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बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष बने नंद किशोर यादव, नीतीश-तेजस्वी ने आसन तक पहुंचाया - बिहार विधानसभा का बजट सत्र

Nand Kishore Yadav: बिहार विधानसभा को नया अध्यक्ष मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव निर्विरोध रूप से स्पीकर चुने गए हैं. उन्होंने 13 फरवरी को नॉमिनेशन किया था. विपक्ष की तरफ से उनके खिलाफ किसी ने नामांकन नहीं किया था.

नंद किशोर यादव
नंद किशोर यादव
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 15, 2024, 8:43 AM IST

Updated : Feb 15, 2024, 12:05 PM IST

पटना: पटना साहिब से बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव ने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल ली है. एनडीए की नई सरकार बनने के बाद अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नंद किशोर यादव की तरफ से ही लाया गया था. बाद में तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ एनडीए के 125 विधायकों ने वोट किया था, जिस वजह से अवध बिहारी को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ी.

नंद किशोर यादव ने संभाली स्पीकर की कुर्सी: नंद किशोर यादव ने 13 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन किया था. उनके खिलाफ विपक्ष ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा, जिस वजह से वह निर्विरोध चुन लिए गए. वहीं चयन के बाद नेता सदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मिलकर उनको आसन तक पहुंचाया.

संघ सेवक से लेकर जेपी आंदोलन में जेल भी गए: नंद किशोर यादव बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. वर्ष 1969 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे. 1971 में विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने लगे. 1974 में जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे और 1974-76 के बीच 15 महीने जेल में भी रहे. 1978 में पटना नगर निगम के पार्षद बने. 1982 में ही पटना नगर निगम के उप महापौर बने. वहीं वर्ष 1983 में बीजेपी के पटना महानगर के अध्यक्ष चुने गए. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने.

1995 में विधायकी का चुनाव जीते: 1995 में वह पटना पूर्वी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक बने. 1995 से 98 तक बीजेपी के प्रदेश महामंत्री रहे. 1998 से 2003 तक बिहार बीजेपी के अध्यक्ष भी बने थे. 2000 में फिर से पटना पूर्वी से दूसरी बार विधायक चुने गए. 2005 में पटना पूर्वी से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए और 2005 में ही दोबारा जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो फिर से चौथी बार विधायक चुने गए.

सातवीं बार बने हैं विधायक: नंद किशोर यादव को 2005 में पथ निर्माण मंत्री और पर्यटन मंत्री बनाया गया था. 2008 में स्वास्थ्य मंत्री बने. 2010 में पटना साहिब से पांचवीं बार निर्वाचित हुए और पथ निर्माण मंत्री बने. वहीं, 2013 में नेता प्रतिपक्ष भी बने. 2015 में पटना साहिब से छठी बार विधायक बने. 2017 में जब नीतीश कुमार फिर से एनडीए में आ गए तो इन्हें पथ निर्माण मंत्री की जिम्मेदारी फिर से मिली. 2020 में पटना साहिब से सातवीं बार विधायक बने हैं और अब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे.

बिहार बीजेपी के बड़े नेता हैं नंद किशोर: नंद किशोर यादव बिहार बीजेपी में हमेशा से बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं. सरकार में हो या विपक्ष में, उन्होंने पार्टी की जिम्मेवारी अब तक बहुत बखूबी निभाई है. यादव समाज से आने वाले नंद किशोर यादव तेजतर्रार नेता के तौर पर पर भी जाने जाते हैं. ऐसे अब देखना है कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में किस तरह से सदन की कार्यवाही चलाते हैं.

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पटना: पटना साहिब से बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव ने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल ली है. एनडीए की नई सरकार बनने के बाद अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नंद किशोर यादव की तरफ से ही लाया गया था. बाद में तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ एनडीए के 125 विधायकों ने वोट किया था, जिस वजह से अवध बिहारी को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ी.

नंद किशोर यादव ने संभाली स्पीकर की कुर्सी: नंद किशोर यादव ने 13 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन किया था. उनके खिलाफ विपक्ष ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा, जिस वजह से वह निर्विरोध चुन लिए गए. वहीं चयन के बाद नेता सदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मिलकर उनको आसन तक पहुंचाया.

संघ सेवक से लेकर जेपी आंदोलन में जेल भी गए: नंद किशोर यादव बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. वर्ष 1969 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे. 1971 में विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने लगे. 1974 में जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे और 1974-76 के बीच 15 महीने जेल में भी रहे. 1978 में पटना नगर निगम के पार्षद बने. 1982 में ही पटना नगर निगम के उप महापौर बने. वहीं वर्ष 1983 में बीजेपी के पटना महानगर के अध्यक्ष चुने गए. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने.

1995 में विधायकी का चुनाव जीते: 1995 में वह पटना पूर्वी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक बने. 1995 से 98 तक बीजेपी के प्रदेश महामंत्री रहे. 1998 से 2003 तक बिहार बीजेपी के अध्यक्ष भी बने थे. 2000 में फिर से पटना पूर्वी से दूसरी बार विधायक चुने गए. 2005 में पटना पूर्वी से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए और 2005 में ही दोबारा जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो फिर से चौथी बार विधायक चुने गए.

सातवीं बार बने हैं विधायक: नंद किशोर यादव को 2005 में पथ निर्माण मंत्री और पर्यटन मंत्री बनाया गया था. 2008 में स्वास्थ्य मंत्री बने. 2010 में पटना साहिब से पांचवीं बार निर्वाचित हुए और पथ निर्माण मंत्री बने. वहीं, 2013 में नेता प्रतिपक्ष भी बने. 2015 में पटना साहिब से छठी बार विधायक बने. 2017 में जब नीतीश कुमार फिर से एनडीए में आ गए तो इन्हें पथ निर्माण मंत्री की जिम्मेदारी फिर से मिली. 2020 में पटना साहिब से सातवीं बार विधायक बने हैं और अब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे.

बिहार बीजेपी के बड़े नेता हैं नंद किशोर: नंद किशोर यादव बिहार बीजेपी में हमेशा से बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं. सरकार में हो या विपक्ष में, उन्होंने पार्टी की जिम्मेवारी अब तक बहुत बखूबी निभाई है. यादव समाज से आने वाले नंद किशोर यादव तेजतर्रार नेता के तौर पर पर भी जाने जाते हैं. ऐसे अब देखना है कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में किस तरह से सदन की कार्यवाही चलाते हैं.

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Last Updated : Feb 15, 2024, 12:05 PM IST
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