रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भारी हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया. वहीं, कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी मुख्यमंत्री से अपने सवालों का जवाब चाह रही मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायक नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में सदन में बैठे रहे. इधर, राज्य के सत्ताधारी दल के विधायकों ने भाजपा नेता के इस एक्शन को नौटंकी करार देते हुए कहा कि इससे उनका कोई भला नहीं होगा, जनता इसका जवाब जरूर देगी. इस बीच राज्य के पूर्व संसदीय कार्यमंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पूर्व बिहार में जगन्नाथ मिश्रा की सरकार के समय कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में इसी तरह के विरोध बताया.
सरयू राय ने बीजेपी विधायकों के सदन में बैठे रहने के बारे में कहा कि सदन ऑर्डर में नहीं रहने के बावजूद विपक्ष या भाजपा के विधायकों का यह अधिकार है कि वह सदन में बैठकर अपना विरोध जता सकते हैं. लेकिन यह कृत्य पक्षपात पूर्ण नहीं होना चाहिए. निर्दलीय विधायक ने कहा कि पहले प्रश्नकाल चलने देना, फिर भाजपा विधायक रामचन्द्र चंद्रवंशी के ध्यानाकर्षण को सुचारू रूप से चलने देने के बाद अचानक हंगामा करना ठीक नहीं है. सरयू राय ने कहा कि सदन एक दल का नहीं है और सभी को अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने का मौका मिलना चाहिए. अगर भाजपा को मुख्यमंत्री का जवाब ही चाहिए था तो सुबह से ही इसकी मांग बुलंद किए रहते. सरयू राय ने कहा कि विपक्ष अपने मुद्दों पर सरकार को घेरने की हर मुमकिन कोशिश करता है, लेकिन स्पीकर को चाहिए कि वह प्रयास कर इस गतिरोध को समाप्त कराना चाहिए.
क्या सदन में नौटंकी करने के लिए जनता ने विधानसभा भेजा है: सुदिव्य
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद भाजपा विधायकों के सदन में बने रहने के सवाल पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि यह सवाल तो विपक्षी दलों के नेताओं से पूछना चाहिए कि वह सदन के अंदर यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं. सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में जनता की भावनाओं के अनुरूप प्रश्न पूछने के लिए उन्हें मतदाताओं ने सदन में भेजा है. सदन में नौटंकी करने के लिए उन्हें जनता ने चुनकर नहीं भेजा है. सत्ता पक्ष मजबूती से विपक्ष का प्रतिकार करेगा.
सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सदन चलाने की जिम्मेवारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की होती है. लोकतंत्र की यही अवधारणा भी है, लेकिन जब एक पहिया बेमेल हो जाए तो सदन चलाना मुमकिन नहीं हो सकता है. विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि विपक्ष अपनी बातें सदन में रखते हैं, तब उसमें कोई हंगामा नहीं होता हैं. लेकिन जैसे ही सत्ता पक्ष के सदस्यों का ध्यान आया तो भारतीय जनता पार्टी के विधायक लोकतंत्र के स्थापित परंपरा को ताक पर रखकर हंगामा करने लगे. लोकसभा में तस्वीर दिखाने पर स्पीकर ओम बिरला माइक घुमा देते हैं. फिर यहां के स्पीकर पर भाजपा के विधायक कैसे आरोप लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष तैयार है.
सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार: मथुरा महतो
वहीं, विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्य सचेतक मथुरा महतो ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक गलत मानसिकता के साथ राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने अपनी बातें रख ली, अपने हिसाब से सवाल पूछ लिए और जब सत्ताधारी दल के विधायक जनता के हित में सवाल पूछने लगे तब भारतीय जनता पार्टी के विधायक हंगामा करने लगे. सरकार, विपक्ष के एक-एक सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष हमें यह नहीं कह सकता है उन्हें आज ही उत्तर चाहिए. सरकार का जब जवाब होगा तो सरकार की ओर से विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा.
राज्य के शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है, लेकिन इसके लिए सदन का ऑर्डर में होना बेहद जरूरी है. विपक्ष को समझना चाहिए कि जब सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी तो फिर वहां बैठने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि स्पीकर सर्वमान्य होते हैं और उनका फैसला मान्य होता है. जबकि मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सदन के अंदर भाजपा का आचरण ठीक नहीं है. मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक वोट बढ़ाने के लिए जो कुछ भी कर रहे हैं उससे उनका वोट बढ़ेगा नहीं बल्कि और घटेगा क्योंकि वह जनता का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं बल्कि सिर्फ अपनी बात कर रहे हैं.
अभी समय है, सभी वादें पूरी करेगी सरकार: चंपई सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सदन के अंदर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के कृत्य को गैर जरूरी बताया है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि अभी चुनाव में करीब तीन महीने बाकी है. इस अवधि में सरकार ज्यादा से ज्यादा वादें पूरी करेंगी.
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