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नक्सलियों का गढ़ बूढ़ापहाड़ में भाजपा को मिले बंपर वोट, 30 वर्षों के बाद इलाके में बनाए गए थे मतदान केंद्र - BJP Got Votes In Naxal Stronghold

BJP Got Votes. बूढापहाड़ के इलाके में भारतीय जनता पार्टी को बंपर वोट मिले हैं. वैसे मतदान केंद्र जहां कई दशकों के बाद मतदान केंद्र बनाए गए थे वहां भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को विपक्षी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले हैं.

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गश्त करते सुरक्षाबल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 12, 2024, 8:58 PM IST

पलामू: लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं और देश में नई सरकार ने शपथ भी ले ली है. धीरे-धीरे वोट से जुड़े कई आंकड़े निकलकर सामने आ रहे हैं. इस बीच नक्सलियों का गढ़ बूढ़ा पहाड़ चर्चा में है. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में भी भारतीय जनता पार्टी को बंपर वोट मिले हैं. वैसे मतदान केंद्र जहां कई दशकों के बाद मतदान केंद्र बनाए गए थे वहां भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को विपक्षी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले हैं.

दरअसल, बूढ़ा पहाड़ का एक हिस्सा पलामू लोकसभा क्षेत्र जबकि दूसरा हिस्सा चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बूढ़ा पहाड़ इलाके में 30 वर्षों के बाद मतदान केंद्र बनाया गया था. हेसातु मतदान केंद्र पर 518 वोटिंग हुई थी जिसमें से 282 भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णु दयाल राम जबकि 132 वोट इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी ममता भुईयां को मिला था. बूढ़ा पहाड़ का इलाका टेहरी पंचायत के अंतर्गत आता है.

टेहरी में 304 वोट भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णु दयाल राम जबकि 261 वोट इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी ममता भुइयां को मिला था. इसी तरह बूढ़ा पहाड़ से जुड़े हुए कई मतदान केंद्रों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को अधिक वोट मिले हैं. बूढ़ा पहाड़ से कुछ दूरी पर मौजूद तुरेर और सान्या में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को अधिक वोट मिला है.

बूढ़ापहाड़ इलाके में प्रचार करने नहीं आए थे कुछ प्रत्याशी

दरअसल, बूढ़ा पहाड़ किला का माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता रहा है. इस इलाके में चुनाव करवाना एक बड़ी चुनौती रही है. इलाके में माओवादियों कमजोर होने के बाद पहली बार बिना हिंसा का लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ है. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में चुनाव प्रचार के लिए कोई भी प्रत्याशी नहीं गया था. इसके बावजूद इलाके में जमकर वोटिंग हुई थी. हेमंत सोरेन पहले ऐसे सीएम हैं जो बूढ़ा पहाड़ के इलाके में गए थे. बूढ़ा पहाड़ के इलाके के ग्रामीण सुदेश्वर सिंह ने बताया कि इलाके में कोई भी बड़ा जनप्रतिनिधि चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं पहुंचा था. कुछ लोग अपने-अपने पार्टियों का झंडा और बैनर लेकर एक बार पहुंचे थे.

नक्सलवाद का विरोध करता है भाजपा: जिला अध्यक्ष

इलाके में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य पहुंचे थे और वोट देने की अपील किया था. इंडिया गठबंधन से भी जुड़े हुए भी लोग पहुंचे थे. लोग एक पार्टी की तरफ कैसे झुके यह कहना मुश्किल है. भारतीय जनता पार्टी के पलामू जिला अध्यक्ष अमित तिवारी ने कहा कि पार्टी ने शुरू से नक्सल का विरोध किया है. विकास के मुद्दे पर लोगों ने वोटिंग किया है. नक्सल का नुकसान वहां के स्थानीय लोगों को होता है. नक्सलवाद के खिलाफ पार्टी का रुख को लोगों ने स्वीकार किया है.

ये भी पढ़ें: म्यूटेशन को लेकर सीएम का स्पष्ट निर्देश, 90 दिन से अधिक लंबित होने पर होगी कार्रवाई

ये भी पढ़ें: मोदी कैबिनेट में कुर्मी प्रतिनिधित्व जीरो, संगठनों में आक्रोश, झामुमो ले रहा चुटकी, आजसू का क्या है स्टैंड, क्या झारखंड में एनडीए पर पड़ेगा असर

पलामू: लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं और देश में नई सरकार ने शपथ भी ले ली है. धीरे-धीरे वोट से जुड़े कई आंकड़े निकलकर सामने आ रहे हैं. इस बीच नक्सलियों का गढ़ बूढ़ा पहाड़ चर्चा में है. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में भी भारतीय जनता पार्टी को बंपर वोट मिले हैं. वैसे मतदान केंद्र जहां कई दशकों के बाद मतदान केंद्र बनाए गए थे वहां भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को विपक्षी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले हैं.

दरअसल, बूढ़ा पहाड़ का एक हिस्सा पलामू लोकसभा क्षेत्र जबकि दूसरा हिस्सा चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बूढ़ा पहाड़ इलाके में 30 वर्षों के बाद मतदान केंद्र बनाया गया था. हेसातु मतदान केंद्र पर 518 वोटिंग हुई थी जिसमें से 282 भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णु दयाल राम जबकि 132 वोट इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी ममता भुईयां को मिला था. बूढ़ा पहाड़ का इलाका टेहरी पंचायत के अंतर्गत आता है.

टेहरी में 304 वोट भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णु दयाल राम जबकि 261 वोट इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी ममता भुइयां को मिला था. इसी तरह बूढ़ा पहाड़ से जुड़े हुए कई मतदान केंद्रों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को अधिक वोट मिले हैं. बूढ़ा पहाड़ से कुछ दूरी पर मौजूद तुरेर और सान्या में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को अधिक वोट मिला है.

बूढ़ापहाड़ इलाके में प्रचार करने नहीं आए थे कुछ प्रत्याशी

दरअसल, बूढ़ा पहाड़ किला का माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता रहा है. इस इलाके में चुनाव करवाना एक बड़ी चुनौती रही है. इलाके में माओवादियों कमजोर होने के बाद पहली बार बिना हिंसा का लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ है. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में चुनाव प्रचार के लिए कोई भी प्रत्याशी नहीं गया था. इसके बावजूद इलाके में जमकर वोटिंग हुई थी. हेमंत सोरेन पहले ऐसे सीएम हैं जो बूढ़ा पहाड़ के इलाके में गए थे. बूढ़ा पहाड़ के इलाके के ग्रामीण सुदेश्वर सिंह ने बताया कि इलाके में कोई भी बड़ा जनप्रतिनिधि चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं पहुंचा था. कुछ लोग अपने-अपने पार्टियों का झंडा और बैनर लेकर एक बार पहुंचे थे.

नक्सलवाद का विरोध करता है भाजपा: जिला अध्यक्ष

इलाके में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य पहुंचे थे और वोट देने की अपील किया था. इंडिया गठबंधन से भी जुड़े हुए भी लोग पहुंचे थे. लोग एक पार्टी की तरफ कैसे झुके यह कहना मुश्किल है. भारतीय जनता पार्टी के पलामू जिला अध्यक्ष अमित तिवारी ने कहा कि पार्टी ने शुरू से नक्सल का विरोध किया है. विकास के मुद्दे पर लोगों ने वोटिंग किया है. नक्सल का नुकसान वहां के स्थानीय लोगों को होता है. नक्सलवाद के खिलाफ पार्टी का रुख को लोगों ने स्वीकार किया है.

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