देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. चुनावी बयानबाजी के बीच जीत के नए दावे भी किया जा रहे हैं. खासकर बीजेपी ने पिछले चुनाव के रिकॉर्ड और संगठन की तैयारी को देखते हुए अब हर लोकसभा सीट को 5 लाख मतों से जीतने का दावा किया है. यह दावा कितना दमदार है, इसे समझने के लिए पिछले चुनाव के परिणामों को भी देखना जरूरी है.
उत्तराखंड में वैसे तो पांच सीटों पर बीजेपी ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को रिझाने में लगी है, लेकिन रिकार्ड बताते हैं कि राज्य की तीन पहाड़ी जिलों की लोकसभाएं बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा मुफीद हैं. ऐसे में एक नजर पांचों लोकसभा सीटों पर डालते हैं और जानते हैं बीजेपी ने पिछले चुनाव में जीत का कितना मार्जिन हासिल किया.
टिहरी लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में जीत का मार्जिन: टिहरी लोकसभा सीट पर साल 2014 में बीजेपी ने 1,92,503 मतों से जीत हासिल की. साल 2019 में जीत का मार्जिन बढ़कर 3,00,586 हो गया. इस तरह अब 2024 के चुनाव में यही आंकड़े लेकर बीजेपी 5 लाख का मार्जिन तय कर चुकी है.
गढ़वाल लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में जीत का मार्जिन: साल 2014 में बीजेपी प्रत्याशी भुवन चंद्र खंडूड़ी ने 1,84,526 मतों से जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के हरक सिंह रावत को हराया था. उधर, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के तीरथ सिंह रावत ने कांग्रेस से भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी को 3,02,669 वोटों से हराया. जबकि, साल 2009 में इस सीट पर कांग्रेस के सतपाल महाराज चुनाव जीते थे.
सतपाल महाराज ने बीजेपी के टीपीएस रावत को 17,397 वोट से हराया था. यानी जीत का मार्जिन काफी कम था. इस सीट पर खास बात ये है कि मनीष खंडूड़ी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इसी तरह सतपाल महाराज भी बीजेपी सरकार में मंत्री हैं. यानी इस सीट के दिग्गज नेता अब बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. अब बीजेपी इस सीट को 5 लाख के मार्जिन से जीतने का दावा कर रही है.
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में जीत का मार्जिन: साल 2009 के बाद लगातार आमने-सामने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा और बीजेपी से अजय टम्टा रहे हैं. साल 2009 में कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ने बीजेपी के अजय टम्टा को 6,523 के मामूली अंतर से हराया था. इसके बाद साल 2014 में मोदी लहर में अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 95,690 वोटों से हराया. जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय टम्टा ने एक बार फिर कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 2,32,986 वोटों से हराया.
इससे पहले साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट जीती थी, तब केसी बाबा ने बीजेपी के बच्ची सिंह रावत को 88,412 वोटों से हराया था. इस सीट पर फिर एक बार अजय भट्ट चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने भी 5 लाख के मार्जिन से यह सीट जीतने का दावा किया है.
हरिद्वार लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में जीत का मार्जिन: साल 2019 में रमेश पोखरियाल निशंक ने कांग्रेस के अमरीश कुमार को 2,58,729 वोटों से हराया. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में रमेश पोखरियाल निशंक ने कांग्रेस से हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को 1,77,822 वोटो से हराया था. इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश रावत ने यतींद्रानंद गिरी को 1,27,412 वोटों से हराया था.
इस तरह देखा जाए तो पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशियों ने अपने प्रतिद्वंदियों को 2 लाख से ज्यादा मतों से हराया. जबकि, पर्वतीय जनपदों वाली लोकसभा सीटों पर जीत का मार्जिन 3 लाख से ज्यादा था. शायद यही कारण है कि अब बीजेपी इन सभी सीटों को 5 लाख के मार्जिन से जीतने का दावा कर रही है.
बीजेपी बोली- जनता ने कांग्रेस को ठुकराया, जीत का अंतर बढ़ेगा: बीजेपी के वरिष्ठ नेता केदार जोशी कहते हैं कि एक तरफ पुराने चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि कैसे जनता ने कांग्रेस को ठुकरा दिया है. जबकि, बीजेपी के संगठन ने बूथ स्तर पर जिस तरह से तैयारी की है, उससे अब जीत का अंतर बढ़ने वाला है.
कांग्रेस बोली- बीजेपी देख रही सपना: उत्तराखंड कांग्रेस हालांकि, सभी पांच सीटों पर 2009 की तरह ही वापसी करने का दावा कर रही है, लेकिन मोदी लहर में कांग्रेस के लिए पिछले आंकड़े चिंताजनक बने हुए हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि बीजेपी सपने में है और इसलिए वो सभी सीटों को जीतने का दावा कर रही है.
ये भी पढ़ें-
- लोकसभा प्रत्याशी बलूनी ने गढ़वाल के BJP विधायकों के साथ की बैठक, 5 लाख वोटों से जीत का किया दावा
- उत्तराखंड पर निर्भर बीजेपी का 400 पार का नारा, देवभूमि देगी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का संदेश!
- 2022 चुनाव में टूटे मिथक, आंकड़ों में बीजेपी को हुआ नुकसान, 2019 में तीन लाख के औसत से हारी थी कांग्रेस
- लोकसभा चुनाव 2024 में दांव पर सियासी 'सूरमाओं' की साख, हाईकमान के सामने खुद को करना है साबित