकेश प्रताप भी नहीं खिला पाए कमल: इस बार चुनाव में बीजेपी ने सीट पर जीत दर्ज करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. गौरीगंज विधान सभा के सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह को भी चुनाव प्रचार में लगा दिया. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के चुनाव प्रचार में आने से गौरीगंज विधान सभा का समीकरण बिगड़ गया. सपा विधायक के आने से बीजेपी समर्थकों में नाराजगी हो गई. बीजेपी समर्थकों और सपा विधायक में सामंजस्य बिगड़ गया. इसके अलावा जो बीजेपी के विधान सभा उम्मीदवार थे, वे भी इस फैसले से नाराज हो गए. उनके समर्थक कांग्रेस के प्रचार में जुट गए. लिहाजा गौरीगंज में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ गया. आलम यह हो गया, कि स्मृति ईरानी का जिस गांव में घर बना था, वह वहां चुनाव हार गईं.

सपा विधायक के आने से बिगड़ा संतुलन: यही आलम अमेठी में भी देखने को मिला. अमेठी से सपा विधायक महराजी देवी का परिवार बीजेपी के प्रचार में जुट गया. महराजी देवी के बीजेपी में प्रचार करने से बीजेपी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया. स्मृति ईरानी का विश्वास बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच टूट गया. इस विधान सभा क्षेत्र में भी बीजेपी समर्थकों के बीच गहरी नाराजगी फैल गई. चुनाव परिणाम चौकाने वाले आए. यहां ओबीसी और दलित मतदाताओं के साथ अल्पसंख्यक मतदाताओं का गठजोड़ कांग्रेस की जीत का कारण बना.

इसे भी पढ़े-कांग्रेस में राहुल की जीत से ज्यादा अमेठी में स्मृति की हार की खुशी, मुख्यालय में मना जश्न - Lok Sabha Election Results 2024

पुराने कार्यकर्ताओं को इग्नोर करना पड़ा भारी: वहीं बीजेपी के पुराने कार्यकताओं को इस बार बीजेपी ने तवज्जो नहीं दी. साल 2014 के चुनाव में जिन कार्यकर्ताओं के दम पर बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत के अंतर को कम किया था, उन्हीं कार्यकर्ताओं के दम पर साल 2019 में राहुल गांधी को 55000 से अधिक मतों से स्मृति ईरानी ने चुनाव हरा दिया था. इस बार चुनाव में पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गयी. बल्कि दूसरी पार्टी से आए हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर स्मृति ईरानी ने बड़ी भूल कर दी. इसकी चर्चा चुनाव के दौरान भी खूब हुई थी. चुनाव परिणाम आने पर उन बातों पर मोहर लग गई और स्मृति ईरानी चुनाव हार गई.

एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष के क्षेत्र में हुई करारी हार: अमेठी विधान सभा क्षेत्र बीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष का क्षेत्र है. बीजेपी को यहां भारी हार का सामना करना पड़ा. यहां बीजेपी कांग्रेस के सामने जरा भी नहीं टिक पाई. कांग्रेस लगभग दोगुना मत पाकर स्मृति ईरानी से 46686 मतों से लीड पा गईं. अमेठी विधान सभा बीजेपी एमएलसी गोविंद नारायण शुक्ला उर्फ राजा बाबू का गृह क्षेत्र भी है. बावजूद इसके यहां कमल पूरी तरह मुरझा गया.

स्मृति ईरानी को मिले इतने मत: स्मृति ईरानी को इस बार कुल 372032 मत प्राप्त हुए. इसमें अमेठी विधान सभा में 59294 मत, सलोन विधान सभा क्षेत्र में 67052 मत, गौरीगंज विधान सभा में 75048, तिलोई विधान सभा में 83287, जगदीशपुर विधानसभा में 86073 मत मिले.

किशोरी लाल शर्मा को मिले इतने मत: कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा को अमेठी में 105983, गौरीगंज में 108426 तिलोई में 101405, सलोन में 119370 ,जगदीशपुर में 101496 मत मिले. इस प्रकार कुल कांग्रेस प्रत्याशी को 539228 मत मिले.

बीजेपी का कांग्रेस से हार का अंतर: बीजेपी को अमेठी से 46689 मतों से हार का सामना करना पड़ा. वहीं, सलोन विधान सभा से 52318 मतों से, गौरीगंज में 33378 मतों से, तिलोई विधान सभा से 18118 मतों से ,जगदीशपुर में 15423 मतों से हार का समाना करना पड़ा.


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Last Updated : Jun 5, 2024, 8:24 PM IST
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