गोड्डा:आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं. इस बार एनडीए की ओर से आजसू और भाजपा एक साथ चुनावी मैदान में उतरेगी, तो महागठबंधन में शामिल दल भी एक मंच से जोर लगाएंगे. हालांकि अब तक दोनों खेमे की ओर से सीट शेयरिंग फार्मूला तय नहीं हुआ है, लेकिन टिकट की चाह में दोनों खेमे के नेता हाथ-पैर मार रहे हैं. यहां तक कि खबर यह भी है कि कई नेता दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं.
तीन सीटों में से मात्र एक पर काबिज है भाजपा
ऐसा ही हाल गोड्डा में भी दिख रहा है. गोड्डा में विधानसभा की तीन सीटें हैं, जिसमें गोड्डा, महगामा और पोड़ैयाहाट है. जिसमें से मात्र एक सीट गोड्डा पर ही भाजपा काबिज है, बाकी की दोनों सीटों पर वर्तमान में महागठबंधन की ओर से दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव हैं. दीपिका महगामा से विधायक हैं तो प्रदीप पोड़ैयाहाट से.
महगामा और पोड़ैयाहाट सीट पर भाजपा की नजर
इस बार के चुनाव में गोड्डा जिले की वैसी सीट जहां भाजपा काबिज नहीं है उक्त सीट पर भाजपा की ओर से एक अलग किस्म का चुनावी प्रबंधन दिख रहा है. भाजपा की नजर महगामा विधानसभा सीट और पोड़ैयाहाट विधानसभा सीट पर है. इसके लिए वैसे नेताओं की पीठ ठोक कर मैदान में उतारे जाने की तैयारी है, जो आर्थिक रूप से सबल हो.
महगामा सीट पर भाजपा का अधिक फोकस
इस कड़ी में गोड्डा की सबसे अहम सीट महगामा विधानसभा है. आगामी चुनाव में भाजपा दीपिका को पटखनी देने की योजना बना रही है. इसके लिए उम्मीदवारों के चयन पर मंथन का दौर चल रहा है. जिसमें पहला नाम तीन बार के विधायक अशोक भगत का आगे चल रहा है. अशोक भगत पार्टी के प्रदेश महामंत्री भी हैं, लेकिन उनकी पार्टी के बड़े नेता और गोड्डा सांसद से नाराजगी कई बार उजागर हो चुकी है. ऐसे में दूसरे विकल्प पर भी पार्टी विचार कर रही है.
मालदार कैंडिडेट की भाजपा को तलाश!
चर्चा है कि पार्टी की ओर से ऐसे उम्मीदवार का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है जो करोड़पति हैं और उन्होंने गत चुनाव में भी पार्टी को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निभाई थी. कुछ लोग इसे चुनावी प्रबंधन का हिस्सा मानते हैं.
महगामा से भाजपा की ओर से इन नामों की है चर्चा
महगामा विधानसभा सीट के लिए गंगटी निवासी जिला परिषद सदस्य निरंजन पोद्दार का नाम आगे चल रहा है. निरंजन सिल्क के बड़े व्यवसायी हैं और सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं. वहीं मधुरा गांव के अशोक कुमार सिंह का नाम भी कयासों में चल रहा है. अशोक पूर्व में भी विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा चुके हैं और क्षेत्र के बड़े व्यवसायी और ठेकेदार हैं.
इसके अलावा बद्रीनाथ भगत के नाम की भी चर्चा है. बद्रीनाथ पूर्व में राजद से चुनाव लड़ चुके हैं. इलाके के बड़े ठेकेदार के तौर पर बद्रीनाथ की पहचान है. इसके अलावा निरंजन सिन्हा के नाम की भी चर्चा चल रही है. निरंजन का देवघर और गुजरात में बड़ा कारोबार है. साथ ही निरंजन की पत्नी मुखिया हैं. वहीं अरुण राम के नाम की भी चर्चा है. अरुण की इलाके में बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान है और उनकी पत्नी जिला परिषद सदस्य हैं.
संजीव मिश्रा भी टिकट की दौड़ में
उधर, बाबूलाल मरांडी के करीबी जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा भी खुद को टिकट के दावेदारों में मान रहे हैं. ये सभी लोग दिल्ली दौड़ के साथ-साथ सांसद से नजदीकी बढ़ाने की जुगत में हैं.
सांसद ने कई लोगों को टिकट का सपना दिखायाः दीपिका
हालांकि इसे लेकर दीपिका पांडेय सिंह भी कहती रही हैं कि सांसद जी ने दर्जन भर लोगों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने का सपना दिखा कर मैदान में छोड़ दिया हैं. लोग इस उम्मीद में पार्टी से जुड़े हुए हैं कि शायद उन्हें टिकट मिल जाए.
चुनावी प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी हैं निशिकांत
वहीं इस संबंध में पत्रकार हेमचंद्र कहते हैं कि ये भाजपा का चुनावी प्रबंधन है और इसमें सांसद निशिकांत दुबे माहिर खिलाड़ी हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि चुनाव लड़ना है और टिकट चाहिए तो आटा तो गीला करना ही होगा.
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