चतरा: चतरा से दो बार के सांसद सुनील सिंह की जगह कालीचरण सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. कालीचरण सिंह पहले बीजेपी के झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं. चतरा डीसी ऑफिस के बगल में उनका अपना आवास है. कालीचरण सिंह मूल रूप से धमनिया मोड़ के पास शोनबिगहा गांव के निवासी हैं. उनके पूर्वज इसी गांव के थे. भाजपा में उन्होंने निस्वार्थ भाव से पार्टी और जनता के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं की मांग पर इस बार पार्टी ने चतरा लोकसभा चुनाव में पहली बार किसी स्थानीय उम्मीदवार को टिकट दिया है. किसी स्थानीय को प्रत्याशी बनाए जाने से भाजपा कार्यकर्ता भी काफी खुश हैं.
स्थानीय सांसद उम्मीदवार की मांग था मुख्य चुनावी मुद्दा
आपको बता दें कि इस बार चतरा संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए मुख्य चुनावी मुद्दा स्थानीय सांसद उम्मीदवार का था, जिसके लिए बीजेपी ने स्थानीय कालीचरण सिंह को टिकट दिया है. दरअसल, जब से चतरा लोकसभा अस्तित्व में आई है, तब से एक बार भी कोई स्थानीय व्यक्ति सांसद नहीं बन सका है. यहां से अब तक जितने भी प्रतिनिधि चुने गये हैं, वे इस क्षेत्र से बाहर के हैं.
चतरा के अबतक के सांसद
अगर 1957 से 1971 तक के दौर की बात करें तो रामगढ़ राजघराने की महारानी विजया राजे लगातार तीन बार सांसद चुनी गईं. इसके अलावा 1971 में बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले साहित्यकार डॉ. शंकर दयाल सिंह चतरा के सांसद रहे. 1977 में बिहार के जहानाबाद के रहने वाले सुखदेव प्रसाद वर्मा सांसद बने. 1977 के बाद भी सभी चुनावों में स्थानीय सांसद नहीं चुना गया. अगर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो चतरा लोकसभा सीट पर बिहार के पटना के रहने वाले सुनील कुमार सिंह बीजेपी से सांसद चुने गए थे.