रांची: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दूसरे प्रदेशों में आलू भेजने पर लगाई गई रोक का असर झारखंड पर भी पड़ रहा है. इस रोक के बाद झारखंड-पश्चिम बंगाल सीमा पर आलू के ट्रकों की लाइन लगी है. साथ ही झारखंड में आलू के दाम में बढ़ोतरी हुई है. वहीं मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को इस समस्या का समाधान निकालने का निर्देश दिया है.
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ऐसा क्या हो गया कि जिस ममता बनर्जी का शपथ ग्रहण के दौरान इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने खुले दिल से स्वागत किया. शपथ ग्रहण समारोह से लौटते ही ममता बनर्जी ने अपने प्रदेश से आलू के निर्यात पर झारखंड सहित दूसरे राज्यों पर रोक लगा दी.
पूर्व स्पीकर और पूर्व मंत्री रह चुके भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि यह तो यहां की इंडिया गठबंधन वाली सरकार को समझना चाहिए, जो ममता बनर्जी के साथ आगे-पीछे फिरते हैं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी किसी की नहीं हैं. ममता बनर्जी ने यह समझना चाहिए कि अगर झारखंड अपना कोयला बाहर जाने से रोक दे या खनिज-संपदा बाहर जाने से रोक दे तब क्या होगा?
पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर आलू के वाहनों को रोकने के मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है और राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी से तत्काल मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद मुख्य सचिव अलका तिवारी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से फोन पर पूरे मामले पर बात की है और इस समस्या का समाधान निकालने पर बात की है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने अलका तिवारी को यह भरोसा दिलाया है कि जल्द ही एक कमेटी बनाकर आलू के मामले का निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा.
इस बीच भाजपा के नेता इस बात को लेकर काफी मुखर हैं कि हेमंत सोरेन सरकार के शपथ ग्रहण में जिस ममता बनर्जी का गर्मजोशी से स्वागत किया था. वही ममता बनर्जी ने उसी दिन आलू के बंगाल से झारखंड आने पर रोक लगा दी.
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