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शिष्या के हाथों पराजित हुआ BJP प्रत्याशी, जमानत हुई जब्त - Lahaul Sapiti By election result

Lahaul Sapiti By election: विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा राणा ने लाहौल-स्पीति सीट से जीत हासिल कर ली है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला था. अनुराधा राणा ने जयराम सरकार में मंत्री रहे डॉ. रामलाल मारकंडा जो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में थे व बीजेपी प्रत्याशी रवि ठाकुर को पटखनी दी है.

Lahaul Sapiti By election
कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा ठाकुर और बीजेपी प्रत्याशी रवि ठाकुर (सोशल मीडिया)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 3:12 PM IST

Updated : Jun 5, 2024, 3:20 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीटों पर कब्जा जमाया. वहीं, भाजपा को मात्र दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में भी कांग्रेस की मेहनत रंग लाई और 52 साल के बाद महिला प्रत्याशी अनुराधा राणा ने जीत हासिल की.

बीजेपी प्रत्याशी की जमानत हुई जब्त:

अनुराधा राणा ने अपने गुरु रवि ठाकुर को करारी हार दी. वहीं, रवि ठाकुर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. विधानसभा चुनाव में रवि ठाकुर ठाकुर को 3029 वोट मिले जबकि जमानत बचाने के लिए उन्हें 3300 से अधिक वोटों की जरूरत थी. ऐसे में विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी रवि ठाकुर तीसरे स्थान पर रहे. राजनीतिक गलियों में भी यही चर्चा चल रही है कि रवि ठाकुर अपनी ही शिष्या अनुराधा राणा से विधानसभा का उपचुनाव हार गए.

Congress Candidate Anuradha Rana win
कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा राणा की हुई जीत (ETV Bharat GFX)

अनुराधा राणा इससे पहले जिला परिषद अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रही थीं. अनुराधा राणा सरकारी विभाग में आउटसोर्सिंग पर भी काम कर चुकी हैं. पंचायती राज चुनाव में रवि ठाकुर ने ही उन्हें सिस्सू वॉर्ड से जिला परिषद सदस्य के लिए चुनावी मैदान में उतारा था.

अनुराधा राणा ने जिला परिषद का चुनाव जीता था. वहीं, अनुराधा राणा जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर काबिज हुईं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा सांसद के चुनाव के दौरान जब छह विधायकों ने कांग्रेस से खिलाफत की तो इनमें लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर भी शामिल थे.

रवि ठाकुर ने राज्यसभा के चुनाव में अपना वोट भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन को दिया और कांग्रेस को अलविदा कह दिया. ऐसे में भाजपा के द्वारा रवि ठाकुर को अपनाया गया और लाहौल स्पीति उपचुनाव में उन्हें चुनावी मैदान में उतारा.

हालांकि रवि ठाकुर के चुनावी प्रचार के लिए उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री लगातार लाहौल में डटे रहे और भाजपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री महेंद्र ठाकुर भी लाहौल-स्पीति में चुनावी रणनीति बनाते रहे लेकिन उनकी चुनावी रणनीति किसी काम नहीं आई.

लाहौल-स्पीति में अनुराधा राणा के पक्ष में प्रचार करने के लिए मंत्री जगत नेगी, सीपीएस सुंदर ठाकुर, मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ लगातार लाहौल-स्पीति का दौरा करते रहे और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने भी अनुराधा राणा के पक्ष में चुनावी प्रचार किया था.

मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि लाहौल-स्पीति में उन्होंने एक ऐसी ईमानदार प्रत्याशी को टिकट दिया है जिसके खाते में मात्र 20 हजार रुपये थे. ऐसे में लाहौल-स्पीति की जनता ने 52 साल के बाद महिला प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताया और विधानसभा उपचुनाव में अपना वोट देकर विधानसभा की दहलीज पार करवाई.

ये भी पढ़ें: पहली बार लड़ा चुनाव और जीत गई महिला शक्ति, कंगना बनीं क्वीन, 31 साल की अनुराधा बनीं विधायक

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीटों पर कब्जा जमाया. वहीं, भाजपा को मात्र दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में भी कांग्रेस की मेहनत रंग लाई और 52 साल के बाद महिला प्रत्याशी अनुराधा राणा ने जीत हासिल की.

बीजेपी प्रत्याशी की जमानत हुई जब्त:

अनुराधा राणा ने अपने गुरु रवि ठाकुर को करारी हार दी. वहीं, रवि ठाकुर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. विधानसभा चुनाव में रवि ठाकुर ठाकुर को 3029 वोट मिले जबकि जमानत बचाने के लिए उन्हें 3300 से अधिक वोटों की जरूरत थी. ऐसे में विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी रवि ठाकुर तीसरे स्थान पर रहे. राजनीतिक गलियों में भी यही चर्चा चल रही है कि रवि ठाकुर अपनी ही शिष्या अनुराधा राणा से विधानसभा का उपचुनाव हार गए.

Congress Candidate Anuradha Rana win
कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा राणा की हुई जीत (ETV Bharat GFX)

अनुराधा राणा इससे पहले जिला परिषद अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रही थीं. अनुराधा राणा सरकारी विभाग में आउटसोर्सिंग पर भी काम कर चुकी हैं. पंचायती राज चुनाव में रवि ठाकुर ने ही उन्हें सिस्सू वॉर्ड से जिला परिषद सदस्य के लिए चुनावी मैदान में उतारा था.

अनुराधा राणा ने जिला परिषद का चुनाव जीता था. वहीं, अनुराधा राणा जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर काबिज हुईं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा सांसद के चुनाव के दौरान जब छह विधायकों ने कांग्रेस से खिलाफत की तो इनमें लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर भी शामिल थे.

रवि ठाकुर ने राज्यसभा के चुनाव में अपना वोट भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन को दिया और कांग्रेस को अलविदा कह दिया. ऐसे में भाजपा के द्वारा रवि ठाकुर को अपनाया गया और लाहौल स्पीति उपचुनाव में उन्हें चुनावी मैदान में उतारा.

हालांकि रवि ठाकुर के चुनावी प्रचार के लिए उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री लगातार लाहौल में डटे रहे और भाजपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री महेंद्र ठाकुर भी लाहौल-स्पीति में चुनावी रणनीति बनाते रहे लेकिन उनकी चुनावी रणनीति किसी काम नहीं आई.

लाहौल-स्पीति में अनुराधा राणा के पक्ष में प्रचार करने के लिए मंत्री जगत नेगी, सीपीएस सुंदर ठाकुर, मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ लगातार लाहौल-स्पीति का दौरा करते रहे और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने भी अनुराधा राणा के पक्ष में चुनावी प्रचार किया था.

मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि लाहौल-स्पीति में उन्होंने एक ऐसी ईमानदार प्रत्याशी को टिकट दिया है जिसके खाते में मात्र 20 हजार रुपये थे. ऐसे में लाहौल-स्पीति की जनता ने 52 साल के बाद महिला प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताया और विधानसभा उपचुनाव में अपना वोट देकर विधानसभा की दहलीज पार करवाई.

ये भी पढ़ें: पहली बार लड़ा चुनाव और जीत गई महिला शक्ति, कंगना बनीं क्वीन, 31 साल की अनुराधा बनीं विधायक

Last Updated : Jun 5, 2024, 3:20 PM IST
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