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Jharkhand Election 2024: झामुमो के राज में नहीं हुआ विकास, भाजपा प्रत्याशी ने नलिन सोरेन पर कही ये बड़ी बात!

दुमका के शिकारीपाड़ा से भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन ने कहा सात बार से जीत रही झामुमो को पराजित करेंगे. क्योंकि उन्होंने विकास नहीं किया.

हेमंत सोरेन ने जनता के लिये कुछ नहीं किया
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 4, 2024, 5:30 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 5:56 PM IST

दुमकाः जिला का शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. इसकी वजह यह है कि पिछले सात बार से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नलिन सोरेन इस सीट से जीत हासिल करते आ रहे हैं लेकिन इस बार परिस्थितियां थोड़ी सी बदली नजर आर ही है.

नलिन सोरेन दुमका के सांसद हैं. झामुमो ने 2024 के विधानसभा चुनाव में नलिन सोरेन के पुत्र आलोक सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया ताकि वे अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा सकें. अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या आलोक सोरेन अपने पिता की तरह आसानी से शिकारीपाड़ा में जीत हासिल कर पाएंगे.

ईटीवी भारत के साथ भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन की खास बातचीत (Etv Bharat)

BJP ने परितोष सोरेन को लगातार दूसरी बार उम्मीदवार बनाया

इस बार भाजपा ने परितोष सोरेन को लगातार दूसरी बार अपना उम्मीदवार बनाया है. परितोष सोरेन के बारे में बता दें ये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के करीबी माने जाते हैं और इन्होंने 2009 और 2014 में झारखंड विकास मोर्चा से भी शिकारीपाड़ा का चुनाव लड़ा था. फिर 2019 में परितोष भाजपा के उम्मीदवार बने लेकिन सफलता नहीं मिली.

अब 2024 में वे फिर से मैदान में हैं. इस बार अंतर यही है कि उनके खिलाफ पहली बार चुनाव लड़ रहे आलोक सोरेन हैं. आलोक, नलिन सोरेन के पुत्र होने के साथ लंबे समय से झामुमो के केन्द्रीय समिति के सदस्य भी हैं. आलोक सोरेन के साथ खास बात यह भी है कि उनकी माता जॉयस बेसरा, दुमका जिला परिषद की अध्यक्ष भी है.

परितोष सोरेन ने कहा- इस बार हमारी जीत पक्की

शिकारीपाड़ा के भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यह चौथा मौका है जब मैं चुनावी मैदान में हूं. मेरे पास चार बार का अनुभव है. भाजपा के कुशल नेतृत्व ने शिकारीपाड़ा सीट के लिए विशेष रणनीति तैयार की है. दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा लगातार शिकारीपाड़ा सीट पर जीत दर्ज करती तो आई है लेकिन वहां विकास के नाम पर जनता को ठगा गया है.

परितोष सोरेन ने कहा आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. अगर कोई बीमार पड़ता है तो खटिया पर टांग कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है. नलिन सोरेन जो लगातार विधायक बनते रहे हैं उन्होंने जनता की कभी सुधि नहीं ली. उन्होंने कहा कि शिकारीपाड़ा क्षेत्र में आदिवासी संथाल और अल्पसंख्यक वोटर 60% से अधिक है, जिसके वोट के बदौलत नलिन सोरेन विधायक बनते रहे पर किसी के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. इस बार लोगों का विश्वास हमारे तथा भाजपा के साथ है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार शिकारीपाड़ा सीट पर कमल फूल खिलेगा.

किसी भी वर्ग के लिए हेमंत सोरेन ने नहीं किया काम

परितोष सोरेन का कहना है कि झारखंड में जो पिछले 05 वर्षों से हेमंत सोरेन की सरकार चल रही है जनता उससे त्रस्त है. आज पूरे राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. महिलाओं के प्रति हिंसा काफी बढ़ी है. किसी के हित में कोई काम नहीं हो पाया है. जनता अब बदलाव के मूड में है और इसका फायदा शिकारीपाड़ा में भी भाजपा को मिलने जा रहा है.

