चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी अपना 45वां स्थापना दिवस मान रही है. एक वक्त था जब बीजेपी के लिए एक लोकसभा सीट भी जितना बहुत मुश्किल था. अब बीजेपी तीसरी बार 400 पार के दावा कर सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है. ईटीवी भारत से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने बीजेपी पार्टी से शुरु से लेकर अभी तक से सफर को बताया उन्होंने कहा "सबसे पहले 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई. जो एक सामाजिक संस्था के तौर पर काम कर रही थी. इस बीच आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार बनी."
भारतीय जनसंघ की स्थापना: वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने बताया "कांग्रेस सरकार में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी कैबिनेट मिनिस्टर बने. उन्होंने 1950 को इस्तीफा देकर अपना राजनीतिक दल शुरू करने का फैसला लिया. वहीं आरएसएस के कुछ लोग ऐसे थे. उन्होंने सोचा कि क्यों ना अब समाज सेवा के साथ-साथ राजनीति भी की जाए और यही वजह है कि 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अगुवाई में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई."
जनता पार्टी के नाम से बना संगठन: वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने बताया "1952 में लोकसभा के चुनाव हुए. जिसमें से भारतीय जनसंघ के तीन सांसद बने. उसके बाद 1957 में चार, 1962 में 14, 1967 में 35 फिर 1971 में 22 भारतीय जनसंघ के सांसद लोकसभा पहुंचे. इस दौरान 1975 में आपातकाल की घोषणा हुई. इंदिरा गांधी ने सभी विपक्ष नेताओं को जेल भेजना शुरू कर दिया. इसके बाद सारे दल इकट्ठा हो गए और जनता पार्टी नाम के संगठन बनाया."
पहली बार बने दो सांसद: अमित नेहरा ने बताया "1977 में जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई, हालांकि सरकार ज्यादा दिन तक नहीं टिकी और 1979 में सरकार गिर गई. इसके बाद 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई और अटल बिहारी वाजपेई बीजेपी के पहले अध्यक्ष बनें. 1984 में इंदिरा गांधी का मर्डर हो गया और इसी बीच कांग्रेस को सहानुभूति मिली. कांग्रेस को रिकॉर्डतोड़ जीत मिली और सरकार बनाई. बीजेपी के पहली बार दो सांसद बने."
ऐसे बढ़ता गया बीजेपी का दबदबा: वरिष्ठ पत्रकार ने बताया "1989 में बीजेपी को 85 सीटें मिली. इसके बाद 1996 में 161 सीटें लाकर पहली बार बीजेपी बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी. 13 दिन के लिए अटल बिहारी वाजपेई देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन बहुमत ना साबित करने की वजह से उनको इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 182 सीटें आई उसके ठीक 1 साल बाद फिर से लोकसभा के चुनाव हुए. जब बीजेपी को फिर से 182 सीटें आई. 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में 138 सीटें बीजेपी को आई. 2009 में 116 सीट बीजेपी के हिस्से आई. 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटें लाकर बीजेपी ने सरकार बनाई."
हरियाणा में बीजेपी का इतिहास: हरियाणा में बीजेपी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने बताया "पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा में बीजेपी का कोई जनाधार नहीं था, लेकिन डॉक्टर मंगल सेन पार्टी की बुनियाद रखी. पंजाब से अलग होने के ठीक 1 साल बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए. इस विधानसभा चुनाव में डॉक्टर मंगल सेन विधायक बने और वो अकेले ऐसे विधायक थे, जो सात बार विधायक चुने गए. डॉक्टर मंगल भारतीय जनसंघ के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते थे. वो हमेशा अपने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलते थे.
बीजेपी के 6 विधायकों को मिली जीत: आपको बता दें जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तो मंगल सेन भारत आ गए और रोहतक में आकर बस गए. जहां से वो सात बार विधायक चुने गए. मंगल सिंह की सबसे खास बात ये रही कि वो विधायक होने के बावजूद रोहतक में एक किराए के घर में रहे. हरियाणा विधानसभा चुनाव 1967 में 12 विधायक भारतीय जनसंघ के जीत कर आये और इससे बीजेपी को बहुत ज्यादा मजबूती मिली. जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ उसके बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव 1982 में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी के 6 विधायक जीत कर आये. जिसमें से रोहतक से डॉक्टर मंगल सेन, अंबाला सिटी से शिवप्रसाद, साढौरा से भागमल, सोनीपत से देवीदास, महेंद्रगढ़ से रामविलास शर्मा और पानीपत से फतेह चंद ने चुनाव जीता."
आपको बता दें डॉक्टर मंगल सेन देवीलाल सरकार में 1977 से 1979 तक उप मुख्यमंत्री भी रहे. धीरे-धीरे बीजेपी का कुनबा बढ़ता गया और फिर 2014 में 47 सीटें लेकर भाजपा ने सरकार बनानी. 2019 में बीजेपी ने 40 सीट जीती. निर्दलीय और जननायक जनता पार्टी के साथ बीजेपी ने सरकार बनाई.
लोकसभा चुनाव में चला मोदी मैजिक: दूसरी ओर लोकसभा चुनाव को लेकर भी भारतीय जनसंघ पूरी तरह से तैयार था. पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा में पहली बार 1967 में लोकसभा चुनाव हुए. इस लोकसभा चुनाव में सूरजभान अंबाला सीट से जनसंघ के पहले सांसद बने, फिर भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ और 1984 से लेकर 1991 तक बीजेपी का कोई भी कैंडिडेट लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाए. 1996 में हरियाणा में लोकसभा चुनाव में बीजेपी 10 में से चार सीटें जीती. जिसमें से फरीदाबाद से रामचंद्र, करनाल से ईश्वर दयाल स्वामी, महेंद्रगढ़ से राम सिंह, अंबाला से सूरजभान सांसद बने. मोदी लहर में यानी 2014 में 7 सीटें बीजेपी ने जीती. वहीं 2019 में 10 की 10 लोकसभा बीजेपी ने जीती.
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