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उपचुनाव पर बीजेपी का महामंथन, बैठक में प्रत्याशियों के नाम का पैनल हुआ तैयार - भाजपा का चुनावी मंथन

आज मुख्यमंत्री निवास में उपचुनाव को लेकर बैठक हुई. मीटिंग में सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर भाजपा नेताओं ने मंथन किया.

बीजेपी कोर कमेटी की बैठक
बीजेपी कोर कमेटी की बैठक (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 13, 2024, 1:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख का अभी एलान होना बाकी है. लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा ने उपचुनाव को लेकर कमर कस ली है. मुख्यमंत्री निवास में आज रविवार को भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर भाजपा नेताओं ने मंथन किया. इस दौरान टिकट वितरण को लेकर सामूहिकता से निर्णय करने और जातिगत राजनीति के बजाए विकासवाद के आधार पर चुनाव में जनता के बीच जाने की बात कही गई. मुख्यमंत्री निवास में आज सकारात्मक माहौल में बैठक हुई. जिसमें सामूहिकता से टिकट वितरण पर एक राय बनाने और माइक्रो मैनेजमेंट पर काम कर पार्टी को हर बूथ पर मजबूत बनाने को लेकर चर्चा की गई.

इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि सात सीटों पर उपचुनाव में भाजपा जीत कि ओर आगे बढ़ रही है. हरियाणा के बाद अब राजस्थान के उप चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी. भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस का झूठ और भ्रम का नकाब उतारकर फेंकना जरूरी है. इसके साथ ही उप चुनाव में विकास की नीति पर चुनाव लड़ने की भी बात कही गई है. भाजपा नेताओं ने कहा कि जातिवाद की राजनीति से ऊपर उठकर विकासवाद पर आगे बढ़ा जाएगा. राजस्थान में भाजपा सरकार के दस महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के बीच रखकर चुनाव लड़ने और कार्यकर्ताओं पर भरोसा रखकर जीत हासिल करने पर भी बैठक में मंथन किया गया. इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, सह प्रभारी विजया राहटकर, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद भागीरथ चौधरी और राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और रक्षा भंडारी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हुए. जबकि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक से जुड़े.

पढ़ें: हरियाणा चुनाव के नतीजों से महाराष्ट्र-झारखंड और राजस्थान के उपचुनाव में नहीं पड़ेगा फर्क : सचिन पायलट

दो दिन दिल्ली रहेंगे प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष : मुख्यमंत्री निवास पर बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ दिल्ली रवाना हुए. दोनों नेता दो दिन दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि लगातार बैठक और फीडबैक के जरिए हर सीट पर तीन-तीन दावेदारों का पैनल पहले तैयार कर लिया गया है. कोर कमेटी की बैठक में आज पैनल के नामों पर चर्चा कर सहमति बनाने की कवायद की गई. अब प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष इन नामों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने दिल्ली गए हैं.

सात सीटों पर विधानसभा चुनाव में यह थी स्थिति : प्रदेश में 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इन सात में से चार सीट कांग्रेस के कब्जे में थी. एक पर भाजपा का कब्जा था. जबकि एक-एक सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी के पास थी. टोंक से हरिशचंद्र मीणा, दौसा से मुरारीलाल मीणा, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला, नागौर से हनुमान बेनीवाल और बांसवाड़ा-डूंगरपुर से राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद क्रमशः देवली-उनियारा, दौसा, झुंझुनूं, खींवसर और चौरासी विधानसभा सीट खाली हुई है. जबकि सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा और रामगढ़ विधायक जुबैर खान के निधन से यह दोनों सीट खाली है.

जयपुर. राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख का अभी एलान होना बाकी है. लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा ने उपचुनाव को लेकर कमर कस ली है. मुख्यमंत्री निवास में आज रविवार को भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में सात सीटों पर उपचुनाव को लेकर भाजपा नेताओं ने मंथन किया. इस दौरान टिकट वितरण को लेकर सामूहिकता से निर्णय करने और जातिगत राजनीति के बजाए विकासवाद के आधार पर चुनाव में जनता के बीच जाने की बात कही गई. मुख्यमंत्री निवास में आज सकारात्मक माहौल में बैठक हुई. जिसमें सामूहिकता से टिकट वितरण पर एक राय बनाने और माइक्रो मैनेजमेंट पर काम कर पार्टी को हर बूथ पर मजबूत बनाने को लेकर चर्चा की गई.

इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि सात सीटों पर उपचुनाव में भाजपा जीत कि ओर आगे बढ़ रही है. हरियाणा के बाद अब राजस्थान के उप चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी. भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस का झूठ और भ्रम का नकाब उतारकर फेंकना जरूरी है. इसके साथ ही उप चुनाव में विकास की नीति पर चुनाव लड़ने की भी बात कही गई है. भाजपा नेताओं ने कहा कि जातिवाद की राजनीति से ऊपर उठकर विकासवाद पर आगे बढ़ा जाएगा. राजस्थान में भाजपा सरकार के दस महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के बीच रखकर चुनाव लड़ने और कार्यकर्ताओं पर भरोसा रखकर जीत हासिल करने पर भी बैठक में मंथन किया गया. इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, सह प्रभारी विजया राहटकर, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद भागीरथ चौधरी और राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और रक्षा भंडारी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हुए. जबकि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक से जुड़े.

पढ़ें: हरियाणा चुनाव के नतीजों से महाराष्ट्र-झारखंड और राजस्थान के उपचुनाव में नहीं पड़ेगा फर्क : सचिन पायलट

दो दिन दिल्ली रहेंगे प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष : मुख्यमंत्री निवास पर बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ दिल्ली रवाना हुए. दोनों नेता दो दिन दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि लगातार बैठक और फीडबैक के जरिए हर सीट पर तीन-तीन दावेदारों का पैनल पहले तैयार कर लिया गया है. कोर कमेटी की बैठक में आज पैनल के नामों पर चर्चा कर सहमति बनाने की कवायद की गई. अब प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष इन नामों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने दिल्ली गए हैं.

सात सीटों पर विधानसभा चुनाव में यह थी स्थिति : प्रदेश में 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इन सात में से चार सीट कांग्रेस के कब्जे में थी. एक पर भाजपा का कब्जा था. जबकि एक-एक सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी के पास थी. टोंक से हरिशचंद्र मीणा, दौसा से मुरारीलाल मीणा, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला, नागौर से हनुमान बेनीवाल और बांसवाड़ा-डूंगरपुर से राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद क्रमशः देवली-उनियारा, दौसा, झुंझुनूं, खींवसर और चौरासी विधानसभा सीट खाली हुई है. जबकि सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा और रामगढ़ विधायक जुबैर खान के निधन से यह दोनों सीट खाली है.

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