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'इलेक्टोरल बॉन्ड गलत तो बिहार में सर्वाधिक 72.50 करोड़ रुपये RJD ने क्यों भुनाए?', सुशील कुमार मोदी का बड़ा हमला

Sushil Kumar Modi: इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर विपक्ष जहां भारतीय जनता पार्टी को घेरने में लगा है, वहीं अब बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने पलटवार करते हुए आरजेडी को मिले चंदे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर इलेक्टोरल बॉन्ड गलत हैं तो फिर बिहार में सर्वाधिक 72.50 करोड़ राष्ट्रीय जनता दल ने क्यों स्वीकार किए.

Sushil Kumar Modi
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 17, 2024, 8:07 AM IST

Updated : Mar 17, 2024, 9:42 AM IST

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 18वीं लोकसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का स्वागत किया है. इसके साथ ही उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहिए कि चुनावी बॉन्ड और नकद चंदे के अलावा राजनीतिक दलों को किस प्रकार चंदा लेना चाहिए? सर्वोच्च न्यायालय बताएं कि यदि लोग अपनी पसंद के दल का आर्थिक सहयोग कर चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करना चाहें, तो सही तरीका क्या होना चाहिए?

सुशील मोदी का आरजेडी पर हमला: सुशील मोदी ने कहा कि 20 हजार करोड़ के जो चुनावी बांड भुनाए गए, उससे सर्वाधिक 303 सांसदों वाली पार्टी बीजेपी को 6 हजार करोड़ रुपये मिले. शेष 14 हजार करोड़ रुपये तो 242 सांसदों वाले विपक्ष को मिले. उन्होंने कहा कि यदि चुनावी बॉन्ड गलत हैं, तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी ने सबसे ज्यादा 72 करोड़ 50 लाख के बांड क्यों भुना लिए? आरजेडी चुनावी बॉन्ड भुनाने वाले टॉप टेन दलों में है. कांग्रेस ने 1400 करोड़, टीएमसी ने 1600 करोड़ और डीएमके ने 639 करोड़ के चुनावी बांड भुनाए.

"यदि चुनावी बॉन्ड गलत हैं तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने सबसे ज्यादा 72 करोड़ 50 लाख के बॉन्ड क्यों भुना लिए? राजद चुनावी बांड भुनाने वाले टॉप टेन दलों में है. अगर चुनावी बॉन्ड के और आंकड़े सार्वजनिक हुए तो कांग्रेस और आरजेडी मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे."- सुशील कुमार मोदी, नेता, भारतीय जनता दल

इलेक्टोरल बॉन्ड पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण: बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने यह सुनिश्चित किया था कि कोई व्यक्ति या प्रतिष्ठान कालेधन से चुनावी बांड न खरीद सके. इसके बावजूद इस बॉन्ड पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने कहा कि जिस दल की जितनी लोकप्रियता है या जिसके जितने सांसद-विधायक हैं, उसे यदि उसी अनुपात में अधिक चंदा मिला तो इसमें घोटाला या स्कैम क्या है? सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऐसा आभास होता है कि उसने कोई घोटाला उजागर कर दिया है.

ये भी पढ़ें: 'बीजेपी ने भ्रष्टाचार को कानूनी रूप दे दिया'- इलेक्ट्रोल बॉन्ड पर बोले कन्हैया कुमार- 'मोदी जी खा भी रहे और खिला भी रहे'

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 18वीं लोकसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का स्वागत किया है. इसके साथ ही उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहिए कि चुनावी बॉन्ड और नकद चंदे के अलावा राजनीतिक दलों को किस प्रकार चंदा लेना चाहिए? सर्वोच्च न्यायालय बताएं कि यदि लोग अपनी पसंद के दल का आर्थिक सहयोग कर चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करना चाहें, तो सही तरीका क्या होना चाहिए?

सुशील मोदी का आरजेडी पर हमला: सुशील मोदी ने कहा कि 20 हजार करोड़ के जो चुनावी बांड भुनाए गए, उससे सर्वाधिक 303 सांसदों वाली पार्टी बीजेपी को 6 हजार करोड़ रुपये मिले. शेष 14 हजार करोड़ रुपये तो 242 सांसदों वाले विपक्ष को मिले. उन्होंने कहा कि यदि चुनावी बॉन्ड गलत हैं, तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी ने सबसे ज्यादा 72 करोड़ 50 लाख के बांड क्यों भुना लिए? आरजेडी चुनावी बॉन्ड भुनाने वाले टॉप टेन दलों में है. कांग्रेस ने 1400 करोड़, टीएमसी ने 1600 करोड़ और डीएमके ने 639 करोड़ के चुनावी बांड भुनाए.

"यदि चुनावी बॉन्ड गलत हैं तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने सबसे ज्यादा 72 करोड़ 50 लाख के बॉन्ड क्यों भुना लिए? राजद चुनावी बांड भुनाने वाले टॉप टेन दलों में है. अगर चुनावी बॉन्ड के और आंकड़े सार्वजनिक हुए तो कांग्रेस और आरजेडी मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे."- सुशील कुमार मोदी, नेता, भारतीय जनता दल

इलेक्टोरल बॉन्ड पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण: बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने यह सुनिश्चित किया था कि कोई व्यक्ति या प्रतिष्ठान कालेधन से चुनावी बांड न खरीद सके. इसके बावजूद इस बॉन्ड पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने कहा कि जिस दल की जितनी लोकप्रियता है या जिसके जितने सांसद-विधायक हैं, उसे यदि उसी अनुपात में अधिक चंदा मिला तो इसमें घोटाला या स्कैम क्या है? सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऐसा आभास होता है कि उसने कोई घोटाला उजागर कर दिया है.

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Last Updated : Mar 17, 2024, 9:42 AM IST
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