रांची: महाराष्ट्र के साथ झारखंड में विधानसभा चुनाव होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है. ऐसे में राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी लगातार आक्रामक रूप से कुछ न कुछ राजनीतिक कार्यक्रम हर दिन आयोजित कर रही है. अपने सहयोगी दल आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो के साथ सीट शेयरिंग को लेकर प्रारंभिक स्तर पर भाजपा के बड़े नेताओं की एक बैठक भी हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन के दलों के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर एक औपचारिक बैठक तक नहीं हो सकी है.
इंडिया ब्लॉक विभिन्न मुद्दों में उलझा!
राजनीति के जानकार बताते हैं कि एक योजना के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को कभी बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर तो कभी विधि-व्यवस्था के लचर हालात, युवाओं के हक और अधिकार के नाम पर फंसाए रखा है तो फिर चंपाई सोरेन को भाजपा में शामिल करा कर झारखंड मुक्ति मोर्चा को जोरदार झटका दे दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने एक के बाद एक अपनी आक्रामक शैली से झामुमो नेतृत्व को लगातार इस कदर उलझाए रखा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और इंडिया ब्लॉक के भावी स्वरूप की सोच भी नहीं सका है.
महागठबंधन में तारतम्यता का अभाव-बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि भाजपा अपना काम कर रही है . भाजपा उन्ही मुद्दों को उठा रही है जो झारखंड के मुद्दे हैं और आदिवासियों-मूलवासियों के मुद्दे हैं . उन्होंने कहा कि संथाल में डेमोग्राफी चेंज की वजह से आदिवासी खतरे में हैं. महिलाओं पर जुल्म बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2019 में जिन वादों के साथ हेमंत सरकार सत्ता में आई वे वादे पूरे नहीं हुए. ऐसे में हम विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. अब अगर महागठबंधन के दल एक साथ नहीं बैठ रहे तो इसमें हम कहां दोषी हैं. उन्होंने कहा कि महागठबंधन और इंडिया ब्लॉक में तारतम्यता का अभाव है. इसलिए अभी तक एक भी बैठक नहीं हुई है. इसके लिए वो खुद जिम्मेवार हैं.
भाजपा ने हमें फंसाया नहीं, खुद फंस गई है- झामुमो
राज्य में महागठबंधन के दलों के बीच मजबूत एकता का जिक्र करते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा जिन मुद्दों को उठाकर हमें फंसाए रखने की कोशिश कर रही थी, उन मुद्दों पर वह खुद फंस गई है. बांग्लादेशी घुसपैठ से लेकर तमाम मुद्दे बैक-फायर कर गए हैं. जनता अब पूछने लगी है कि अगर घुसपैठ हुआ है तो गृह मंत्रालय घुसपैठ रोकने में फेल कैसे हुई, कौन इसके लिए जिम्मेवार हैं.
हमारा एजेंडा और सीट फिक्स, शीघ्र फाइनल हो जाएगी बात
अभी तक महागठबंधन दलों के बीच एक भी औपचारिक बैठक नहीं होने को सामान्य बात मानते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि हम महागठबंधन के बीच बॉन्डिंग इतनी मजबूत है कि जल्द बैठक की कोई जरूरत नहीं है. हम सबों का लक्ष्य और एजेंडा फिक्स है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है.
हम लगातार एक-दूसरे से संवाद करते हैं-राकेश सिन्हा
इस संबंध में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि भले ही हमारी कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई हो, लेकिन एक-दूसरे के साथ लगातार संवाद होता रहता है. उन्होंने कहा कि हम महागठबंधन के दल अपने-अपने हिसाब से सीट का दावा करते हैं, यहीं लोकतंत्र की खूबसूरती है. उन्होंने कहा कि इस तरह की आजादी एनडीए में नहीं है. ऐसे में कहीं कोई दिक्कत नहीं है और ऑल इज वेल है.
गौरतलब हो कि अभी तक महागठबंधन या इंडिया ब्लॉक के दल झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले के नेताओं के बीच एक भी बैठक नहीं होने की वजह से कांग्रेस 33, राजद 22 सीट, झामुमो 45 से अधिक सीटों पर दावेदारी कर रहा है. भले ही महागठबंधन दलों के नेता यह कहे कि यह लोकतंत्र है, लेकिन इसके पीछे की वजह यह है कि महागठबंधन दलों के बीच अभी तक एक भी बैठक नहीं होना है.
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