यह भी पढ़ें:

गढ़वा पीएम मोदी का संबोधन, मौजूदा सरकार को कहा- तुम्हारी विदाई पक्की

दुमका के चार विधानसभा क्षेत्रों से किसी प्रत्याशी ने नहीं लिया नाम वापस, सभी को मिला पार्टी नाम व चुनाव चिन्ह

असम के मुख्यमंत्री अपना वोटर कार्ड यहीं बनाने के लिए परेशान हो गये हैं- बसंत सोरेन

दुमकाः जिला का शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. इसकी वजह यह है कि पिछले सात बार से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नलिन सोरेन इस सीट से जीत हासिल करते आ रहे हैं लेकिन इस बार परिस्थितियां थोड़ी सी बदली नजर आर ही है.

नलिन सोरेन दुमका के सांसद हैं. झामुमो ने 2024 के विधानसभा चुनाव में नलिन सोरेन के पुत्र आलोक सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया ताकि वे अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा सकें. अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या आलोक सोरेन अपने पिता की तरह आसानी से शिकारीपाड़ा में जीत हासिल कर पाएंगे.

ईटीवी भारत के साथ भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन की खास बातचीत (Etv Bharat)

BJP ने परितोष सोरेन को लगातार दूसरी बार उम्मीदवार बनाया

इस बार भाजपा ने परितोष सोरेन को लगातार दूसरी बार अपना उम्मीदवार बनाया है. परितोष सोरेन के बारे में बता दें ये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के करीबी माने जाते हैं और इन्होंने 2009 और 2014 में झारखंड विकास मोर्चा से भी शिकारीपाड़ा का चुनाव लड़ा था. फिर 2019 में परितोष भाजपा के उम्मीदवार बने लेकिन सफलता नहीं मिली.

अब 2024 में वे फिर से मैदान में हैं. इस बार अंतर यही है कि उनके खिलाफ पहली बार चुनाव लड़ रहे आलोक सोरेन हैं. आलोक, नलिन सोरेन के पुत्र होने के साथ लंबे समय से झामुमो के केन्द्रीय समिति के सदस्य भी हैं. आलोक सोरेन के साथ खास बात यह भी है कि उनकी माता जॉयस बेसरा, दुमका जिला परिषद की अध्यक्ष भी है.

परितोष सोरेन ने कहा- इस बार हमारी जीत पक्की

शिकारीपाड़ा के भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यह चौथा मौका है जब मैं चुनावी मैदान में हूं. मेरे पास चार बार का अनुभव है. भाजपा के कुशल नेतृत्व ने शिकारीपाड़ा सीट के लिए विशेष रणनीति तैयार की है. दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा लगातार शिकारीपाड़ा सीट पर जीत दर्ज करती तो आई है लेकिन वहां विकास के नाम पर जनता को ठगा गया है.

परितोष सोरेन ने कहा आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. अगर कोई बीमार पड़ता है तो खटिया पर टांग कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता है. नलिन सोरेन जो लगातार विधायक बनते रहे हैं उन्होंने जनता की कभी सुधि नहीं ली. उन्होंने कहा कि शिकारीपाड़ा क्षेत्र में आदिवासी संथाल और अल्पसंख्यक वोटर 60% से अधिक है, जिसके वोट के बदौलत नलिन सोरेन विधायक बनते रहे पर किसी के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. इस बार लोगों का विश्वास हमारे तथा भाजपा के साथ है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार शिकारीपाड़ा सीट पर कमल फूल खिलेगा.

किसी भी वर्ग के लिए हेमंत सोरेन ने नहीं किया काम

परितोष सोरेन का कहना है कि झारखंड में जो पिछले 05 वर्षों से हेमंत सोरेन की सरकार चल रही है जनता उससे त्रस्त है. आज पूरे राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. महिलाओं के प्रति हिंसा काफी बढ़ी है. किसी के हित में कोई काम नहीं हो पाया है. जनता अब बदलाव के मूड में है और इसका फायदा शिकारीपाड़ा में भी भाजपा को मिलने जा रहा है.

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असम के मुख्यमंत्री अपना वोटर कार्ड यहीं बनाने के लिए परेशान हो गये हैं- बसंत सोरेन

Last Updated : Nov 4, 2024, 5:56 PM IST
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