रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में कचरे के निष्पादन और बिना कार्य के उसके भुगतान को लेकर सवाल जवाब हुआ. दुर्ग के बीजेपी विधायक गजेंद्र यादव ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह सवाल उठाया. उन्होंने डिप्टी सीएम और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव से सवाल पूछे. गजेंद्र यादव ने इस संदर्भ में बिना मशीनरी की स्थापना किए कचरे के निपटारे को लेकर सवाल खड़े गिए.
दुर्ग नगर पालिका में कौन सी मशीनरी स्थापित की गई: विधायक गजेंद्र यादव ने सवाल पूछा कि अगर दुर्ग नगर पालिका में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर किसी मशीनरी की स्थापना नहीं की गई है तो किस तरीके से कचरे का निष्पादन यानि निपटारा किया गया है. क्योंकि जानकारी के मुताबिक कचरे के निष्पादन के लिए किसी तरह का कोई मशीन स्थापित नहीं किया गया है.
डिप्टी सीएम अरुण साव ने दिया जवाब: दुर्ग नगर पालिका में वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े सवाल पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि" यहां जेसीबी, ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रैक्टर के साथ साथ अन्य मशीनों के जरिए कचरे का निष्पादन किया जा रहा है. इस पर विधायक गजेंद्र यादव ने कहा कि यहां किसी भी मशीन का प्रयोग कचरे के निपटारे और निष्पादन के लिए नहीं किया है. आज भी दुर्ग के 12 एकड़ में पूरा कचरा डंप है सिर्फ कागजों में कार्य किया गया है, क्या किसी अधिकारी की तरफ से इसका भौतिक सत्यापन किया गया है.
मंत्री ने इंस्पेक्शन कराने की बात कही: गजेंद्र यादव के सवाल पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि कचरा निष्पादन को लेकर आपरेशन सर्टिफिकेट अधिकारियों ने दिया है. आप चाहते है तो हम इंस्पेक्शन कराकर देख लेंगे. विधायक गजेंद्र यादव ने कहा कि आज भी 12 एकड़ में कचरा फैला हुआ है. पूरे इलाके में दुर्गंध आ रही है क्या आप इस पर कोई कार्रवाई करेंगे. नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि 1.5 एकड़ का एरिया बचा हुआ है. उसके निष्पादन के लिए कार्यवाही प्रक्रिया के तहत की जा रही है. इस पर विधायक गजेंद्र यादव ने मंत्री जी को गलत जानकारी होने की बात कही. उन्होंने कहा कि मंत्री जी के पास जो जानकारी है वह पूरी गलत है. उन्होंने पूछा कि क्या आप इससे जुड़े अधिकारियों पर एक्शन लेंगे. रेस्ट एरिया एक के लिए निष्पादन की कार्यवाही प्रोसिजर के हिसाब से किया जा रहा है. इस पर विधायक गजेंद्र ने कहा कि अधिकारियों के द्वारा गलत जानकारी दी गई है. यह कार्य केवल लिखवाने से नहीं होगा. इसके बाद मंत्री अरुण साव ने इस पूरे मुद्दे पर इंस्पेक्शन करवाने की बात कही है.
विधायक गजेंद्र यादव ने पत्रकारों को दी जानकारी: इस पूरे मसले पर विधायक गजेंद्र यादव ने मीडिया को जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि दुर्ग में इकट्ठा कचरे को डीकंपोज करने का सरकार का प्लान था. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से ₹6 करोड रुपए की राशि जारी की गई. 10.25 एकड़ में रखे कचरे के निपटारे के लिए यह राशि जारी की गई. जिसमें टेंडर के मुताबिक शर्त रखी गई कि जेसीबी, डंबर और अन्य मशीनों के जरिए कचरे का निपटारा करना है. लेकिन फिर भी काम अधूरा रहा और गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. कागजों में कार्य को दिखाकर 6 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान हो गया. इसलिए मैने इस मुद्दे को सदन में उठाया है.
इस मसले पर डिप्टी सीएम और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने जांच की बात कही है. अब देखना होगा कि जांच के बाद क्या तथ्य सामने आते हैं.