जोधपुर: भाजपा नेता सतीश पूनिया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भाजपा सरकार की कानून व्यस्था पर बोलने का अधिकार नहीं है. उनको अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि पिछले 5 साल में कैसे कानून व्यवस्था ध्वस्त हुई. उन्होंने अपने शासन काल में पुलिसिंग को कमजोर किया था. भाजपा ने इसे ही मुद्दा बनाया, तब वे सत्ता से बाहर हुए थे.
पूनिया दो दिन से मारवाड़ के प्रवास पर हैं. वे शुक्रवार को बालोतरा गए और शनिवार को जोधपुर पहुंचे. यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने टोंक में एसडीएम थप्पड़कांड के संदर्भ में ये बात कही. पूनिया का कहना था कि गहलोत सरकार के समय राजस्थान में जो हालात बने थे. उसको दुरुस्त करने का काम भी बीजेपी सरकार ने किया है. जहां तक देवली- उनियारा की घटना का सवाल है. इसकी प्रशंसा कोई नहीं करेगा. लोकतंत्र में चुनाव कोई लड़े, वोट कोई किसी को दे, लेकिन संविधान के अंदर हमें जो आज़ादी मिली है. उसका मर्यादा से पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए.
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पूनिया ने कहा कि राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी लोकतंत्र का हिस्सा है. इसलिए दोनों मिलकर जब चलते हैं, उसका लाभ प्रदेश और देश को अवश्य होता है. उसके लिए दोनों के बीच में संबंध भी ठीक होने चाहिए. इस तरह की घटनाओं की. पुनरावृत्ति नहीं हो, इसका प्रयास सभी को करना चाहिए. यह घटना सभी राजनीतिक दलों के लिए सीख भी है.
उल्लेखनीय है कि देवली-उनियारा में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना के बाद से विपक्ष भजनलाल सरकार पर हमलावर है. प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं.
उपचुनाव में अधिकांश सीटें जीतेंगे: उपचुनाव के परिणाम पर सतीश पूनिया ने कहा कि 2023 के चुनाव में हमारे पास सलूम्बर की एक सीट थी, लेकिन मुझे लगता है कि इस बार जिस तरीके से पार्टी ने संगठनात्मक और प्रबंधन के तौर पर काम किया है. उसके आधार मैं कह सकता हूं कि बीजेपी अधिकांश सीटें जीतेगी.