रांची: बीजेपी से विधानसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक दावेदारों की लंबी सूची है. हालत यह है कि एक-एक सीट पर टिकट पाने की चाहत रखनेवाले दावेदारों की संख्या दर्जनों में है. पार्टी की ओर से आवेदन के लिए निर्धारित समय समाप्त हो चुकी है. इसके बाद निचले स्तर से पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी पसंद के संभावित प्रत्याशियों के नाम प्रदेश चुनाव समिति को भेज दिया है. प्रदेश चुनाव समिति इन नामों में से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से तीन-तीन नामों पर विचार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेजने की तैयारी में है.
रांची सीट के लिए 48 आवेदन आए
जानकारी के मुताबिक शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र से टिकट पानेवालों की चाहत कम है. झारखंड बीजेपी से मिली जानकारी के अनुसार सर्वाधिक दावेदार रांची विधानसभा से है. पार्टी को रांची सीट के लिए कुल 48 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इसी तरह रांची के कांके, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर जैसे शहरी क्षेत्र में पड़नेवाले विधानसभा क्षेत्र से दो दर्जन से अधिक टिकट पाने के दावेदार हैं.
बीजेपी प्रदेश नेतृत्व उलझन में
इधर, दावेदारों की भारी संख्या से बीजेपी प्रदेश नेतृत्व मुश्किल में है. प्रत्याशी चयन के लिए रायशुमारी के बाद अब प्रदेश चुनाव समिति केंद्रीय नेतृत्व को अनुशंसा भेजने की तैयारी में है. संभावना है कि जल्द ही प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होगी, जिसमें नाम की स्क्रूटनी की जाएगी.
टिकट पाने के लिए आए आवेदनों की संख्या से बीजेपी जहां फीलगुड में है, वहीं प्रत्याशियों का चयन पार्टी को परेशानी में डाल रखा है. सबसे ज्यादा दावेदार रांची विधानसभा क्षेत्र में है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रांची सीट से टिकट पाने की चाहत रखनेवालों में सीपी सिंह, रमेश सिंह, बाल मुकुंद सहाय, दीपक प्रकाश, अमित सिंह, मनोज मिश्रा, केके गुप्ता जैसा नाम शामिल है.
पार्टी तय करेगी उपयुक्त प्रत्याशी
रांची सीट से दावेदारों की लंबी सूची पर विधायक सीपी सिंह कहते हैं कि इसके पीछे की वजह पार्टी की लोकप्रियता है.उन्होंने कहा कि यह तो पार्टी को तय करना है कि कौन उपयुक्त है. जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा उन्हें एक निष्ठावान कार्यकर्ता की तरह काम करना चाहिए. यही पार्टी का सिद्धांत है, क्योंकि एक सीट पर तो किसी एक ही को टिकट मिलेगा.
टिकट की चाहत खराब बात नहीं-बीजेपी
वहीं इस संबंध में झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि ज्यादा दावेदार होना कोई गलत बात नहीं है. राजनीति में महत्वाकांक्षा होना कोई बुरी बात नहीं है.उन्होंने कहा कि यह आमतौर पर धारणा है कि भारतीय जनता पार्टी शहरी क्षेत्र में अधिक मजबूत है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में भी हम काफी मजबूत हुए हैं. यही वजह है कि कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र जो ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं वहां से दावेदारों की संख्या एक दर्जन से अधिक है.
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