जयपुर: राजस्थान के चर्चित पेपर लीक मामले को लेकर बुधवार को प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरोड़ी लाल मीणा एसओजी मुख्यालय पहुंचे. किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी मुख्यालय में एडीजी वीके सिंह से मुलाकात की. किरोड़ी लाल मीणा ने आरएएस भर्ती, एसआई भर्ती और रीट पेपर लीक मामले में कई साक्ष्य एसओजी के एडीजी वीके सिंह को सौंपे. एसओजी एडीजी वीके सिंह से मुलाकात के बाद मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आरपीएससी के चेयरमैन संजय श्रोत्रिय समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए.
किरोड़ी ने कहा कि पेपर लीक के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण से एसओजी अधिकारी मोहन पोसवाल और एक सिपाही ने 64 लाख रुपए की रिश्वत ली. खुद भूपेंद्र सारण ने मुझे पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी. मोहन पोसवाल ने कोर्ट में भी भूपेंद्र सारण का मोबाइल जब्त नहीं करने की जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सारण को सूचना उदाराम ने दी. उन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डीपी जारौली पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने खुद स्वीकार किया कि इसमें कांग्रेस नेताओं का हाथ है. पूर्ववर्ती सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा नेता पेपर लीक में शामिल थे. उदयराम और सुरेश के पास भी कई जानकारियां हैं जिनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द होनी चाहिए, जिसके बाद कई खुलासे सामने आएंगे.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आरपीएससी अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय ने भी कई गड़बड़ियां की हैं. उसकी जानकारी भी एसओजी को दी है. आरएएस 2021 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक में शिव सिंह राठौड़ और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्राइवेट लोगों के हाथों में देकर भ्रष्टाचार करने में आरपीएससी के वर्तमान अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका रही है. किरोड़ी ने कहा कि मेरे पास मौजूद तमाम सबूत एसओजी एडीजी वीके सिंह को दे दिए हैं. उन्हें पहले एसओजी की सफाई करने को कहा गया है. 15 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई, तो एसओजी मुख्यालय में ही अनशन करूंगा. इन सबूतों से एसओजी को बड़े मगरमच्छों को पकड़ने में काफी सहायता मिलेगी.
किरोड़ी ने कहा कि एसओजी के उन अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की गई है जिन लोगों ने राजस्थान के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. जिन नेताओं के फोन पर एसओजी के अधिकारियों ने काम किया था, उनकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए. एसओजी के ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के नाम भी एसओजी के एडीजी को सौंपे हैं. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि आरएएस भर्ती परीक्षा की एक ऐसी कॉपी हाथ लगी है, जिसकी हर पेज पर नॉट अटेम्प्ट लिखा हुआ है. इसका मतलब है कि जिस रोल नंबर की यह कॉपी है, उसने परीक्षा नहीं दी थी. लेकिन परीक्षा होने के बाद कॉपी को भरा गया और जांच करने वाले ने उसे पास कर दिया और ऐसा व्यक्ति अभी राजस्थान में आरएएस बना हुआ है. कांग्रेस सरकार ने दर्जनों लोगों को फर्जी तरीके से आरएएस अफसर बनाया है.